प्रदूषण : पैनल के निर्देशों के अनुपालन पर न्यायालय ने केंद्र, दिल्ली और एनसीआर राज्यों से जवाब मांगा

By भाषा | Updated: November 29, 2021 15:36 IST2021-11-29T15:36:36+5:302021-11-29T15:36:36+5:30

Pollution: Court seeks response from Centre, Delhi and NCR states on compliance of panel's directions | प्रदूषण : पैनल के निर्देशों के अनुपालन पर न्यायालय ने केंद्र, दिल्ली और एनसीआर राज्यों से जवाब मांगा

प्रदूषण : पैनल के निर्देशों के अनुपालन पर न्यायालय ने केंद्र, दिल्ली और एनसीआर राज्यों से जवाब मांगा

नयी दिल्ली, 29 नवंबर उच्चतम न्यायालय ने सोमवार को केंद्र को निर्देश दिया कि वह सरकार के अधिकार क्षेत्र के तहत सेंट्रल विस्टा परियोजना सहित निर्माण गतिविधियों से संबंधित मुद्दों पर अपना जवाब दे। इसके अलावा, न्यायालय ने दिल्ली और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) के राज्यों को प्रदूषण पर अंकुश लगाने के लिए वायु गुणवत्ता प्रबंधन पर आयोग के निर्देशों के अनुपालन दर्शाने वाले जवाब दाखिल करने का भी निर्देश दिया है।

प्रधान न्यायाधीश एन वी रमण, न्यायमूर्ति डी वाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति सूर्यकांत की पीठ ने कहा कि "इरादे (एनसीआर और आसपास के क्षेत्रों में वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग के) अच्छे हैं और निर्देश दिए गए हैं लेकिन परिणाम शून्य हैं।” पीठ ने यह भी कहा कि राज्यों द्वारा आयोग के निर्देशों का तत्काल अनुपालन आवश्यक था और दंडात्मक उपाय जैसे 1,000 रुपये का जुर्माना लगाना या उल्लंघन करने वालों को एक दिन की जेल का आदेश देना प्रभावी नहीं होगा।

याचिकाकर्ता की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता विकास सिंह ने पीठ से कहा कि सेंट्रल विस्टा जैसी बड़ी परियोजनाओं के लिए निर्माण गतिविधियां जोरों पर चल रही हैं और ऐसी परियोजना "नागरिकों के जीवन से ज्यादा महत्वपूर्ण" नहीं हो सकती।

केन्द्र की ओर से सॉलिसीटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि वह इस स्थिति को न्यायोचित ठहरायेंगे।

याचिकाकर्ता की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता लगातार सेन्ट्रल विस्टा परियोजना पर कथित निर्माण को लेकर जो देते रहे तो पीठ ने कहा कि केन्द्र को वस्तुस्थिति से अवगत कराने के लिए कहा गया है।

दलीलों पर गौर करते हुए पीठ ने अपने आदेश में कहा, “श्री विकास सिंह ने दिल्ली में निर्माण गतिविधियों के संबंध में कुछ मुद्दों को उठाया है, हम सॉलीसिटर जनरल को एक हलफनामा दायर करने या केंद्र सरकार के दायरे में आने वाले क्षेत्रों के बारे में निर्देश प्राप्त करने का निर्देश देते हैं।’’

पीठ ने पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय के हलफनामे पर गौर किया और प्रदूषण पर आयोग द्वारा सुझाए गए दीर्घकालिक और अल्पकालिक उपायों का हवाला दिया और निर्देशों के अनुपालन के संबंध में दिल्ली, उत्तर प्रदेश, पंजाब, हरियाणा और राजस्थान को बुधवार शाम तक हलफनामा दाखिल करने का निर्देश दिया। इस मामले में अब न्यायालय बृहस्पतिवार को सुनवाई करेगा।

पीठ ने केंद्र, नई दिल्ली नगर परिषद के अध्यक्ष और अन्य को भी प्रदूषण पर आयोग द्वारा दिए गए निर्देशों के अनुपालन का संकेत देते हुए इसी तरह के हलफनामे दाखिल करने का निर्देश दिया है।

सुनवाई के दौरान ही पीठ ने कहा, ‘‘हम इस सवाल से जूझ रहे हैं कि प्रदूषण पर कैसे नियंत्रण पाया जाए, चाहें यह सेन्ट्रल विस्टा हो या प्रदूषण करने वाले उद्योग या राज्य....क्या आपको लगता है कि हमें कुछ नहीं मालूम है? हमें भी सबकुछ पता है। केन्द्र जवाब दाखिल कर रहा है, राज्यों जवाब दाखिल कर रहे हैं....ऐसे मुद्दे नहीं उठायें जो अंतत: मुख्य मुद्दे को भटकाने की स्थिति पैदा कर दें।’’

प्रधान न्यायाधीश ने वायु गुणवत्ता मानक का जिक्र किया और कहा कि आज यह 419 था। उन्होंने कहा, ‘‘अब संक्रमण की एक और समस्या है, हम इनसे कैसे निपटें।’’

इस पर मेहता ने कहा, ‘‘हम संक्रमण के मुद्दे पर अलग से विचार कर सकते हैं।

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Web Title: Pollution: Court seeks response from Centre, Delhi and NCR states on compliance of panel's directions

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