प्रणब मुखर्जी की 'नमस्ते सदा वत्सले' करते फेक तस्वीर वायरल, बेटी शर्मिष्ठा ने कहा- मुझे इसी का डर था
By खबरीलाल जनार्दन | Published: June 8, 2018 12:25 PM2018-06-08T12:25:09+5:302018-06-08T12:47:55+5:30
शमिष्ठा मुखर्जी ने आरोप लगाया कि जिसका डर था, भाजपा/आरएसएस के ‘‘डर्टी ट्रिक्स डिपार्टमेंट’’ ने वही किया।
नई दिल्ली, 8 जूनः सोशल मीडिया में पूर्व राष्ट्रपति व दिग्गज कांग्रेसी नेता प्रणब मुखर्जी की राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के मुख्य कार्यालय में नमस्ते सदा वत्सले करते हुए ध्वज प्रणाम की फेक तस्वीरें वायरल हो गई हैं। उनकी असली तस्वीर में वह आरएसएस संघसरचालक मोहन भागवत व उच्च पदाधिकारियों के साथ ध्वज प्रणाम के मौके पर खड़े जरूर दिखाई दे रहे हैं लेकिन उन्होंने ध्वज प्रणाम के लिए संघ की खास मुद्रा नहीं धारण की है। प्रणब उस अवसर पर प्रार्थना के सम्मान में सावधान की मुद्रा में खड़े दिखाई दे रहे हैं। लेकिन सोशल मीडिया में वायरल हो रही तस्वीरों में फेक तरीके से उनके हाथों को कर प्रणाम वाली मुद्रा में दिखाया जा रहा है। साथ उन्हें संघ की काली टोपी भी पहना दी गई है। इस पर प्रणब मुखर्जी की बेटी शर्मिष्ठा मुखर्जी ने फिर से करारा हमला बोला है।
जिसका डर था, वही हुआ : शर्मिष्ठा
पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी की पुत्री एवं कांग्रेस नेता शमिष्ठा मुखर्जी ने कहा कि जिस बात का उन्हें डर था और अपने पिता को जिस बारे में उन्होंने आगाह किया था, वही हुआ। उन्होंने आरोप लगाया कि जिसका डर था, भाजपा/आरएसएस के ‘‘डर्टी ट्रिक्स डिपार्टमेंट’’ ने वही किया। उन्होंने कहा कि सोशल मीडिया पर छेड़छाड़ की गयी तस्वीरों में ऐसा नजर आ रहा है कि पूर्व राष्ट्रपति संघ नेताओं और कार्यकर्ताओं की तरह अभिवादन कर रहे हैं।
शर्मिष्ठा मुखर्जी ने उनके आरएसएस के कार्यक्रम में जाने का विरोध किया था और कल ट्विटर पर अपने पोस्ट के जरिये उन्होंने अपनी नाखुशी भी जाहिर की थी।
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प्रणब की बेटी शर्मिष्ठा मुखर्जी ने कहा था कि उनके पिता नागपुर जाकर ‘भाजपा एवं आरएसएस को फर्जी खबरें गढ़ने और अफवाहें फैलाने’ की सुविधा मुहैया करा रहे हैं। उन्होंने कहा कि उनके ‘‘भाषण तो भुला दिए जाएंगे, लेकिन तस्वीरें (विजुअल्स) रह जाएंगी।’’
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शर्मिष्ठा ने ट्वीट किया, ‘‘आशा करती हूं कि प्रणब मुखर्जी को आज की घटना से इसका अहसास हो गया होगा कि भाजपा का डर्टी ट्रिक्स विभाग किस तरह काम करता है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘यहां तक कि आरएसएस कभी यह कल्पना भी नहीं करेगा कि आप अपने भाषण में उनके विचारों का समर्थन करेगे। लेकिन भाषण को भूला दिया जाएगा और तस्वीरें रह जाएंगी तथा इनको फर्जी बयानों के साथ फैलाया जाएगा।’’ शर्मिष्ठा ने कहा, ‘‘ आप नागपुर जाकर भाजपा/आरएसएस को फर्जी खबरें गढ़ने, अफवाहें फैलाने और इनको किसी न किसी तरह विश्वसनीय बनाने की सुविधा मुहैया करा रहे हैं। और यह तो सिर्फ शुरुआत भर है।’’
संघ मुख्यालय में प्रणब दा की तस्वीरें देखकर लाखों कांग्रेस कार्यकर्ता दुखी: आनंद शर्मा
पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के कार्यक्रम में पहुंचने के बाद कांग्रेस ने आज कहा कि संघ मुख्यालय में ‘वरिष्ठ नेता और विचारक’ की तस्वीरें देखकर पार्टी के लाखों कायकर्ताओं और भारतीय गणराज्य के बहुलवाद, विविधता एवं बुनियादी मूल्यों में विश्वास करने वालों को दुख हुआ है।
पार्टी के वरिष्ठ प्रवक्ता आनंद शर्मा ने ट्वीट कर कहा, ‘‘वरिष्ठ नेता और विचारक प्रणब मुखर्जी की आरएसएस मुख्यालय में तस्वीरों से कांग्रेस के लाखों कार्यकर्ता और भारतीय गणराज्य के बहुलवाद, विविधता एवं बुनियादी मूल्यों में विश्वास करने वाले लोग दुखी हैं।’’
उन्होंने कहा, ‘‘संवाद उन्हीं लोगों के साथ हो सकता है जो सुनने, आत्मसात करने और बदलने के इच्छुक हों। यहां ऐसा कुछ नहीं जिससे पता चलता हो कि आरएसएस अपने मुख्य एजेंडा से हट चुका है। संघ वैधता हासिल करने की कोशिश में है।’’
इससे पहले कांग्रेस के कई नेताओं और पूर्व राष्ट्रपति की पुत्री शर्मिष्ठा मुखर्जी ने भी उनके आरएसएस के कार्यक्रम में जाने पर सवाल खड़े किए थे। पार्टी के वरिष्ठ नेता अभिषेक सिंघवी ने कहा कि प्रणब दा का फैसला निजी है और इस पर खूब वाद-विवाद भी हो सकता है, लेकिन उनके जाने पर नहीं बल्कि उनके कहे शब्दों का विश्लेषण होना चाहिए।
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कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अहमद पटेल ने कहा कि 'मैंने प्रणब दा से यह उम्मीद नहीं की थी।' शर्मिष्ठा ने कल ट्वीट कर कहा था कि वह नागपुर जाकर ‘भाजपा एवं संघ को फर्जी खबरें गढ़ने और अफवाहें फैलाने' की सुविधा मुहैया करा रहे हैं। मुखर्जी संघ के स्वयंसेवकों के लिए आयोजित संघ शिक्षा वर्ग के दीक्षांत समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में पहुंचे हैं।
कांग्रेस के कई नेता पूर्व राष्ट्रपति के संघ के कार्यक्रम में शामिल होने के फैसले पर सवाल खड़े कर चुके हैं। कांग्रेस के तीन वरिष्ठ नेताओं जयराम रमेश, रमेश चेन्नीथला और सी के जाफर शरीफ ने चिट्ठी लिखकर मुखर्जी से संघ के कार्यक्रम में शामिल होने का फैसला बदलने की अपील की थी।
(भाषा के इनपुट से)