'पीएम विश्वकर्मा' योजना हमारे पारंपरिक कारीगरों, शिल्पकारों का सम्मान: प्रधानमंत्री मोदी
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: August 16, 2023 09:12 PM2023-08-16T21:12:11+5:302023-08-16T21:13:17+5:30
केंद्रीय मंत्रिमंडल द्वारा 'पीएम विश्वकर्मा' योजना को मंजूरी दिए जाने के बाद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बुधवार को कहा कि इस पहल के जरिए ग्रामीण और शहरी भारत के पारंपरिक कारीगरों और शिल्पकारों का सम्मान किया गया है।
नई दिल्ली: केंद्रीय मंत्रिमंडल द्वारा 'पीएम विश्वकर्मा' योजना को मंजूरी दिए जाने के बाद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बुधवार को कहा कि इस पहल के जरिए ग्रामीण और शहरी भारत के पारंपरिक कारीगरों और शिल्पकारों का सम्मान किया गया है। केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बुधवार को पांच साल की अवधि के लिए 13,000 करोड़ रुपये के वित्तीय परिव्यय के साथ 'पीएम विश्वकर्मा' योजना को मंजूरी दे दी, जिससे बुनकरों, सुनार, लोहार, धोबी और नाइयों सहित पारंपरिक कारीगरों और शिल्पकारों के लगभग 30 लाख परिवारों को लाभ होगा।
प्रधानमंत्री मोदी की अध्यक्षता में हुई मंत्रिमंडल की आर्थिक मामलों की समिति (सीसीईए) की बैठक में यह फैसला किया गया। पीएम मोदी ने कहा, "हमारे देश के कौशल और सांस्कृतिक विविधता को आत्मसात करते हुए, पीएम विश्वकर्मा पहल ग्रामीण और शहरी भारत दोनों के हमारे पारंपरिक कारीगरों और शिल्पकारों का सम्मान करेगी।"
उन्होंने कहा, "कालातीत गुरु-शिष्य परंपरा का सम्मान करते हुए, यह हमारे विश्वकर्मा के प्रयासों को बढ़ाएगी, उन्हें आधुनिक मूल्य श्रृंखलाओं से जोड़ेगी और आने वाली पीढ़ियों के लिए उनके अमूल्य कौशल को संरक्षित करेगी।" प्रधानमंत्री ने मंगलवार को घोषणा की थी कि यह योजना 17 सितंबर को विश्वकर्मा जयंती पर शुरू की जाएगी। योजना के तहत कारीगरों और शिल्पकारों को पीएम विश्वकर्मा प्रमाण पत्र के माध्यम से मान्यता प्रदान की जाएगी और उन्हें पहचान पत्र दिया जाएगा। उन्हें पांच प्रतिशत की रियायती ब्याज दर के साथ 1 लाख रुपये (पहली किस्त) और 2 लाख रुपये (दूसरी किस्त) तक की ऋण सहायता प्रदान की जाएगी।
बता दें कि इसके अलावा पीएम ई-बस सेवा को भी मंजूरी दे दी गई है। केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने पीएम ई-बस सेवा के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि इस पर 57,613 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे। देश भर में लगभग 10,000 नई इलेक्ट्रिक बसें प्रदान की जाएंगी। ये योजना देश के 100 शहरों में लागू होगी। अनुराग ठाकुर ने बताया कि इसमें से 20 हजार करोड़ रुपये केंद्र सरकार की तरफ से खर्च किए जाएंगे जबकि बाकी पैसे राज्य सरकारें खर्च करेंगी। यह योजना 3 लाख और उससे अधिक आबादी वाले शहरों को कवर करेगी। इस योजना के तहत, सिटी बस संचालन सार्वजनिक निजी भागीदारी (पीपीपी) मॉडल पर 10,000 ई-बसों के साथ किया जाएगा। यह योजना 10 वर्षों तक बस संचालन का समर्थन करेगी।