Prayagraj Mahakumbh 2025: एकता का महायज्ञ संपन्न?, पीएम मोदी ने एक्स पर लिखा, शेयर की तस्वीरें और वीडियो
By सतीश कुमार सिंह | Updated: February 27, 2025 11:08 IST2025-02-27T11:03:23+5:302025-02-27T11:08:31+5:30
Prayagraj Mahakumbh 2025: महाकुंभ के पूर्ण होने पर जो विचार मन में आए, उन्हें मैंने कलमबद्ध करने का प्रयास किया है। समाज के हर वर्ग और हर क्षेत्र के लोग इस महाकुंभ में एक हो गए।

Prayagraj Mahakumbh 2025
Prayagraj Mahakumbh 2025: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने प्रयागराज में संपन्न महाकुंभ पर एक ब्लॉग पोस्ट लिखा है। महाकुंभ संपन्न हुआ...एकता का महायज्ञ संपन्न हुआ। प्रयागराज में एकता के महाकुंभ में पूरे 45 दिनों तक जिस प्रकार 140 करोड़ देशवासियों की आस्था एक साथ, एक समय में इस एक पर्व से आकर जुड़ी, वो अभिभूत करता है! महाकुंभ के पूर्ण होने पर जो विचार मन में आए, उन्हें मैंने कलमबद्ध करने का प्रयास किया है। समाज के हर वर्ग और हर क्षेत्र के लोग इस महाकुंभ में एक हो गए। ये एक भारत श्रेष्ठ भारत का चिर स्मरणीय दृश्य करोड़ों देशवासियों में आत्मविश्वास के साक्षात्कार का महापर्व बन गया। पवित्र आयोजन से जुड़ी रही, वह वाकई अभिभूत करने वाली है! महाकुंभ के समापन पर मैंने अपनी भावनाओं को शब्दों में पिरोने की कोशिश की है।
महाकुंभ संपन्न हुआ...एकता का महायज्ञ संपन्न हुआ। प्रयागराज में एकता के महाकुंभ में पूरे 45 दिनों तक जिस प्रकार 140 करोड़ देशवासियों की आस्था एक साथ, एक समय में इस एक पर्व से आकर जुड़ी, वो अभिभूत करता है! महाकुंभ के पूर्ण होने पर जो विचार मन में आए, उन्हें मैंने कलमबद्ध करने का… pic.twitter.com/TgzdUuzuGI
— Narendra Modi (@narendramodi) February 27, 2025
समाज के हर वर्ग और हर क्षेत्र के लोग इस महाकुंभ में एक हो गए। ये एक भारत श्रेष्ठ भारत का चिर स्मरणीय दृश्य करोड़ों देशवासियों में आत्मविश्वास के साक्षात्कार का महापर्व बन गया।— Narendra Modi (@narendramodi) February 27, 2025
प्रयागराज महाकुम्भ में शिवभक्ति में लीन हैं बच्चे। वे यहां पावन स्नान कर व्यवस्थाओं से गदगद हैं तो अपने दिल के उद्गार व्यक्त करने में कोई संकोच नहीं कर रहे हैं।
सुनिए इस बाल मन के मुख से देवाधिदेव महादेव का महामृत्युंजय मंत्र pic.twitter.com/4gmWmpkRYq— MahaKumbh 2025 (@MahaaKumbh) February 27, 2025
प्रयागराज में 45 दिनों तक विश्व का सबसे बड़ा धार्मिक एवं आध्यात्मिक समागम-महाकुंभ बुधवार को अंतिम स्नान पर्व महाशिवरात्रि के साथ संपन्न हो गया। तेरह जनवरी से प्रारंभ हुए इस मेले में देश विदेश से 66.30 करोड़ श्रद्धालुओं ने गंगा और संगम में डुबकी लगाई। मेला प्रशासन द्वारा जारी आंकड़ों के मुताबिक, बुधवार को शाम आठ बजे तक 1.53 करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं ने गंगा और संगम में डुबकी लगाई तथा 13 जनवरी से बुधवार शाम आठ बजे तक स्नान करने वालों की संख्या 66.30 करोड़ पहुंच गई।
महाकुम्भ ने संपूर्ण मानवता को एकता, सौहार्द और आस्था का अद्भुत संदेश दिया है।
— MahaKumbh 2025 (@MahaaKumbh) February 27, 2025
विश्वभर से आए श्रद्धालु यहाँ से 'एक भारत, श्रेष्ठ भारत' के भाव को आत्मसात कर लौटे। 67 करोड़+ श्रद्धालुओं ने पुण्य स्नान कर एक नया वैश्विक कीर्तिमान स्थापित किया है। pic.twitter.com/PY91GVvmlE
श्रद्धालुओं की यह संख्या चीन और भारत को छोड़कर अमेरिका, रूस और यूरोपीय देशों समेत सभी देशों की आबादी से अधिक है। साथ ही यह मक्का और वेटिकन सिटी जाने वाले श्रद्धालुओं से भी अधिक है। महाकुंभ अपनी स्वच्छता को लेकर भी चर्चा में रहा जिसमें स्वच्छता कर्मियों की अहम भूमिका रही।
महाकुम्भ के अद्भुत आयोजन में कई नए विश्व रिकॉर्ड बने हैं, जो हमारी सांस्कृतिक धरोहर और एकता का प्रतीक हैं।
— MahaKumbh 2025 (@MahaaKumbh) February 27, 2025
करोड़ों श्रद्धालुओं की भागीदारी, आस्था और समर्पण ने यह साबित किया कि भारतीय संस्कृति की विशालता और विविधता अद्वितीय है। pic.twitter.com/RrtqMjyhkq
महाकुंभ मेले में स्वच्छता प्रभारी डाक्टर आनंद सिंह ने बताया कि पूरे मेले में 15,000 स्वच्छताकर्मी चौबीसों घंटे ड्यूटी पर तैनात रहे। कई पालियों में उन्होंने साफ सफाई की जिम्मेदारी बखूबी निभाई और मेले में शौचालयों और घाटों को पूरी तरह से साफ रखा। सभी ने उनके कार्यों की सराहना की। महाकुंभ मेले में मौनी अमावस्या पर हुई भगदड़ की घटना से इसकी छवि थोड़ी धूमिल हुई, लेकिन श्रद्धालुओं की आस्था पर इस घटना का कोई खास असर नहीं पड़ा और लोगों का आगमन अनवरत जारी रहा। भगदड़ में 30 लोगों की मृत्यु हो गई थी।
सर्वसिद्धिप्रद: कुम्भ:
— MahaKumbh 2025 (@MahaaKumbh) February 27, 2025
भारत की सांस्कृतिक समृद्धि का प्रतीक 'महाकुम्भ 2025, प्रयागराज' में अब तक 67 करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं ने संगम के पवित्र जल में आस्था के साथ स्नान किया है। यह ऐतिहासिक आयोजन न केवल भारत की धार्मिक धरोहर का प्रतीक है, बल्कि यह आस्था, विश्वास और एकता का… pic.twitter.com/nSS2hYJr6i
महाकुंभ मेले में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से लेकर कई राज्यों के मुख्यमंत्रियों, फिल्मी सितारों और खेल जगत, उद्योग जगत की हस्तियों तक ने संगम में डुबकी लगाई और प्रदेश सरकार द्वारा की गई व्यवस्थाओं की सराहना की। इस महाकुंभ में नदियों के संगम के साथ ही प्राचीनता और आधुनिकता का भी संगम देखने को मिला जिसमें एआई से युक्त कैमरों, एंटी ड्रोन जैसी कई अत्याधुनिक प्रणालियों का उपयोग किया गया और मेला पुलिस को इन प्रणालियों का प्रशिक्षण दिया गया।
त्रिवेणी संगम के पावन तट पर श्रद्धा और भक्ति का महासंगम, जहाँ हर मन शिवमय हो उठा और हर कण में गूंज रहा है, हर-हर महादेव! pic.twitter.com/nPjKI2RnQJ
— MahaKumbh 2025 (@MahaaKumbh) February 27, 2025
तिलक करना न सिर्फ एक धार्मिक अनुष्ठान है, बल्कि यह भारतीय संस्कृति और आस्था की गहरी जड़ों को भी दर्शाता है।
यह दृश्य उस सम्पूर्ण परंपरा और विश्वास को दिखाता है, जिसमें प्रत्येक व्यक्ति, चाहे वह बच्चा हो या वृद्ध, महाकुम्भ जैसे महान आयोजन का हिस्सा बनता है, और एकता, श्रद्धा और… pic.twitter.com/QlQ2VMFlqE— MahaKumbh 2025 (@MahaaKumbh) February 27, 2025
हालांकि, यह मेला कई विवादों को लेकर भी चर्चा में रहा। जैसे, फिल्म अभिनेत्री ममता कुलकर्णी का महामंडलेश्वर बनना और उनको लेकर विवाद खड़ा होना। इसके अलावा, गंगा जल की शुद्धता को लेकर राष्ट्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (एनपीसीबी) की रिपोर्ट और फिर उस पर सरकार के हवाले से कई वैज्ञानिकों द्वारा गंगा जल की शुद्धता की पुष्टि करना भी चर्चा में रहा। हिंदुओं की मान्यता है कि ग्रह नक्षत्रों के विशेष संयोग से कुंभ और महाकुंभ में गंगा और संगम में स्नान करने से मोक्ष की प्राप्ति होती है।