दिल्ली में कल से प्राइमरी स्कूल बंद, ऑड-ईवन भी लग सकता है, प्रदूषण को देखते हुए मुख्यमंत्री केजरीवाल का ऐलान
By विनीत कुमार | Published: November 4, 2022 11:24 AM2022-11-04T11:24:10+5:302022-11-04T12:12:44+5:30
दिल्ली में प्रदूषण की बिगड़ती स्थिति को देखते हुए अरविंद केजरीवाल सरकार ने प्राइमरी स्कूलों को 5 नवंबर से बंद करने का फैसला किया है। साथ ही गाड़ियों पर ऑड-ईवन फर्मूला लागू करने के भी संकेत दिए हैं।
नई दिल्ली: दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण की बिगड़ती स्थिति को देखते हुए मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने प्राइमरी स्कूलों को कल से बंद करने का फैसला किया। केजरीवाल ने शुक्रवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में इसका ऐलान किया।
केजरीवाल ने कहा कि प्रदूषण को चलते बच्चों को किसी समस्या का सामना नहीं करना पड़ा, इसका ख्याल रखा जाएगा। केजरीवाल ने साथ ही कहा कि 5वीं कक्षा से ऊपर के बच्चों के लिए आउटडोर एक्टिविटी भी अभी बंद रहेगी। ये तमाम बंदिशें प्रदूषण की स्थिति में सुधार आने तक लागू रहेंगी।
Primary schools in Delhi to be shut tomorrow onwards till the pollution situation in the National capital improves pic.twitter.com/XOIrB16nCL
— ANI (@ANI) November 4, 2022
'पंजाब में पराली जलाने की जिम्मेदारी लेते हैं'
पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान के साथ प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए केजरीवाल ने कहा कि उत्तर भारत को प्रदूषण से बचाने के लिए केंद्र को विशेष कदम उठाने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि यह दोषारोपण और राजनीति का समय नहीं है।
उन्होंने कहा, 'पंजाब में पराली जलाए जाने को लेकर हम पूरी जिम्मेदारी लेते हैं।' केजरीवाल ने कहा कि पंजाब में सरकार बनाए जाने के सिर्फ छह महीने हुए हैं। उन्होंने कहा, 'हमने इसे नियंत्रित करने के लिए कदम उठाए हैं। अगले साल तक पराली जलाने में कमी आएगी।'
वहीं, भगवंत मान ने कहा कि पंजाब में धान की भारी पैदावार के चलते पराली की मात्रा और बढ़ी है। उन्होंने अगले साल नवंबर तक इस समस्या का समाधान निकालने का वादा किया।
दिल्ली में लगेगा ऑड-ईवन!
अरविंद केजरीवाल ने संकेत दिए कि अगर हालात नहीं सुधरते हैं तो आने वाले दिनों में दिल्ली में गाड़ियों के लिए ऑड-ईवन फॉर्मूला इस साल फिर लगाया जा सकता है।
इस बीच बता दें कि सुप्रीम कोर्ट शुक्रवार को दिल्ली-एनसीआर में बढ़ते वायु प्रदूषण को रोकने के लिए पराली जलाने पर नए दिशा-निर्देश जारी करने की मांग वाली एक जनहित याचिका (पीआईएल) को सुनवाई के लिए 10 नवंबर को सूचीबद्ध करने पर सहमत हो गया। चीफ जस्टिस उदय उमेश ललित और जस्टिस बेला एम त्रिवेदी की पीठ ने वकील शशांक शेखर झा के प्रतिवेदन पर संज्ञान लिया।