"प्रधानमंत्री संसद के दरवाजे पर झुकते हैं, वह नाटक है", शरद पवार ने पीएम नरेंद्र मोदी पर किया जबरदस्त हमला
By आशीष कुमार पाण्डेय | Published: February 21, 2024 10:54 AM2024-02-21T10:54:29+5:302024-02-21T11:02:43+5:30
शरद पवार ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर बेहद तीखा हमला करते हुए दावा किया कि जब संसद में आम लोगों से जुड़े गंभीर मुद्दों पर चर्चा होती है तो पीएम मोदी उस समय राज्यसभा में केवल 20 मिनट के लिए आते हैं।
!["Prime Minister bowing at the door of Parliament is a drama", Sharad Pawar launched a powerful attack on PM Narendra Modi | "प्रधानमंत्री संसद के दरवाजे पर झुकते हैं, वह नाटक है", शरद पवार ने पीएम नरेंद्र मोदी पर किया जबरदस्त हमला "Prime Minister bowing at the door of Parliament is a drama", Sharad Pawar launched a powerful attack on PM Narendra Modi | "प्रधानमंत्री संसद के दरवाजे पर झुकते हैं, वह नाटक है", शरद पवार ने पीएम नरेंद्र मोदी पर किया जबरदस्त हमला](https://d3pc1xvrcw35tl.cloudfront.net/sm/images/420x315/pawar-modi-ncp_202402286348.jpg)
फाइल फोटो
नई दिल्ली/मुंबई: देश के वयोवृद्ध राजनेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री शरद पवार ने बीते मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर बेहद तीखा हमला करते हुए दावा किया कि जब संसद में आम लोगों से जुड़े गंभीर मुद्दों पर चर्चा होती है तो पीएम मोदी उस समय राज्यसभा में केवल 20 मिनट के लिए आते हैं। एनसीपी (शरद पवार गुट) के मुखिया ने पीएम मोदी पर तंज कसते हुए कहा कि वो संसद के दरवाजे पर झुकने का केवल नाटक करते हैं।
समाचार एजेंसी पीटीआई के अनुसार मुताबिक कोल्हापुर में मारे गए वामपंथी नेता गोविंद पानसरे के स्मारक का अनावरण करने के लिए आयोजित एक समारोह में बोलते हुए शरद पवार ने कहा, "संसद सत्र की शुरुआत में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी संसद के दरवाजे पर झुकते हैं, वह केवल उनका नाटक मात्र है।"
इसके साथ शरद पवार ने पीएम मोदी का नाम लिए बिना उन्हें आरोपों के कटघरे में खड़ा करते हुए कहा कि भारत में लगातार सत्ता का दुरुपयोग हो रहा है।
पवार ने पीएम मोदी पर परोक्ष आरोप लगाते हुए कहा, "आज देश में सत्ता का जमकर दुरुपयोग किया जा रहा है। स्वतंत्र आवाज़ को दबाया जा रहा है। स्वतंत्र लेखन पर प्रतिबंध लगाए जा रहे हैं और समाचार चैनलों को अवरुद्ध किया जा रहा है। इसका मतलब है कि सत्ता में बैठे लोगों को मौलिक अधिकारों पर हमलों की कोई परवाह नहीं है।"
उन्होंने हेमंत सोरेन के मामले को उठाते हुए कहा, "झारखंड में एक आदिवासी मुख्यमंत्री के खिलाफ फर्जी मामले थोपे गए और उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया। दिल्ली में सरकार के मंत्रियों को जेल में डालकर अरविंद केजरीवाल को परेशान किया जा रहा है।"
शरद पावर ने सरकार पर प्रवर्तन निदेशालय जैसी केंद्रीय एजेंसियों का दुरुपयोग करने का आरोप लगाते हुए कहा, "लड़ाई सिर्फ चुनाव तक सीमित नहीं है बल्कि उन लोगों का समर्थन करने की शपथ लिया जाना चाहिए, जिन पर अत्याचार किया जा रहा है और इसके लिए सभी समान विचारधारा वाली प्रगतिशील शक्तियों को एक साथ आने की जरूरत है।"
एनसीपी (शरद पवार गुट) के प्रमुख ने दिवंगत तर्कवादी नरेंद्र दाभोलकर और कन्नड़ विद्वान एमएम कलबुर्गी की हत्याओं को याद करते हुए कहा, "हमलावर सोचते हैं कि वे प्रगतिशील शक्तियों को नष्ट कर देंगे लेकिन वैचारिक लड़ाई को विचारधारा से लड़ने की जरूरत है। हालांकि, बिना किसी विचारधारा के प्रवृत्ति वाले लोग कानून को अपने हाथ में लेते हैं और इस तरह के कृत्य करते हैं।"