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कॉलेज-यूनिवर्सिटी में भी पोर्टेबिलिटी सिस्टम, छात्रों के लिए नेशन एकेडमिक क्रेडिट बैंक होगा लागू

By एसके गुप्ता | Updated: December 18, 2019 07:46 IST

परिवार के मुखिया का स्थानांतरण दूसरे शहर में होने पर अगर छात्र चाहे तो दूसरे शहर के उच्च शिक्षण संस्थान में अपना दाखिला स्थानांतरित करा सकेंगे.

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ठळक मुद्देकोई छात्र अपना कोर्स बदलता है या शिक्षण संस्थान बदलता है तो उसका साल बर्बाद होने से बच जाएगा.शुरुआत में यह एमए, एमकॉम, एमबीए और एमएससी जैसे पीजी कोर्स में लागू होगा. 

इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय (इग्नू) में चल रहे कोर्स क्रेडिट पोर्टेबिलिटी को सरकार देशभर में लागू करने की तैयारी कर रही है. इसके तहत छात्र एक कॉलेज-यूनिवर्सिटी से सुविधा लेकर सालभर में कभी भी दूसरे कॉलेज-विश्वविद्यालय में प्रवेश स्थानांतरण कर पाएंगे. इस तरह की सुविधा दुनिया के कई देश में है. जहां छात्र कोर्स के बीच में भी अपनी पसंद के दूसरे कॉलेज-विश्वविद्यालय में जा पाते हैं.

देश के छात्रों को क्रेडिट स्थानांतरण का लाभ देने के लिए विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने ब्लू प्रिंट तैयार किया है. इस योजना से बीच में पढ़ाई छूटने या नौकरी के चक्कर में शहर बदलने पर छात्रों का साल बर्बाद नहीं होगा. कई बार युवतियों को शादी के कारण बीच में पढ़ाई छोड़नी पड़ती है. दोबारा दाखिला लेने पर फिर से कोर्स में नए सिरे से पढ़ना पड़ता है.

ऐसे छात्र-छात्राओं के लिए यूजीसी नेशन एकेडमिक क्रेडिट बैंक (एनएसी) लेकर आ रहा है. जिससे छात्रों का साल बर्बाद होने से बचेगा. यूजीसी के एनएसी बैंक के क्रेडिट केवल देश के शिक्षण संस्थानों में ही लागू होंगे. यूजीसी सचिव प्रो. रजनीश जैन ने कहा है कि एनएसी से बीच में पढ़ाई छोड़ने और छोड़ी गई पढ़ाई को फिर से वहीं से शुरू करने की सुविधा छात्रों को मिल सकेगी.

इतना ही नहीं परिवार के मुखिया का स्थानांतरण दूसरे शहर में होने पर अगर छात्र चाहे तो दूसरे शहर के उच्च शिक्षण संस्थान में अपना दाखिला स्थानांतरित करा सकेंगे और उन्हें पहले शिक्षण संस्थान में की गई पढ़ाई के क्रेडिट दूसरे शिक्षण संस्थान में दाखिले के समय कोर्स में दाखिले के साथ मिल सकेंगे. इसके लिए यूजीसी एनएसी बैंक बना रहा है. जिसमें उच्च शिक्षण संस्थानों के छात्र अपना खाता खोलकर पढ़ाई के बदले क्रेडिट स्कोर जमा करेंगे. जिससे कोई छात्र पढ़ाई बीच में छोड़ता है तो उसकी पढ़ाई का क्रेडिट स्कोर यूजीसी के एकेडमिक क्रेडिट बैंक में जमा रहेगा.

ऐसे ही अगर कोई छात्र अपना कोर्स बदलता है या शिक्षण संस्थान बदलता है तो उसका साल बर्बाद होने से बच जाएगा. क्योंकि खाते में जमा क्रेडिट दूसरे कोर्स या शिक्षण संस्थान में जोड़ दिए जाएंगे.

उच्च शिक्षा में यह बड़े रिफॉर्म की तैयारी: केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि यूजीसी बैंक में जमा छात्रों के ये क्रेडिट नए शिक्षण संस्थान में दाखिला पाने से लेकर नौकरी पाने तक काम आएंगे. मंत्रालय की पहल पर उच्च शिक्षा में यह बड़े रिफॉर्म की तैयारी है. एनएसी बैंक में छात्रों का खाता होगा. इस खाते में छात्रों के अकादमिक क्रेडिट जमा होंगे और जरू रत पर इन्हें डिग्री, डिप्लोमा पाने के लिए भुनाया जाएगा. शुरुआत में यह एमए, एमकॉम, एमबीए और एमएससी जैसे पीजी कोर्स में लागू होगा. 

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