पुलिस कांस्टेबल और उसके परिवार को जिंदा जलाने वाले पुलिसकर्मियों पर दर्ज होगा केस, हरियाणा हाईकोर्ट ने दिए आदेश

By बलवंत तक्षक | Updated: January 15, 2019 05:22 IST2019-01-15T05:22:24+5:302019-01-15T05:22:24+5:30

 जस्सा सिंह बहमन दीवाना गांव निवासी कांस्टेबल गुरजंट सिंह की बेटी हरजीत कौर और सुखपाल कौर ने बताया कि 2005 में उनके गांव के बूटा सिंह और तेजा सिंह के साथ उनके पिता का जमीन को लेकर विवाद था. यह मामला जस्सासिंह बहमन दीवाना गांव का है.

police constable and his family burnt alive case: Haryana HC orders for lodge case against accused | पुलिस कांस्टेबल और उसके परिवार को जिंदा जलाने वाले पुलिसकर्मियों पर दर्ज होगा केस, हरियाणा हाईकोर्ट ने दिए आदेश

पुलिस कांस्टेबल और उसके परिवार को जिंदा जलाने वाले पुलिसकर्मियों पर दर्ज होगा केस, हरियाणा हाईकोर्ट ने दिए आदेश

पंजाब के बठिंडा जिले में ग्यारह साल पहले एक कांस्टेबल, उसकी पत्नी और दो बेटियों को जिंदा जलाने के मामले में पंजाब व हरियाणा हाईकोर्ट ने नौ लोगों पर केस दर्ज करने के आदेश दिए हैं, इनमें आठ पुलिस कर्मचारी हैं. जिन लोगों पर केस दर्ज किया जाना है, उनमें सेवानिवृत्त इंस्पेक्टर महिंदर कुमार घई, इंस्पेक्टर अमृतपाल सिंह भाटी, एएसआई गुरजंट सिंह, एसपीओ काका सिंह, हेड कांस्टेबल मेजर सिंह, मंदर सिंह व सुरजीत सिंह के अलावा पंजाब होमगार्ड के अमरीक सिंह शामिल हैं. बठिंडा के एसएसपी नानक सिंह का कहना कि हाईकोर्ट के जो भी आदेश आएंगे, उसके अनुसार पुलिस वालों पर केस दर्ज किया जाएगा. 

 जस्सा सिंह बहमन दीवाना गांव निवासी कांस्टेबल गुरजंट सिंह की बेटी हरजीत कौर और सुखपाल कौर ने बताया कि 2005 में उनके गांव के बूटा सिंह और तेजा सिंह के साथ उनके पिता का जमीन को लेकर विवाद था. यह मामला जस्सासिंह बहमन दीवाना गांव का है. उन्होंने बताया कि बूटा और तेजा ने उनके पिता और परिवार के अन्य सदस्यों पर झूठे केस दर्ज करवाने शुरू कर दिए. 

जमीन विवाद के चलते 29 सितंबर, 2007 को बूटा सिंह और तेजा सिंह भारी पुलिस फोर्स के साथ उनके घर में घुसे और इंस्पेक्टर महिंदर कुमार घई, एएसआई अमृतपाल सिंह भाटी ने मारपीट शुरू कर दी. विरोध करने पर बूटा सिंह और तेजा सिंह ने पुलिस वालों के साथ मिलकर उनके पिता गुरजंट सिंह और माता जसवीर कौर पर केरोसीन छिड़क कर आग लगा दी. 

आग से बुरी तरह झुलस जाने के कारण उनके पिता गुरजंट सिंह और माता जसवीर कौर की मौत हो गई. कुछ दिन बाद दो बहनों बेअंत कौर और वीरपाल कौर की भी मौत हो गई. परिवार को झुलसता छोड़ कर तब इंस्पेक्टर महिंदर सिंह घई, एएसआई अमृतपाल सिंह भार्टी पुलिस पार्टी के साथ फरार हो गए थे. परिवार के लोगों को झुलसी अवस्था में पड़ोसियों ने अस्पताल पहुंचाया था. बाद में पुलिस ने इस पीड़ित परिवार के खिलाफ विभिन्न धाराओं के तहत केस भी दर्ज कर लिया.

11साल बाद बंधी इंसाफ मिलने की उम्मीद

 इस मामले में विश्व मानव अधिकार संगठन के रंजन लखनपाल ने पंजाब व हरियाणा हाईकोर्ट में एक जनिहत याचिका दायर की थी. इसी याचिका पर ग्यारह साल बाद पीड़ित परिवार के साथ दरिंदगी करने वाले पुलिस वालों के खिलाफ हाईकोर्ट ने केस दर्ज करने के आदेश दिए हैं. हरजीत कौर और सुखपाल कौर का कहना है कि जब तक अदालत में मामला चलता रहा, तब तक पुलिस वाले उन्हें लगातार परिणाम भुगतने की धमकियां देते रहे. आरोपी पुलिस कर्मचारियों के खिलाफ हाईकोर्ट की तरफ से केस दर्ज करने के आदेश आने के बाद पीड़ित परिवार को इंसाफ मिलने की उम्मीदें बंधी हैं.

Web Title: police constable and his family burnt alive case: Haryana HC orders for lodge case against accused

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