इंटरव्यू में मेहुल चौकसी ने कहा- मैंने नहीं किया कोई घोटाला, PNB बना रहा बलि का बकरा
By रामदीप मिश्रा | Published: September 11, 2018 08:08 PM2018-09-11T20:08:06+5:302018-09-11T20:33:59+5:30
ताजा एक वीडियो में मेहुल चौकसी ने अपने खिलाफ लगे सभी आरोपों को खारिज कर दिया है। उसने कहना है 'ईडी और सीबीआई द्वारा लगाए सभी आरोप बेबुनियाद हैं।
नई दिल्ली, 11 सितंबर: पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) में हुए घोटाले में आरोपी मेहुल चौकसी पहली बार देश से भागने के बाद मीडिया से मुखातिब हुआ है। उसने एबीपी को दिए साक्षात्कार में कई बातें कहीं। उसने कहा है कि बैंक ने ये घोटाला अपने ऊपर लेने की बजाय मुझे बलि का बकरा बनाया है। मैंने और मेरी कंपनी ने कोई घोटाला नहीं किया है। बता दें, 14 हजार करोड़ रुपये के इस घोटाले में नीरव मोदी भी आरोपी है और वह भी भगोड़ा है।
उसने कहा कि मैं नीरव की कंपनी में पार्टनर था। 2000 के बाद कंपनी से मतलब नहीं रखा। ये सब कुछ बैंक की ढिलीयी की वजह से हुआ है। मेरी पीछे 15 से 17 कंपनियां लगी हुई हैं और मेरी सात से आठ करोड़ रुपये की प्रॉपर्टी सीज की गई है। मेरी कंपनी पूरी तरह से बंद है और मेरा कोई भी आदमी कंपनी में नहीं है।
उसने कहा कि एंटिगा में एक साल पहले किया था। इसका मकसद बिजनेस को बढ़ाना था। वहीं, उसने नीरव मोदी पर टिप्पणी करने से साफ मना कर दिया। साथ ही साक्षात्कार में वह रोते हुए दिखाई दिया और खुद को राजनीति के शिकार का बताया।
वहीं, ताजा एक वीडियो में मेहुल चौकसी ने अपने खिलाफ लगे सभी आरोपों को खारिज कर दिया है। उसने कहना है 'ईडी और सीबीआई द्वारा लगाए सभी आरोप बेबुनियाद हैं। उसने एंटीगुआ से जारी वीडियो में सरेंडर करने से भी इनकार किया है। उसने कहा है मेरी संपत्ति गलत तरीके से सीज की गई है और बिना किसी कारण मेरा पासपोर्ट रद्द किया गया है।
इससे पहले पंजाब नेशनल बैंक में 14 हजार करोड़ रुपये के घोटाले का आरोपी और गीतांजलि जेम्स के प्रमोटर मेहुल चौकसी को लेकर जुलाई में खबर आई थी कि ये अमेरिका से भाग कर एंटीगुआ गया था। इस मामले की जांच कर रही सीबीआई ने विदेश मंत्रालय की ओर से एंटीगुआ की सरकार को एक पत्र भिजवाया था। इस पत्र के द्वारा सीबीआई ने एंटीगुआ की सरकार से मेहुल चौकसी के गिरफ्तारी के बारे में बोला था। बता दें कि पिछले महीने से भारत सरकार आरोपी मेहुल चौकसी के गिरफ्तारी की कोशिश में लगा हुआ है।
उल्लेखनीय है कि सीबीआई ने 31 जनवरी को नीरव मोदी के खिलाफ और 15 फरवरी को मेहुल चौकसी के खिलाफ एफआईआर दर्ज किया था। नीरव मोदी और मेहुल चौकसी जनवरी में सीबीआई द्वारा केस दर्ज करने से पहले ही देश छोड़कर जा चुके थे। बताया गया है कि लोन देने से पहले कंपनियों को एक्सटर्नल कमर्शियल बॉरोविंग फॉर्म भरना होता है जोकि नीरव मोदी और मेहुल चौकसी को दिए गए लोन के लिए नहीं भरे गए थे।
सीबीआई नीरव मोदी और मेहुल चौकसी के खिलाफ लुकआउट नोटिस जारी कर चुकी है, लेकिन दोनों ने भारत आने से इनकार कर दिया था। भारत के विदेश मंत्रालय ने नीरव मोदी और मेहुल चौकसी का पासपोर्ट रद्द कर दिया।