राष्ट्रपति ने कहा, ‘एक राष्ट्र - एक साथ चुनाव’ की व्यवस्था लाई जाए जिससे विकास तेज़ी से हो सके और देशवासी लाभान्वित हों

By भाषा | Updated: June 20, 2019 16:56 IST2019-06-20T16:56:07+5:302019-06-20T16:56:07+5:30

राष्ट्रपति ने कहा, ‘‘आज समय की मांग है कि ‘एक राष्ट्र - एक साथ चुनाव’ की व्यवस्था लाई जाए जिससे देश का विकास तेज़ी से हो सके और देशवासी लाभान्वित हों। ऐसी व्यवस्था होने पर सभी राजनैतिक दल अपनी विचारधारा के अनुरूप, विकास व जनकल्याण के कार्यों में अपनी ऊर्जा का और अधिक उपयोग कर पाएंगे।’’

President Ram Nath Kovind addressing joint sitting of both the Houses of the Parliament | राष्ट्रपति ने कहा, ‘एक राष्ट्र - एक साथ चुनाव’ की व्यवस्था लाई जाए जिससे विकास तेज़ी से हो सके और देशवासी लाभान्वित हों

विधि आयोग ने पिछले साल अगस्त में सरकारी धन बचाने के लिए लोकसभा और विधानसभा चुनाव साथ में कराने की सिफारिश की थी।

Highlightsसभी राजनीतिक दल अपनी विचारधारा के अनुरूप, विकास व जनकल्याण के कार्यों में अपनी ऊर्जा का और अधिक उपयोग कर पाएंगे।कोविंद ने कहा, ‘‘सभी दल, सभी राज्य और 130 करोड़ देशवासी, भारत के समग्र और त्वरित विकास के लिए एकमत हैं।

देश के अलग-अलग हिस्सों में बार-बार चुनाव होने से विकास की गति पर पड़ने वाले प्रभाव का जिक्र करते हुए राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने बृहस्पतिवार को सभी संसद सदस्यों से ‘एक राष्ट्र - एक साथ चुनाव’ के प्रस्ताव पर गंभीरता से विचार करने का अनुरोध किया।

एक दिन पहले ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सभी चुनाव एक साथ कराने के विषय पर विचार-विमर्श के लिए सर्वदलीय बैठक बुलाई थी। बैठक के बाद प्रधानमंत्री ने ‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’ के प्रस्ताव से संबंधित विभिन्न मुद्दों पर समयबद्ध सुझाव देने के लिए एक समिति के गठन की घोषणा की।

संसद के दोनों सदनों के संयुक्त अधिवेशन को संबोधित करते हुए राष्ट्रपति ने कहा, ‘‘आज समय की मांग है कि ‘एक राष्ट्र - एक साथ चुनाव’ की व्यवस्था लाई जाए जिससे देश का विकास तेज़ी से हो सके और देशवासी लाभान्वित हों।

ऐसी व्यवस्था होने पर सभी राजनीतिक दल अपनी विचारधारा के अनुरूप, विकास व जनकल्याण के कार्यों में अपनी ऊर्जा का और अधिक उपयोग कर पाएंगे।’’ उन्होंने सभी सांसदों का आह्वान किया कि वे ‘एक राष्ट्र - एक साथ चुनाव’ के विकासोन्मुख प्रस्ताव पर गंभीरता-पूर्वक विचार करें।

कोविंद ने कहा, ‘‘सभी दल, सभी राज्य और 130 करोड़ देशवासी, भारत के समग्र और त्वरित विकास के लिए एकमत हैं। हमारे जीवंत लोकतंत्र में पर्याप्त परिपक्वता आ गई है।’’ उन्होंने कहा कि पिछले कुछ दशकों के दौरान देश के किसी न किसी हिस्से में प्रायः कोई न कोई चुनाव आयोजित होते रहने से विकास की गति और निरंतरता प्रभावित होती रही है।

राष्ट्रपति ने कहा, ‘‘हमारे देशवासियों ने राज्य और राष्ट्रीय स्तर के मुद्दों पर, अपना स्पष्ट निर्णय व्यक्त करके, विवेक और समझदारी का प्रदर्शन किया है।’’ विधि आयोग ने पिछले साल अगस्त में सरकारी धन बचाने के लिए लोकसभा और विधानसभा चुनाव साथ में कराने की सिफारिश की थी।

हालांकि इस संबंध में कानून मंत्रालय को सौंपे गये मसौदे में कहा गया कि संविधान की मौजूदा रूपरेखा में एक साथ चुनाव संभव नहीं हैं। 

Web Title: President Ram Nath Kovind addressing joint sitting of both the Houses of the Parliament

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