PNG-CNG Price Hike: पीएनजी के दाम पांच रुपये से ज्यादा बढ़े, सीएनजी भी हुआ 80 पैसे महंगा
By विनीत कुमार | Updated: April 1, 2022 20:58 IST2022-04-01T20:42:44+5:302022-04-01T20:58:16+5:30
PNG-CNG Price Hike: दिल्ली-एनसीआर इलाके में पीएनजी और सीएनजी के दाम में वृद्धि की गई है। रसोई गैस के तौर पर इस्तेमाल होने वाले पीएनजी (PNG) की कीमतों में 16 प्रतिशत से ज्यादा का इजाफा किया गया है।

पीएनजी और सीएनजी के दाम बढ़े (फाइल फोटो)
नई दिल्ली: महंगाई की मार आम आदमी पर चौतरफा ओर से पड़ रही हैं। पेट्रोल-डीजल के दाम में लगातार वृद्धि सहित डोमेस्टिक गैंस की कीमतों के बाद अब पीएनजी और सीएनजी के दाम बढ़ाए गए हैं। इंद्रप्रस्थ गैस लिमिटेड (आईजीएल) ने बताया है कि पाइप्ड नैचुरल गैस यानी पीएनजी (PNG) की कीमतों में 16 प्रतिशत से ज्यादा का इजाफा किया गया है।
आईजीएल के अनुसार पीएनजी की कीमत 5.85 रुपये प्रति एससीएम बढ़ाई गई हैं। बढ़ी हुई कीमतें 1 अप्रैल, 2022 से लागू हो गई हैं। इस वृद्धि के बाद गौतम बु्द्ध नगर में पीएनजी की कीमत अब 41.71 रुपये प्रति एससीएम हो गई है। इससे पहले 24 मार्च को पीएनजी की कीमतों में एक रुपये की वृद्धि की गई थी।
सीएनजी की कीमत में 80 पैसे प्रति किलो की वृद्धि
सीएनजी की कीमत में 80 पैसे प्रति किलोग्राम की वृद्धि की गई है। इंद्रप्रस्थ गैस लिमिटेड की वेबसाइट पर दी गयी जानकारी के मुताबिक राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीटी) में सीएनजी की कीमत 60.01 रुपये से बढ़ाकर 60.81 रुपये प्रति किलोग्राम कर दी गई है। आईजीएल राष्ट्रीय राजधानी में सीएनजी और पाइप वाली रसोई गैस की खुदरा बिक्री करती है।
पिछले एक महीने में सीएनजी की कीमतों में यह छठी वृद्धि है और इस दौरान कुल मिलाकर दरें लगभग चार रुपये प्रति किलो बढ़ गई हैं। वैश्विक स्तर पर गैस की कीमतों में उछाल के कारण यह वृद्धि हुई है। आईजीएल घरेलू फील्ड से प्राकृतिक गैस हासिल करती है और साथ ही आयातित एलएनजी भी खरीदती है।
सरकार ने गुरुवार को स्थानीय फील्ड से उत्पादित गैस की कीमत 2.9 अमेरिकी डॉलर से बढ़ाकर 6.10 अमेरिकी डॉलर प्रति दस लाख ब्रिटिश थर्मल इकाई कर दी थी। उद्योग सूत्रों ने कहा कि इससे आईजीएल की लागत बढ़ गई है, और कीमतों में बढ़ोतरी जरूरी हो गई थी।
नोएडा, ग्रेटर नोएडा और गाजियाबाद में सीएनजी के भाव 63.38 रुपये किलो होंगे जबकि गुरुग्राम यह 69.17 रुपये किलो पर उपलब्ध होगा। सीएनजी की कीमत विभिन्न शहरों में अलग-अलग है। इसका कारण वैट (मूल्य वर्धित कर) जैसे स्थानीय करों का प्रभाव है।।