किसान आंदोलन पर जींद में खापों की महापंचायत, राज्य सरकार से समर्थन वापस लेने के लिए विधायकों पर बनाया जाएगा दबाव

By भाषा | Published: December 1, 2020 08:04 PM2020-12-01T20:04:32+5:302020-12-01T20:04:32+5:30

Pressure will be put on MLAs to withdraw support from the state government on the Kisan movement, the Mahapanchayat of Khapas in Jind | किसान आंदोलन पर जींद में खापों की महापंचायत, राज्य सरकार से समर्थन वापस लेने के लिए विधायकों पर बनाया जाएगा दबाव

किसान आंदोलन पर जींद में खापों की महापंचायत, राज्य सरकार से समर्थन वापस लेने के लिए विधायकों पर बनाया जाएगा दबाव

जींद, एक दिसंबर केन्द्र के नए कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों के आंदोलन को लेकर मंगलवार को यहां हुई हरियाणा खापों की महापंचायत में निर्णय लिया गया कि राज्य सरकार से समर्थन वापस लेने के लिए किसान वर्ग से जुड़े विधायकों पर दबाव बनाया जाएगा।

खापों की महापंचायत का आयोजन अर्बन एस्टेट स्थित जाट धर्मशाला परिसर में किया गया। महापंचायत में किसान आंदोलन में प्रदेश से भागीदारी बढ़ाने और आंदोलनकारी किसानों के लिए राशन और आर्थिक मदद उपलब्ध कराने के लिए रणनीति बनाई गई।

खाप महापंचायत की अध्यक्षता चहल खाप के प्रदेश उपाध्यक्ष सूरजमल ने की।

महापंचायत में बिनैन खाप, हिसार की सतरोल खाप, चहल खाप, कंडेला खाप, पंघाल खाप, सहारण खाप, नांदल खाप, ढुल खाप, पंचग्रामी खाप, नौगामा खाप, किनाना बारहा खाप, चौगामा खाप, जाट महासभा, पूनिया खाप समेत 40 खापों के प्रतिनिधि मौजूद रहे। महापंचायत में कई गांवों के सरपंच भी मौजूद रहे।

खाप नेताओं ने कहा कि अगर सरकार आंदोलनकारी किसानों के साथ कुछ गलत करती है तो वे पीछे नहीं हटेंगे और आंदोलनकारी किसानों की हर तरह से मदद की जाएगी।

उन्होंने कहा कि गांवों से दूध एवं राशन दिल्ली भेजा जा रहा है और किसान भी आंदोलन में शामिल होने दिल्ली जा रहे हैं।

समैण सर्वखाप पंचायत के राष्ट्रीय प्रवक्ता सूबे सिंह समैण ने कहा कि कृषि कानूनों के विरोध में शांतिपूर्वक दिल्ली जा रहे किसानों को पंजाब सरकार ने नहीं रोका लेकिन हरियाणा सरकार ने उन्हें रोकने का प्रयास किया।

उन्होंने कहा कि किसान वर्ग से जुड़े विधायकों पर प्रदेश सरकार से समर्थन वापस लेने के लिए दबाव बनाया जाएगा। विधायकों से मुलाकात कर समर्थन वापस लेने की मांग की जाएगी और यदि वे ऐसा नहीं करते हैं तो उनका साथ नहीं दिया जाएगा तथा भविष्य में गांवों में उन्हें प्रवेश नहीं करने दिया जाएगा।

महापंचायत में हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर के उस बयान की निंदा की गई जिसमें उन्होंने कहा था कि आंदोलन में हरियाणा के किसान शामिल नहीं हैं।

खाप नेताओं ने दावा किया कि नए कृषि कानूनों का हरियाणा के किसान शुरू से ही विरोध कर रहे हैं।

उन्होंने कहा कि सरकार आंदोलन को कमजोर करने के हथकंडे अपना रही है और सतलुज यमुना लिंक (एसवाईएल) का मामला उछालकर पंजाब और हरियाणा के किसानों में फूट डालना चाहती है लेकिन दोनों राज्यों के किसान एकजुट हैं। राजनीतिक पार्टियां तो केवल इस पर राजनीति कर रही हैं और एसवाईएल का मामला भी दोनों राज्यों के किसान ही सुलझाएंगे।

इस बीच, सरपंच एसोसिएशन जींद ब्लॉक के प्रधान संदीप रूपगढ़ ने कहा कि ये कृषि कानून किसानों के हित में नहीं हैं।

वहीं, सर्व जातीय दाडन खाप चबूतरा पालवां पर खाप की बैठक हुई। इसकी अध्यक्षता खाप के प्रधान दलबीर खेड़ी मंसानिया ने की। बैठक में किसान आंदोलन को समर्थन देने का फैसला लिया गया।

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