पुलिस ने मुहर्रम शोक अवधि के आठवें दिन जुलूस निकालने से रोकने के लिये आंसू गैस के गोले दागे
By भाषा | Published: August 18, 2021 12:29 AM2021-08-18T00:29:59+5:302021-08-18T00:29:59+5:30
पुलिस ने मुहर्रम के 10 दिनों की शोक की अवधि के आठवें दिन मंगलवार को यहां शिया समुदाय के सदस्यों को जुलूस निकालने से रोकने के लिए आंसू गैस के गोले दागे। यह जानकारी अधिकारियों ने दी।अधिकारियों ने बताया कि समुदाय के कई सदस्यों को शहर के विभिन्न स्थानों से हिरासत में लिया गया।अधिकारियों ने बताया कि यहां शहर के डलगेट इलाके में बड़ी संख्या में शिया सदस्यों ने जुलूस निकालने का प्रयास किया। पुलिस ने उन्हें तितर-बितर होने को कहा, लेकिन उन्होंने मना कर दिया और आगे बढ़ने की कोशिश की।अधिकारियों ने बताया कि इसके बाद पुलिस को उन्हें तितर-बितर करने के लिए लाठीचार्ज करना पड़ा और आंसू गैस के गोले दागने पड़े, हालांकि, इसमें किसी के घायल होने की कोई सूचना नहीं है।पुलिस ने शहर के जहांगीर चौक इलाके में भी शिया सदस्यों को तितर-बितर करने के लिए आंसू गैस के गोले दागे। समुदाय के कुछ सदस्यों ने कुछ अन्य स्थानों पर जुलूस निकालने की कोशिश की, लेकिन पुलिस ने उन्हें रोक दिया और उनमें से कुछ को बाद में हिरासत में लिया गया।उन्होंने बताया कि जिन इलाकों में जुलूस निकलने की संभावना थी, वहां पुलिस और सुरक्षा बलों की भारी तैनाती की गयी थी। पुलिस का कहना है कि शहर में कहीं भी कोई पाबंदी नहीं है, लेकिन जुलूस निकालने वालों को रोकने के लिए कई जगहों पर अवरोधक लगाये गए हैं। मुहर्रम के 10 दिनों की शोक की अवधि के आठवें दिन पारंपरिक मुहर्रम जुलूस, अबी गुजर, लाल चौक और डलगेट क्षेत्रों से होकर गुजरता था, लेकिन 1990 में आतंकवाद शुरू होने के बाद से इसे प्रतिबंधित कर दिया गया है क्योंकि अधिकारियों का कहना है कि धार्मिक सभा का इस्तेमाल अलगाववादी राजनीति के प्रचार के लिए किया गया। एक आधिकारिक प्रवक्ता ने बताया कि गुरुबाजार-डलगेट मार्ग पर मुहर्रम के जुलूस निकालने पर मनाही के बावजूद कुछ लोगों ने डलगेट-सिविल लाइंस क्षेत्र में विभिन्न स्थानों पर रैलियां निकालने की कोशिश की, जबकि पुलिस ने अधिकतम संयम बरतते हुए उन्हें शांतिपूर्वक तरीके से तितर-बितर करने की कोशिश की।पुलिस प्रवक्ता ने कहा, ''इस तरह का जुलूस निकालने के लिए, पोलो व्यू के पास एक समूह इकट्ठा हुआ लेकिन उसे भी रोक दिया गया और ड्यूटी पर तैनात पुलिस दल ने सरकारी पाबंदियों के मद्देनजर उन्हें शांतिपूर्ण तरीके से वहां से चले जाने की सलाह दी।’’उन्होंने कहा, ''लेकिन कुछ उपद्रवियों ने ड्यूटी पर तैनात पुलिस कर्मियों के साथ मारपीट शुरू कर दी और एसडीपीओ कोठीबाग के बुलेटप्रूफ रक्षक वाहन पर चढ़ने की कोशिश की।''उन्होंने कहा कि इस तरह के उकसावे और गुंडागर्दी के बावजूद, अधिकारी और उनके दल ने अधिकतम संयम बरता, लेकिन अचानक धारदार हथियारों से लैस उपद्रवियों के एक समूह ने पुलिस वाहन में तोड़फोड़ शुरू कर दी और एसडीपीओ कोठीबाग पर भी हमला कर दिया।प्रवक्ता ने कहा, ''इस घटना में, पुलिस अधिकारी और उनके कई सहकर्मी घायल हो गए। उन्हें इलाज के लिए अस्पताल ले जाया गया।''अधिकारी ने कहा कि कानून की संबंधित धाराओं के तहत मामला दर्ज कर लिया गया है और मामले की जांच की जा रही है। अधिकारी ने कहा कि घटना में शामिल उपद्रवियों की पहचान की जा रही है और उनके खिलाफ कानून के तहत सख्त कार्रवाई की जाएगी। इस बीच, कश्मीर के पुलिस महानिरीक्षक, विजय कुमार ने कहा कि पुलिस जनता की धार्मिक भावनाओं का सम्मान करती है, लेकिन साथ ही यह उनकी संयुक्त जिम्मेदारी है कि वे निहित स्वार्थी तत्वों के गलत मंसूबों को परास्त करें, जो शांतिपूर्ण माहौल को बिगाड़ने की कोशिश करते हैं। कश्मीर जोन पुलिस ने आईजीपी के हवाले से अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल पर कहा, ‘‘हम सभी की धार्मिक भावनाओं और प्रथाओं का सम्मान करते हैं, लेकिन साथ ही यह हमारी संयुक्त जिम्मेदारी भी है कि हम निहित स्वार्थी तत्वों के गलत मंसूबों को परास्त करें, जो शांतिपूर्ण माहौल को बिगाड़ने की कोशिश करते हैं।
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