बंगाल में चुनाव बाद हिंसा का मामला: न्यायालय सीबीआई जांच के आदेश के खिलाफ अपील पर 20 तारीख को सुनवाई करेगा

By भाषा | Published: September 13, 2021 05:23 PM2021-09-13T17:23:52+5:302021-09-13T17:23:52+5:30

Post-poll violence case in Bengal: Court to hear appeal against CBI probe order on 20th | बंगाल में चुनाव बाद हिंसा का मामला: न्यायालय सीबीआई जांच के आदेश के खिलाफ अपील पर 20 तारीख को सुनवाई करेगा

बंगाल में चुनाव बाद हिंसा का मामला: न्यायालय सीबीआई जांच के आदेश के खिलाफ अपील पर 20 तारीख को सुनवाई करेगा

नयी दिल्ली, 13 सितंबर उच्चतम न्यायालय ने सोमवार को कहा कि वह बंगाल में चुनाव बाद हुई हिंसा के दौरान बलात्कार और हत्या के जघन्य मामलों की अदालत की निगरानी में सीबीआई जांच का निर्देश देने वाले कलकत्ता उच्च न्यायालय के आदेश के खिलाफ पश्चिम बंगाल सरकार की अपील पर 20 सितंबर को सुनवाई करेगा।

न्यायमूर्ति विनीत सरन और न्यायमूर्ति अनिरुद्ध बोस की पीठ के समक्ष पश्चिम बंगाल सरकार की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने घटनाओं की जांच के लिए गठित मानवाधिकार समिति के सदस्यों की ओर इशारा करते हुए कहा, ''क्या आप कल्पना कर सकते हैं कि इन लोगों को आंकड़े एकत्र करने के लिए नियुक्त किया गया ? क्या यह भाजपा की जांच समिति है?"

उन्होंने कहा कि बलात्कार और हत्या जैसे मामलों की जांच के लिए केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) है और अन्य घटनाओं की जांच के लिए एक विशेष जांच दल (एसआईटी) है।

शीर्ष अदालत ने इस पर कहा, "अगर किसी का राजनीतिक अतीत था और अगर वह आधिकारिक पद पर आ जाता है तो क्या हम उसी तथ्य के आधार पर उसे पूर्वाग्रह से ग्रस्त मानेंगे?"

सिब्बल ने कहा कि सदस्य अभी भी भाजपा से संबंधित पोस्ट कर रहे हैं और मानवाधिकार समिति के अध्यक्ष ऐसे सदस्यों की नियुक्ति कैसे कर सकते हैं?

इस दौरान उन्होंने अंतरिम आदेश का अनुरोध किया। लेकिन शीर्ष अदालत ने कहा कि वह मामले में 20 सितंबर को सुनवाई करेगी।

पीठ ने कहा, ‘‘कुछ नहीं होगा। हम सोमवार (आगामी) को सुनवाई करेंगे।’’

राज्य सरकार ने अपनी विशेष अनुमति याचिका में कहा है कि उसे सीबीआई से निष्पक्ष जांच की उम्मीद नहीं है जो सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस के नेताओं के खिलाफ मामले गढ़ने में व्यस्त है।

इससे पूर्व, जनहित याचिका दायर करने वालों में से एक अधिवक्ता अनिंद्या सुंदर दास ने शीर्ष अदालत में कैविएट याचिका दायर कर आग्रह किया था कि यदि राज्य सरकार या अन्य वादी अपील दायर करते हैं तो उन्हें सुने बिना कोई आदेश पारित नहीं किया जाए।

जनहित याचिका पर ही कलकत्ता उच्च न्यायालय ने 19 अगस्त को अपना आदेश दिया था।

कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति राजेश बिंदल के नेतृत्व वाली उच्च न्यायालय की पांच न्यायाधीशों की पीठ ने इस साल तृणमूल कांग्रेस को सत्ता में वापसी दिलाने वाले विधानसभा चुनाव परिणाम के बाद हुई हिंसा के दौरान कथित जघन्य अपराधों के सभी मामलों की जांच सीबीआई से कराने का आदेश दिया था।

पीठ ने चुनाव बाद हुई हिंसा से जुड़े अन्य अपराधों की जांच एसआईटी से कराए जाने का आदेश भी दिया था।

उच्च न्यायालय ने पीठ के निर्देश पर गठित की गई राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी)समिति, किसी अन्य आयोग या प्राधिकार और राज्य सरकार को मामलों से संबंधित रिकॉर्ड आगे की जांच के लिए तत्काल सीबीआई को सौंपने का भी निर्देश दिया है।

इसने कहा था की अदालत सीबीआई और एसआईटी दोनों की जांच पर नजर रखेगी। पीठ ने दोनों एजेंसियों को छह सप्ताह के भीतर स्थिति रिपोर्ट सौंपने का निर्देश दिया गया था।

इस पीठ ने हालांकि पहले कहा था कि विशेष जांच दल के काम की निगरानी उच्चतम न्यायालय के एक सेवानिवृत्त न्यायाधीश करेंगे जिसके लिए अलग से आदेश पारित किया जायेगी, लेकिन बाद में यह जिम्मेदारी कलकत्ता उच्च न्यायालय की पूर्व मुख्य न्यायाधीश मंजूला चेल्लूर को सौंप दी गयी।

पीठ ने कहा था कि राज्य कथित हत्या के कुछ मामलों में भी प्राथमिकी दर्ज करने मे विफल रहा है ओर इससे पता चलता है कि एक निश्चित दिशा में ही जांच करने का मन बनाया गया है। ऐसी स्थिति में इन घटनाओं की जांच किसी स्वतंत्र एजेन्सी से कराने पर सभी के मन में विश्वास पैदा होगा।

राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग की समिति ने अदालत को 13 जुलाई को अपनी अंतिम रिपोर्ट सौंप दी थी।

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Web Title: Post-poll violence case in Bengal: Court to hear appeal against CBI probe order on 20th

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