मुंबई: महाराष्ट्र में लाउडस्पीकर के साथ-साथ चलीसा पॉलिटिक्स भी अपने चरम पर है। महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना द्वारा इसे मुद्दा बनाये जाने के बाद अमरावती की निर्दलीय सांसद नवनीत राणा और उनके पति रवि राणा द्वारा मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के निजी आवास 'मातोश्री' पर हनुमान चालीसा के पाठ की घोषणा के बाद मचे बवाल में एक नई इबारत उस समय जुड़ गई जब एनसीपी की मुंबई की नेता फहमिदा हसन खान ने कहा है कि वह प्रधानमंत्री मोदी के सरकारी आवास के सामने दिल्ली में नमाज़ पढ़ना चाहती हैं।
एनसीपी नेता फहमिदा हसन ने कहा कि वह नमाज़ के साथ साथ मोदी के आवास के सामने हनुमान चलीसा, गुरुग्रंथ साहेब का पाठ भी करेंगी। फहमिदा ने इसके लिए बकायदा गृहमंत्री अमित शाह को चिट्ठी लिखकर मोदी के सरकारी आवास के सामने कई धार्मिक ग्रंथों का पाठ करने की इज़ाजत भी मांगी है।
मीडिया से बात करते हुए फमिदा ने मोदी सरकार पर कटाक्ष किया और कहा कि अगर धार्मिक पाठ करने से देश को बेरोज़गारी और भुखमरी से आज़ादी मिलती है तो वो इसके लिए खुशी-खुशी तैयार हैं।
इस बीच शिवसेना ने आरोप लगाया है कि बीजेपी महाराष्ट्र की सत्ता चला रहे एनसीपी, कांग्रसे और शिवसेना गठबंधन के महाराष्ट्र विकास अघाड़ी सरकार को गिराने की कोशिश कर रही है।
यही नहीं शिवसेना के अपने मुखपत्र “सामना” के संपादकीय में बीजेपी के साथ-साथ अमरावदी की निर्दलीय सांसद नवनीत कौर राणा और उनके विधायक पति रवि राणा पर भी जमकर निशाना साधा है।
“सामना” में छपे लेख के जरिए शिवसेना ने कहा है कि बीजेपी ने रवि राणा और उनकी पत्नी नवनीत राणा के जरिए चलीसा विवाद खड़ा किया है ताकि एमवीए की सरकार को कमजोर करके गिराया जा सके।
राणा दंपत्ति पर मुंबई की शांति भंग करने का आरोप लगाते हुए शिवसेना ने कहा है कि यह वही राणा है जिसने संसद में राम के नाम पर शपथ लेने का विरोध किया था। आज बीजेपी उसी रवि राणा के साथ हनुमान चलीसा और दूसरे मुद्दे पर डांस कर रही है।
गौरतलब है कि अमरावती से निर्दलीय सांसद नवनीत राणा और उनके विधायक पति रवि राणा को मुंबई पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। हमाराष्ट्र सरकार ने राणा दंपत्ति पर राज्य में शांति भंग का आरोप लगाते हुए राजद्रोह का मुकदमा दर्ज किया है।
राणा दंपत्ति को महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के घर के सामने जबरन हनुमान चलीसा का पाठ करने के मसले पर गिरफ्तार किया गया था।