बिहार में खुली शिक्षा व्यवस्था की पोल: ग्रेजुएशन छात्रों ने सीढ़ी, पार्क और बरामदे में बैठकर दी परीक्षा

By एस पी सिन्हा | Updated: October 26, 2019 18:26 IST2019-10-26T18:26:54+5:302019-10-26T18:26:54+5:30

रामलखन सिंह महाविधालय में स्नातक पार्ट-3 के जीएस विषय की परीक्षा दो पालियों में आयोजित की गई, लेकिन कालेज में क्षमता से अधिक परीक्षार्थीयों का सेन्टर दे दिया गया. जिसके बाद यह तस्वीर देखने को मिली. 

Poll of open education system in Bihar: Graduation students took the exam by sitting on the ladder, park and verandah | बिहार में खुली शिक्षा व्यवस्था की पोल: ग्रेजुएशन छात्रों ने सीढ़ी, पार्क और बरामदे में बैठकर दी परीक्षा

बीआरए विश्वविद्यालय से लेकर सभी पदाधिकारियों को पत्र लिखा गया है. लेकिन, परीक्षा भवन नहीं बना है.

Highlightsबिहार में बदहाल शिक्षा व्यवस्था की एक तस्वीर बेतिया से सामने आई है. भवन और सीट के अभाव में जीएस की परीक्षा परीक्षार्थी बरामदे, जमीन और सीढ़ी के नीचे बैठकर दी.

बिहार में बदहाल शिक्षा व्यवस्था की एक तस्वीर बेतिया से सामने आई है. जहां स्नातक पार्ट-3 की परीक्षा देने आए परीक्षार्थीयों को बैठने के लिए जगह नहीं मिला, जिसके बाद परीक्षार्थी सीढ़ी पर, मैदान में और बरामदे में बैठकर परीक्षा देने को मजबूर दिखे. यह नजारा रहा बेतिया के आरएलएसवाइ कॉलेज में शुक्रवार को हुई स्नातक पार्ट 3 के जीएस की परीक्षा में. यहां कहा जा सकता है कि परीक्षा का दृश्य सामूहिक भोज की तरह दिख रहा था. जिसे जहां मन हुआ बैठ गया और परीक्षा दी. 

प्राप्त जानकारी के अनुसार भवन और सीट के अभाव में जीएस की परीक्षा परीक्षार्थी बरामदे, जमीन और सीढ़ी के नीचे बैठकर दी. जिले के रामलखन सिंह महाविधालय में स्नातक पार्ट-3 के जीएस विषय की परीक्षा दो पालियों में आयोजित की गई, लेकिन कालेज में क्षमता से अधिक परीक्षार्थीयों का सेन्टर दे दिया गया. जिसके बाद यह तस्वीर देखने को मिली. 

यहां कई परीक्षार्थी ने प्रयोगशाला में खडे होकर टेबल पर परीक्षा दी. वहीं, आरएलएसवाइ कॉलेज केंद्राधीक्षक डॉ. राजेश्वर प्रसाद यादव ने बताया कि अधिक परीक्षार्थियों के कारण केंद्र पर अव्यवस्था की स्थिति हुई. यहां परीक्षा भवन का अभाव है. इसके लिए बीआरए विश्वविद्यालय से लेकर सभी पदाधिकारियों को पत्र लिखा गया है. लेकिन, परीक्षा भवन नहीं बना है.

शहर के एमजेके कॉलेज में स्नातक पार्ट थ्री की परीक्षा को लेकर पूर्व से तैयारी नहीं की गई थी. इससे वहां अफरातफरी रही. परीक्षार्थी जगह खोजने के लिए इधर-उधर भटक रहे. कॉलेज प्रशासन की माने तो कॉलेज में सिर्फ 2500 छात्र छात्राओं के बैठने की ही व्यवस्था है, लेकिन 6 हजार परीक्षार्थीयो को यहां परीक्षा देने के लिए भेज दिया गया तो कालेज प्रशासन क्या करेगा?

Web Title: Poll of open education system in Bihar: Graduation students took the exam by sitting on the ladder, park and verandah

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