रिजर्व बैंक से मिले 1.76 लाख करोड़ रुपये के इस्तेमाल पर PMO करेगा फैसला, वित्त मंत्रालय ने साधी चुप्पी!
By हरीश गुप्ता | Published: September 6, 2019 09:47 AM2019-09-06T09:47:33+5:302019-09-06T09:47:33+5:30
विपक्ष लगातार आरोप लगा रहा है कि सरकार इस राशि का इस्तेमाल बढ़ते राजकोषीय घाटे की पूर्ति और मंदी पर कमजोर होते नियंत्रण को दोबारा पाने के लिए करेगी। वित्त मंत्रालय ने इन आरोपों पर फिलहाल चुप्पी साध रखी है।
आर्थिक मंदी से राजस्व संकलन में गिरावट के बीच सरकार ने रिजर्व बैंक से मिले 1.76 लाख करोड़ रुपये के इस्तेमाल पर फिलहाल ब्रेक लगा रखा है। उच्च पदस्थ सूत्रों के मुताबिक इस राशि के इस्तेमाल का फैसला वित्त मंत्रालय नहीं बल्कि प्रधानमंत्री कार्यालय करेगा।
विपक्ष लगातार आरोप लगा रहा है कि सरकार इस राशि का इस्तेमाल बढ़ते राजकोषीय घाटे की पूर्ति और मंदी पर कमजोर होते नियंत्रण को दोबारा पाने के लिए करेगी। वित्त मंत्रालय ने इन आरोपों पर फिलहाल चुप्पी साध रखी है।
रिजर्व बैंक ने हाल ही में जालान समिति की रिपोर्ट पर अपने 10 लाख करोड़ रुपये के अधिशेष धन से 1.76 लाख करोड़ रुपये का लाभांश सरकार को सौंपा था। आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक राशि के इस्तेमाल के तौर तरीकों पर चर्चा के लिए जल्द ही वित्त मंत्रालय के अधिकारीगण पीएमओ के अधिकारियों से मिलेंगे।
प्रिंसिपल सेक्रेटरी नृपेंद्र मिश्रा के अगले एक हफ्ते में पीएमओ से विदा लेने और 6 अन्य वरिष्ठ अधिकारियों के आगमन के बाद पीएमओ में कामकाज सामान्य होने में कुछ वक्त लगेगा।
वैसे इस बात पर सहमति बनती दिखती है कि कुछ क्षेत्रों को प्रोत्साहन देने की बजाए रिजर्व बैंक से मिली राशि का इस्तेमाल अर्थव्यवस्था को गति देने और इंफ्रास्ट्रक्चर पर खर्च किया जाना चाहिए।