पीएनबी घोटाला: वित्त मंत्रालय ने बैंकों से कहा-बड़े कर्जदारों के पासपोर्ट का ब्योरा लें
By स्वाति सिंह | Published: March 6, 2018 11:20 PM2018-03-06T23:20:54+5:302018-03-06T23:20:54+5:30
पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) को 11300 करोड़ रुपये का चूना लगाने के आरोपियों नीरव मोदी और मेहुल चौकसी के परिवार समेत देश से भाग जाने के बाद वित्त मंत्रालय ने ये निर्देश दिया है।
नई दिल्ली, 6 मार्च: वित्त मंत्रालय ने मंगलवार को सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों को 45 दिनों के अंदर सभी कर्जदारों का पासपोर्ट का ब्योरा लेने को कहा है। इसमें वह कर्जदार हैं जिन्होंने 50 करोड़ रुपये से ज्यादा कर्ज लिया है। पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) को 11300 करोड़ रुपये का चूना लगाने के आरोपियों नीरव मोदी और मेहुल चौकसी के परिवार समेत देश से भाग जाने के बाद वित्त मंत्रालय ने ये निर्देश दिया है।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक अगर किसी सूत्रधार के पास पासपोर्ट नहीं है तो उस स्थिति में बैंक को उससे घोषणापत्र के रूप में प्रमाणपत्र लेना होगा। वित्त मंत्रालय से पास हुई अडवाइजरी में कहा गया है कि लोन ऐप्लिकेशन फॉर्म में भी कुछ बदलाव किया जाना चाहिए, इसमें लोन लेने वालों के पासपोर्ट का ब्योरा शामिल किया जा सके। इसके साथ ही पासपोर्ट के ब्योरे से बैंकों से धोखाधरी करने वालों को देश छोड़कर भागने से रोकने के लिए समय पर कार्रवाई करने और उससे जुड़ी अथॉरिटीज को सूचना देने में मदद मिलेगी।
बीते दिनों देश के गृह मंत्रालय ने को इमिग्रेशन ब्यूरो को निर्देश दिया कि बैंकों का लोन लेकर न चुकाने वाले डिफाल्टरों को विदेश न जाने दें। गृह मंत्रालय ने आदेश दिया है कि ऐसे डिफाल्टरों को इमिग्रेशन जाँच में ही रोक लिया जाए और उनकी विदेश यात्रा रोक दी जाए।
बता दें कि रिपोर्ट के अनुसार साल 2016-17 में भारत में हुई 86 प्रतिशत वित्तीय जालसाजी बैंकों से कर्ज से जुड़ी थी। पंजाब नेशनल बैंक से साथ वित्त वर्ष 2016-17 में हुई वित्तीय जालसाजियों में 99 प्रतिशत लोन से जुड़ी हुई है। टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट में विशेषज्ञों ने दावा किया है कि पीएनबी में इस स्तर पर हो रही जालसाजी बैंक के कर्मचारियों की मिलीभगत के बिना संभव नहीं है। टीओआई की रिपोर्ट के अनुसार 26 बैंकों ने कहा है कि उनके साथ हुई 97 प्रतिशत जालसाजी पैसों के अग्रिम भुगतान से जुड़ी हुई रहीं। 15 बैंकों ने कहा कि उनके साथ हुई 99 प्रतिशत जालसाजी लोन या कर्ज से जुड़ी हुई थी। आठ अन्य बैंकों ने कहा कि उनके साथ हुए जालसाजी में 90 से 95 प्रतिशत तक लोन से जुड़ी हुई थी। भारतीय रिजर्व बैंक के आंकड़ों के हवाले से टीओआई ने रिपोर्ट की है कि वित्त वर्ष 2016-17 में बैंकों के साथ 23,903 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी हुई। इसमें से 20,561 करोड़ (86 प्रतिशत) रुपये लोन संबंधित था। वित्त वर्ष 2016-17 में पीएनबी को 2788 करोड़ रुपये ( 99। 29 प्रतिशत) रुपये का चूना लगा।