प्रणब मुखर्जी की स्मृति में जांगीपुर आवास के एक तल को संग्राहलय-सह पुस्तकालय में किया जाएगा तब्दील, बेटे अभिजीत ने दी जानकारी

By भाषा | Published: September 1, 2020 05:56 PM2020-09-01T17:56:38+5:302020-09-01T17:56:38+5:30

पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी का मंगलवार दोपहर को दिल्ली के लोधी रोड विद्युत शव दाह गृह में पूरे राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया। उनके बेटे ने अंतिम संस्कार किया।

Pranab Mukherjee, one floor of Jangipur residence will be converted into a museum-cum library, son Abhijeet informed | प्रणब मुखर्जी की स्मृति में जांगीपुर आवास के एक तल को संग्राहलय-सह पुस्तकालय में किया जाएगा तब्दील, बेटे अभिजीत ने दी जानकारी

84 वर्षीय मुखर्जी का सोमवार शाम को दिल्ली छावनी स्थित सेना के रिसर्च ऐंड रेफरल अस्पताल में निधन हो गया था

Highlightsपूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी का दिल्ली के लोधी रोड विद्युत शव दाह गृह में पूरे राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया। पश्चिम बंगाल के जांगीपुर स्थित आवास के एक तल को अपने पिता की याद में संग्रहालय-सह-पुस्तकालय में तब्दील करने की योजना बनाई है।

नयी दिल्ली: पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के बेटे तथा पूर्व सांसद अभिजीत मुखर्जी ने मंगलवार को कहा कि उन्होंने पश्चिम बंगाल के जांगीपुर स्थित आवास के एक तल को अपने पिता की याद में संग्रहालय-सह-पुस्तकालय में तब्दील करने की योजना बनाई है।

अभिजीत ने कहा कि वह चाहते हैं कि सरकार उनके पिता के सम्मान में डाक टिकट जारी करे। उल्लेखनीय है कि 84 वर्षीय मुखर्जी का सोमवार शाम को दिल्ली छावनी स्थित सेना के रिसर्च ऐंड रेफरल अस्पताल में निधन हो गया था। वह 21 दिनों से अस्पताल में भर्ती थे।

अभिजीत ने कहा, '' में एक डाक टिकट का आग्रह करता हूं...यदि सरकार सहमत होती है, तो मुझे इससे बेहद खुशी होगी।'' साथ ही उन्होंने कहा '' व्यक्तिगत स्तर पर मैं जांगीपुर में पिता द्वारा निर्मित मकान के प्रथम तल या भूतल को संग्राहलय-सह-पुस्तकालय में तब्दील करने की योजना बना रहा हूं। ''

उन्होंने कहा, ''मैं अपने पिता की निजी वस्तुएं, विशेषकर उनकी पुस्तकों और उपहारों जैसे साज-सज्जा की चीजों को एकत्रित करके उन्हें संग्रहालय में रखूंगा। '' हालांकि अभिजीत को इस बात का दुख है कि उनके पिता इस घर में लंबे समय तक नहीं रह पाए। उन्होंने कहा कि जब तक घर बनकर तैयार हुआ तब तक वह एक बड़े आवास राष्ट्रपति भवन में चले गए। अभिजीत याद करते हुए बताते हैं कि वह चार अगस्त को अपने पिता के लिए जांगीपुर स्थित फार्म से कटहल लेकर आए थे। पूर्व सांसद ने कहा कि कटहल दिल्ली में भी उपलब्ध है, लेकिन इसके बावजूद मैने परेशानी उठाई....क्योंकि यह हमारे फार्म का था। मैने रेल से यात्रा की और मैं कटहल लाया।

उन्होंने कहा '' मेरे पिता ने इसे खाया। सौभाग्य से उनके रक्त में शर्करा का स्तर नियंत्रण में था। मुझे खुशी है कि मैं कम से कम अपने पिता की इस इच्छा को पूरा कर सका। '' अभिजीत ने कहा कि उनके पिता ने उनसे कहा था कि राजनीति और अन्य क्षेत्र में भी व्यक्ति को बदले की भावना से बचना चाहिए। उन्होंने कहा 'उनका संदेश बिल्कुल स्पष्ट था और मैं इसे हमेशा याद रखूंगा।' अभिजीत ने मुखर्जी का उपचार करने वाले डाक्टरों का भी हर संभव कोशिश करने के लिए शुक्रिया अदा किया। 

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