PNB घोटालाः नीरव-मेहुल पर CBI का शिकंजा, CFO विपुल अंबानी समेत पांच गिरफ्तार
By आदित्य द्विवेदी | Published: February 20, 2018 10:46 PM2018-02-20T22:46:31+5:302018-02-20T22:47:31+5:30
विपुल दिवंगत धीरूभाई अंबानी के छोटे भाई नाटूभाई अंबानी के बेटे हैं। वह 2014 से ही नीरव की कंपनी फायरस्टार में सीएफओ के पद पर हैं।
पंजाब नेशनल बैंक से 11,356 करोड़ रुपये के घोटाले में सीबीआई ने नीरव-मेहुल पर शिकंजा कसना शुरू कर दिया है। मंगलवार को सीबीआई ने नीरव मोदी की कंपनी का कामकाज संभालने वाले सीएफओ विपुल अंबानी को गिरफ्तार कर लिया है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक विपुल दिवंगत धीरूभाई अंबानी के छोटे भाई नाटूभाई अंबानी के बेटे हैं। वह 2014 से ही नीरव की कंपनी फायरस्टार में सीएफओ के पद पर हैं। उनके साथ नीरव-मेहुल की कंपनी के चार अन्य वरिष्ठ अधिकारियों को गिरफ्तार किया गया है। इससे पहले सीबीआई ने इस घोटाले में कथित रूप से शामिल पंजाब नेशनल बैंक के कई अधिकारियों को गिरफ्तार किया था।
सीबीआई के एक अधिकारी ने बताया कि नीरव मोदी की कंपनियों के खिलाफ दर्ज मामले में तीन लोगों को गिरफ्तार किया गया है, जिसमें फायरस्टार इंटरनेशनल के वित्त निदेशक विपुल अंबानी, कार्यकारी सहायक और तीन कंपनियों की अधिकृत हस्ताक्षरकर्ता कविता मण्किकार और फायरस्टार समूह के सीनियर कार्यपालक अधिकारी अर्जुन पाटिल भी शामिल हैं।
इससे पहले पीएनबी घोटाले पर चुप्पी तोड़ते हुए वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा था कि घोटाले में शामिल लोगों पर कार्रवाई करने का एक उदाहरण पेश किया जाना चाहिए, ताकि ऐसी घटनाएं दोबारा न हों। उन्होंने कहा, "मैं ऐसा इसलिए कह रहा हूं, क्योंकि ऐसी घटनाओं की कीमत देश को और करदाताओं को चुकानी पड़ती है। इसका असर बैंक पर और देश के विकास पर पड़ेगा।"
खरबों रुपये के पीएनबी घोटाले के मुख्य आरोपी नीरव मोदी का नाम लिए बिना वित्तमंत्री ने कहा, "भारतीय व्यवसायियों का एक समूह जिस तरह की अनैतिकता का अनुकरण कर रहा है, सरकार के नाते, देश की पूरी क्षमता तक, यथासंभव अंतिम निष्कर्ष तक हम ऐसे लोगों का पीछा करेंगे, और यह सुनिश्चित करेंगे कि कोई भी देश को धोखा नहीं दे सकता है।"
PNB घोटालाः एक नजर में
पीएनबी ने 14 फरवरी को जानकारी दी कि उसके मुंबई स्थित ब्रैडी हाउस ब्रांच में 11,400 करोड़ रुपये का घोटाला सामने आया है। नीरव मोदी और उनके मामा मेहुल चोकसी पर कर्ज लेकर उसे नहीं चुकाने का आरोप लगाया। ये कर्ज पीएनबी के लैटर ऑफ अंडरटेकिंग के जरिए लिए गए।
जांच एजेंसियां घोटाला सामने आने के तुरंत बाद से ही उसकी संपत्तियों और ठिकानों पर कार्रवाई में जुटी हुई हैं। अब तक इस सिलसिले में 5716 करोड़ की संपत्तियां जब्त की जा चुकी हैं। साथ ही नीरव को भारत लाने के लिए जरूरी कार्रवाई पर भी काम शुरू कर दिया गया है।