अगले 2-3 दिनों तक प्रदूषण 'बहुत खराब' श्रेणी में रहने की संभावना, दिल्ली में 6 सदस्यीय स्पेशल टास्ट फोर्स का गठन किया गया
By शिवेन्द्र कुमार राय | Published: November 16, 2023 03:33 PM2023-11-16T15:33:52+5:302023-11-16T15:35:16+5:30
भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) के एक अधिकारी ने बताया कि हवा नहीं चलने और कम तापमान के कारण प्रदूषक तत्व हवा में बने हुये हैं और अगले कुछ दिन तक भी राहत के आसार नहीं हैं। दिल्ली का वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) बृहस्पतिवार को सुबह नौ बजे 393 रहा।
नई दिल्ली: राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली सहित पूरे एनसीआर क्षेत्र में लोग प्रदूषण से परेशान हैं। सरकारों के तमाम प्रयासों के बावजूद भी जनता को कोई राहत मिलती नहीं दिख रही है। इस बीच दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने जो बताया है उससे लोगों की चिंता थोड़ी और बढ़ सकती है।
गोपाल राय ने 16 नवंबर, गुरुवार को कहा, "अभी जो स्थिति बन रही है उससे ये संभावना बन रही है कि अगले 2-3 दिनों तक प्रदूषण 'बहुत खराब' श्रेणी में रहने की संभावना है। आज बैठक में निर्णय हुआ कि जो GRAP के नियम हैं उन्हें ज़मीनी स्तर पर लागू करने के लिए निरीक्षण तेज़ किया जाए। मॉनिटरिंग के लिए आज 6 सदस्यीय स्पेशल टास्ट फोर्स का गठन किया गया है...ये भी समीक्षा की गई कि किस विभाग ने अभी तक क्या कार्रवाई की है।"
#WATCH दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने बताया, "अभी जो स्थिति बन रही है उससे ये संभावना बन रही है कि अगले 2-3 दिनों तक प्रदूषण 'बहुत खराब' श्रेणी में रहने की संभावना है। आज बैठक में निर्णय हुआ कि जो GRAP के नियम हैं उन्हें ज़मीनी स्तर पर लागू करने के लिए निरीक्षण तेज़ किया… pic.twitter.com/U8P5uFePim
— ANI_HindiNews (@AHindinews) November 16, 2023
दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय केन्द्र की वायु प्रदूषण नियंत्रण योजना में निर्धारित किए गए उपायों के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए बैठक बुलाई थी। राय ने पहले वायु प्रदूषण नियंत्रण योजना के क्रियान्वयन में लापरवाही के लिए संबंधित विभागों पर नाराजगी जाहिर की थी और उनसे वायु प्रदूषण रोधी उपायों को लागू करने के लिए जिम्मेदार टीमों की निगरानी के वास्ते एक निगरानी तंत्र स्थापित करने का आग्रह किया था।
बता दें कि दिल्ली की वायु गुणवत्ता बृहस्पतिवार को बहुत खराब और गंभीर श्रेणी के बीच रही। ऐसा इसीलिए हुआ, क्योंकि प्रतिकूल मौसम संबंधी परिस्थितियों के कारण प्रदूषक कणों का बिखराव नहीं हो पाया। दिल्ली सरकार और राष्ट्रीय प्रौद्योगिक संस्थान-कानपुर की एक संयुक्त परियोजना के हालिया निष्कर्षों से पता चला कि बुधवार को राजधानी के वायु प्रदूषण में वाहनों के उत्सर्जन का योगदान लगभग 38 प्रतिशत था।
भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) के एक अधिकारी ने बताया कि हवा नहीं चलने और कम तापमान के कारण प्रदूषक तत्व हवा में बने हुये हैं और अगले कुछ दिन तक भी राहत के आसार नहीं हैं। दिल्ली का वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) बृहस्पतिवार को सुबह नौ बजे 393 रहा। इसका 24 घंटे की अवधि का औसत एक्यूआई बुधवार शाम 4 बजे 401 दर्ज किया गया था। मंगलवार को यह 397 था। सोमवार को यह 358 और रविवार को 218, शनिवार को 220, शुक्रवार को 279 था। पड़ोसी गाजियाबाद (358), गुरुग्राम (325), ग्रेटर नोएडा (343), नोएडा (337) और फरीदाबाद (409) में भी वायु गुणवत्ता बहुत खराब से गंभीर श्रेणी में दर्ज की गई।