PNB घोटालाः विपुल अंबानी सहित चार आरोपियों को 5 मार्च तक पुलिस हिरासत में भेजा गया
By रामदीप मिश्रा | Published: February 21, 2018 06:46 PM2018-02-21T18:46:57+5:302018-02-21T18:49:59+5:30
सीबीआई ने मंगलवार को विपुल अंबानी को गिरफ्तार किया था। विपुल दिवंगत धीरूभाई अंबानी के छोटे भाई नाटूभाई अंबानी के बेटे हैं।
मुंबई, 21 फरवरीः पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) से 11,3oo करोड़ रुपए के हुए घोटाले में गिरफ्तार किए गए चार आरोपियों को बुधवार को केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) की विशेष अदालत में पेश किया गया, जहां से उन्हें पांच मार्च तक के लिए पुलिस हिरासत में भेजा गया है। इन आरोपियों में नीरव मोदी की कंपनी का कामकाज संभालने वाले सीएफओ विपुल अंबानी भी शामिल हैं।
All 4 accused in #PNBFraudCase including #VipulAmbani sent to police custody till 5th March by special CBI court in #Mumbai.
— ANI (@ANI) February 21, 2018
दरअसल, सीबीआई ने मंगलवार को विपुल अंबानी को गिरफ्तार किया था। विपुल दिवंगत धीरूभाई अंबानी के छोटे भाई नाटूभाई अंबानी के बेटे हैं। वह 2014 से ही नीरव की कंपनी फायरस्टार में सीएफओ के पद पर हैं। उनके साथ नीरव-मेहुल की कंपनी के चार अन्य वरिष्ठ अधिकारियों को गिरफ्तार किया गया था। इससे पहले सीबीआई ने इस घोटाले में कथित रूप से शामिल पंजाब नेशनल बैंक के कई अधिकारियों को गिरफ्तार किया था।
नीरव मोदी की कंपनियों के खिलाफ दर्ज मामले में चार लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है, जिसमें फायरस्टार इंटरनेशनल के वित्त निदेशक विपुल अंबानी, कार्यकारी सहायक और तीन कंपनियों की अधिकृत हस्ताक्षरकर्ता कविता मण्किकार, फायरस्टार समूह के सीनियर कार्यपालक अधिकारी अर्जुन पाटिल और पंजाब नेशनल बैंक के जनरल मैनेजर स्तर के अधिकारी राजेश जिंदर भी शामिल हैं।
जिंदर साल 2009 से 2011 तक इस ब्रांच के प्रमुख रहे थे। सीबीआई इससे पहले पीएनबी घोटाले में बैंक के छह कर्मचारियों को गिरफ्तार कर चुकी है। सीबीआई ने सभी अभियुक्तों से पूछताछ की है। पंजाब नेशनल बैंक ने सीबीआई में 11300 करोड़ रुपये चूना लगाने की शिकायत दर्ज कराई है। मामले के मुख्य आरोपी नीरव मोदी और मेहुल चौकसी देश छोड़कर जा चुके हैं।
पीएनबी ने बैंक के 18 कर्मचारियों को जालसाजी में शामिल होने के आरोप में निलंबित कर दिया था। ये मामला जनवरी 2018 में सामने आया। पीएनबी जनवरी के आखिरी हफ्ते में सीबीआई में शिकायत दर्ज कराई कि नीरव मोदी और उनसे जुड़ी कंपनियों ने बैंक को 280 करोड़ रुपये का चूना लगाया। सीबीआई ने 31 जनवरी को मामले में एफआईआर दर्ज की।