पूर्वी लद्दाख में बॉर्डर पर चीन को करारा जवाब देने की तैयारी, भारत ने एयर डिफेंस मिसाइल किया तैनात
By अनुराग आनंद | Updated: June 27, 2020 21:36 IST2020-06-27T21:36:26+5:302020-06-27T21:36:26+5:30
लद्दाख में एयर डिफेंस मिसाइल सिस्टम की तैनाती से अब चीन के लड़ाकू विमान और हेलिकॉप्टर के लिए भारतीय हवाई क्षेत्र का उल्लंघन करना संभव नहीं होगा।

सांकेतिक तस्वीर (File Photo)
नई दिल्ली: भारत व चीन सीमा जारी तनाव के बीच भारत ने एलएसी पर एयर डिफेंस मिसाइल सिस्टम को तैनात कर दिया है। दरअसल, लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल (LAC) के उसपार चीन ने अपनी एयरफोर्स को तैनात कर रखा है।
हाल के दिनों में चीन के सर्विलांस एयरक्राफ्ट LAC के बेहद करीब तक उड़ते देखे गए हैं। इसी के जवाब में भारत ने यह कदम उठाया है।
भारतीय सेना ने सरफेश टू एयर में जवाब देने वाले मिसाईल की तैनाती की-
सीमा पर तनाव को बढ़ते देख भारतीय सेना ने हर तरह से कमर कस ली है। किसी भी परिस्थिति में चीन को मुंहतोड़ जवाब देने की तैयारी पूरी है। भारतीय वायुसेना ने अब मिसाइल डिफेंस सिस्टम तैनात कर दिया है। यह मिसाइल एडवांस्ड क्विक रिएक्शन वाला है। इसमें सरफेस-टू-एयर मिसाइल डिफेंस सिस्टम मौजूद है जो चीन के किसी भी फाइटर जेट को कुछ सेकेंड्स में तबाह कर सकता है।
चीनी सेना ने बॉर्डर पर सुखोई-30 की तैनाती की है-
बता दें कि पिछले दो हफ्तों में चीनी वायुसेना ने सुखोई-30 और अपने स्ट्रैटजिक बॉम्बर्स को एलएसी के पीछे तैनात किया है। उन्हें एलएसी के पास 10 किलोमीटर के दायरे में उड़ान भरते देखा गया है, जिसके बाद एयर डिफेंस सिस्टम की तैनाती का फैसला हुआ।
सरकारी सूत्रों ने बताया कि सेक्टर में भारतीय थलसेना और भारतीय वायुसेना दोनों के एयर डिफेंस सिस्टम तैनात कर दिए गए हैं ताकि चीनी वायुसेना या उसके हेलीकॉप्टरों की एलएसी पर किसी गलत हरकत से निपटा जा सके।
चीनी सेना के किसी प्रतक्रिया का जवाब देगा आकाश-
भारतीय सेना ने पूर्वी लद्दाख में 'आकाश' मिसाइलें भी भेजी हैं। आपको बता दें कि इसकी विशेषता ये है कि किसी भी तेज रफ्तार एयरक्राफ्ट या ड्रोन को सेकेंड्स में खाक कर सकती हैं। इसमें कई मॉडिफिकेशंस और अपग्रेड किए गए हैं ताकि इसे पहाड़ी इलाकों में भी उसी एक्युरेसी के साथ यूज किया जा सके।
भारत को जल्द ही रूस से S-400 मिलने वाला है। उसके बाद भारत पूरे इलाके की आसानी से हवाई निगरानी कर सकता है। पूर्वी लद्दाख सेक्टर में IAF के फाइटर एयरक्राफ्ट्स पहले से ही काफी सक्रिय हैं।



