नई दिल्लीः राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया, मंत्री सत्येंद्र जैन का इस्तीफा स्वीकार किया है। अधिसूचना जारी कर सूचना दी गई। राष्ट्रपति ने सौरभ भारद्वाज, आतिशी मार्लेना को दिल्ली सरकार में मंत्री नियुक्त किया है। दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना को आप नेताओं सत्येंद्र जैन और मनीष सिसोदिया के इस्तीफे प्राप्त हुए हैं, जिन्हें उन्होंने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को भेज दिए थे।
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने मंत्रिमंडल में नियुक्ति के लिए आम आदमी पार्टी (आप) की विधायक आतिशी और सौरभ भारद्वाज के नाम उपराज्यपाल को भेजे थे। मनीष सिसोदिया और सत्येंद्र जैन के इस्तीफे के बाद यह कदम उठाया गया था। भारद्वाज अभी पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता है और दिल्ली जल बोर्ड के उपाध्यक्ष के रूप में कार्यरत हैं।
ग्रेटर कैलाश से विधायक भारद्वाज ‘आप’ सरकार के पहले कार्यकाल में मंत्री भी थे। कालकाजी निर्वाचन क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करने वाली आतिशी, सिसोदिया के शिक्षा दल की प्रमुख सदस्य रही हैं। उन्होंने पूर्वी दिल्ली निर्वाचन क्षेत्र से 2019 का लोकसभा चुनाव भी लड़ा था, हालांकि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के गौतम गंभीर के सामने उन्हें हार का सामना करना पड़ा था।
दिल्ली आबकारी नीति के निर्माण और उसे लागू करने में कथित अनियमितताओं के सिलसिले में सिसोदिया को केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने गत रविवार को गिरफ्तार किया था। जैन को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने पिछले साल मई में धनशोधन के एक मामले में गिरफ्तार किया था।
आम आदमी पार्टी (आप) के नेताओं के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोपों को लेकर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के लगातार हमले के बीच मनीष सिसोदिया और सत्येंद्र जैन ने अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व वाले मंत्रिमंडल से इस्तीफा दे दिए। नए मंत्रियों की नियुक्ति होने तक सिसोदिया के विभाग कैलाश गहलोत और आनंद को दिए गए हैं।
भ्रष्टाचार के आरोपों में गिरफ्तार हुए दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के भरोसेमंद सहयोगी सिसोदिया और जैन ने मंत्रिमंडल से इस्तीफा दे दिया था। अधिकारियों के अनुसार, केजरीवाल ने दोनों नेताओं के इस्तीफे स्वीकार कर लिए थे। धनशोधन के एक मामले में पिछले साल मई में प्रवर्तन निदेशालय द्वारा जैन की गिरफ्तारी के बाद विपक्षी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) उनके इस्तीफे की मांग कर रही थी।
अगस्त 2022 में आबकारी नीति घोटाले में नाम आने के बाद सिसोदिया को भी आलोचनाओं का सामना करना पड़ा। रद्द की जा चुकी आबकारी नीति बनाने और उसके कार्यान्वयन में कथित भ्रष्टाचार के आरोप में केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया था।
(इनपुट एजेंसी)