राष्ट्रपति चुनावः NDA प्रत्याशी द्रौपदी मुर्मू को दी गई ‘जेड प्लस’ सुरक्षा, सशस्त्र दस्ते ने बुधवार तड़के संभाला सुरक्षा का जिम्मा

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: June 22, 2022 10:02 AM2022-06-22T10:02:21+5:302022-06-22T10:55:03+5:30

संथाल समुदाय में जन्मीं मुर्मू ने 1997 में रायरंगपुर नगर पंचायत में एक पार्षद के रूप में अपना राजनीतिक जीवन शुरू किया और वह वर्ष 2000 में ओडिशा सरकार में मंत्री बनीं।

Presidential election Z plus security given to NDA candidate Draupadi Murmu armed squad took over the responsibility | राष्ट्रपति चुनावः NDA प्रत्याशी द्रौपदी मुर्मू को दी गई ‘जेड प्लस’ सुरक्षा, सशस्त्र दस्ते ने बुधवार तड़के संभाला सुरक्षा का जिम्मा

राष्ट्रपति चुनावः NDA प्रत्याशी द्रौपदी मुर्मू को दी गई ‘जेड प्लस’ सुरक्षा, सशस्त्र दस्ते ने बुधवार तड़के संभाला सुरक्षा का जिम्मा

Highlights द्रौपदी मुर्मू को केन्द्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के जवानों से लैस ‘जेड प्लस’ सुरक्षा प्रदान की है अध्यक्ष जेपी नड्डा ने भाजपा की मंगलवार संसदीय बोर्ड की बैठक के बाद द्रोपदी मुर्मू के नाम का ऐलान कियाद्रोपदी मुर्मू को 2007 में ओडिशा विधानसभा द्वारा वर्ष के सर्वश्रेष्ठ विधायक के लिए नीलकंठ पुरस्कार से सम्मानित किया जा चुका है

नयी दिल्लीः केंद्र ने राष्ट्रपति पद के लिए चुनाव में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) की प्रत्याशी द्रौपदी मुर्मू को केन्द्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के जवानों से लैस ‘जेड प्लस’ सुरक्षा प्रदान की है। अधिकारियों ने बुधवार को यह जानकारी दी। एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि सशस्त्र दस्ते ने बुधवार तड़के मुर्मू (64) की सुरक्षा का जिम्मा संभाल लिया।

भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष जे. पी. नड्डा ने पार्टी की संसदीय बोर्ड की बैठक के बाद एक संवाददाता सम्मेलन में झारखंड की पूर्व राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू की राजद की ओर से राष्ट्रपति पद की प्रत्याशी होने की घोषणा की थी। इस बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सहित पार्टी के कई वरिष्ठ नेता शामिल हुए थे। अधिकारियों ने बताया कि इस घोषणा के तुरंत बाद, केंद्रीय गृह मंत्रालय ने सीआरपीएफ को मुर्मू की सुरक्षा की जिम्मेदारी संभालने के लिए अपने ‘वीआईपी’ सुरक्षा दल को तैनात करने का निर्देश दिया था। 

संथाल समुदाय में जन्मीं मुर्मू ने 1997 में रायरंगपुर नगर पंचायत में एक पार्षद के रूप में अपना राजनीतिक जीवन शुरू किया और वह वर्ष 2000 में ओडिशा सरकार में मंत्री बनीं। बाद में उन्होंने 2015 में झारखंड के राज्यपाल पद की जिम्मेदारी भी संभाली।

रायरंगपुर से दो बार विधायक रहीं मुर्मू ने 2009 में तब भी अपनी विधानसभा सीट पर कब्जा जमाया था, जब बीजद ने राज्य के चुनावों से कुछ हफ्ते पहले भाजपा से नाता तोड़ लिया था, जिसमें मुख्यमंत्री नवीन पटनायक की पार्टी बीजद ने जीत दर्ज की थी। बीस जून 1958 को जन्मीं मुर्मू झारखंड की पहली महिला राज्यपाल बनने का गौरव भी रखती हैं। बेहद पिछड़े और दूरदराज के जिले से ताल्लुक रखने वालीं मुर्मू ने गरीबी और अन्य समस्याओं से जुझते हुए भुवनेश्वर के रमादेवी महिला कॉलेज से कला में स्नातक किया और ओडिशा सरकार के सिंचाई और बिजली विभाग में एक कनिष्ठ सहायक के रूप में अपना करियर शुरू किया था।

मुर्मू को 2007 में ओडिशा विधानसभा द्वारा वर्ष के सर्वश्रेष्ठ विधायक के लिए नीलकंठ पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। उनके पास ओडिशा सरकार में परिवहन, वाणिज्य, मत्स्य पालन और पशुपालन जैसे मंत्रालयों को संभालने का अनुभव है। मुर्मू भाजपा की ओडिशा इकाई की अनुसूचित जनजाति मोर्चा की उपाध्यक्ष और बाद में अध्यक्ष भी रहीं। उन्हें 2013 में भाजपा राष्ट्रीय कार्यकारिणी (एसटी मोर्चा) के सदस्य के रूप में भी नामित किया गया था। मुर्मू का विवाह श्याम चरण मुर्मू से हुआ और दंपती के तीन संतान... दो बेटे और एक बेटी हुईं। मुर्मू का जीवन व्यक्तिगत त्रासदियों से भरा रहा है क्योंकि उन्होंने अपने पति और दोनो बेटों को खो दिया है। उनकी बेटी इतिश्री का विवाी गणेश हेम्ब्रम से हुआ है।

Web Title: Presidential election Z plus security given to NDA candidate Draupadi Murmu armed squad took over the responsibility

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