राम मंदिर ट्रस्ट ‘घोटाले’ पर जवाब दें प्रधानमंत्री, उच्चतम न्यायालय की निगरानी में जांच हो: कांग्रेस

By भाषा | Published: June 14, 2021 09:18 PM2021-06-14T21:18:03+5:302021-06-14T21:18:03+5:30

PM should reply on Ram Mandir Trust 'scam', probe should be done under Supreme Court supervision: Congress | राम मंदिर ट्रस्ट ‘घोटाले’ पर जवाब दें प्रधानमंत्री, उच्चतम न्यायालय की निगरानी में जांच हो: कांग्रेस

राम मंदिर ट्रस्ट ‘घोटाले’ पर जवाब दें प्रधानमंत्री, उच्चतम न्यायालय की निगरानी में जांच हो: कांग्रेस

नयी दिल्ली, 14 जून कांग्रेस ने श्री राम जन्म भूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट से संबंधित एक जमीन सौदे में लगे भ्रष्टाचार के आरोप को लेकर सोमवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से इस ‘घोटाले’ पर जवाब मांगा और साथ ही उच्चतम न्यायालय की निगरानी में इसकी जांच कराए जाने की मांग भी की।

मुख्य विपक्षी पार्टी ने उच्चतम न्यायालय यह से आग्रह भी किया कि वह मंदिर निर्माण के लिए चंदे के रूप में प्राप्त राशि व खर्च का न्यायालय के तत्वाधान में ऑडिट करवाए तथा चंदे से खरीदी गई सारी जमीन की कीमत को लेकर भी जांच करे।

कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने ट्वीट किया, ‘‘ श्रीराम स्वयं न्याय हैं, सत्य हैं, धर्म हैं। उनके नाम पर धोखा अधर्म है!’’

पार्टी की उत्तर प्रदेश प्रभारी प्रियंका गांधी वाद्रा ने ट्वीट किया, ‘‘करोड़ों लोगों ने आस्था और भक्ति के चलते भगवान के चरणों में चढ़ावा चढ़ाया। उस चंदे का दुरुपयोग अधर्म है, पाप है, उनकी आस्था का अपमान है।’’

कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘भगवान श्री राम आस्था के प्रतीक हैं। पर भगवान राम की अलौकिक अयोध्या नगरी में श्री राम मंदिर निर्माण हेतु करोड़ों लोगों से एकत्रित चंदे का दुरुपयोग और धोखाधड़ी महापाप और घोर अधर्म है, जिसमें भाजपाई नेता शामिल हैं।’’

सुरजेवाला ने दावा किया, ‘‘जमीन की रजिस्ट्री के दोनों कागजों पर श्री राम जन्म भूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के ट्रस्टी अनिल मिश्रा गवाह के तौर पर मौजूद हैं। दोनों कागजों पर दूसरे गवाह भाजपा के प्रमुख नेता और अयोध्या के मेयर ऋषिकेश उपाध्याय हैं। इसका मतलब साफ है कि 2 करोड़ रुपये मूल्य की जमीन पांच मिनट में 18.5 करोड़ रुपये में खरीदने के निर्णय की राममंदिर निर्माण ट्रस्ट के न्यासियों को पूरी जानकारी थी।’’

उन्होंने कहा, ‘‘श्री राम मंदिर निर्माण के लिए ट्रस्ट का गठन उच्चतम न्यायालय के निर्देश के अनुसार 5 फरवरी, 2020 को हुआ। उपरोक्त तथ्यों से साफ है कि करोड़ों लोगों द्वारा राम मंदिर निर्माण के लिए दी गई दान राशि में घोर महापाप, अधर्म व घोटाला हुआ है। लेकिन प्रधानमंत्री पूरी तरह से चुप हैं।’’

सुरजेवाला ने सवाल किया, ‘‘प्रधानमंत्री को इसका जवाब देना चाहिए कि क्या भगवान राम की आस्था का सौदा करने वाले पापियों को मोदी जी का संरक्षण प्राप्त है? मर्यादा पुरुषोत्तम श्री राम के नाम पर इतना बड़ा कदाचार भाजपा नेताओं ने कैसे किया?’’

उन्होंने यह भी पूछा, ‘‘इस प्रकार और कितनी जमीन मंदिर निर्माण के चंदे से औने-पौने दामों पर खरीदी गई है?‘‘ कांग्रेस नेता ने कहा, ‘‘राम मंदिर निर्माण के लिए इस ट्रस्ट का गठन देश के उच्चतम न्यायालय के निर्देश पर किया गया है। जब यह घोटाला और इसके तथ्य सामने हैं, तो देशवासियों की ओर से हमारी मांग है कि प्रधानमंत्री उपरोक्त सवालों का देश को जवाब दें तथा देश के प्रधान न्यायाधीश व उच्चतम न्यायालय पूरे मामले का संज्ञान लेकर न्यायलय की निगरानी में जांच करवाएं।’’

उन्होंने यह मांग भी की, ‘‘उच्चतम न्यायालय मंदिर निर्माण के चंदे के रूप में प्राप्त राशि व खर्च का न्यायालय के तत्वाधान में ऑडिट करवाए , मंदिर निर्माण के लिए मिले चंदे से खरीदी गई सारी जमीन की कीमत के आंकलन की भी जांच करे तथा न्यायालय देशवासियों व भक्तजनों के समक्ष वह ऑडिट रिपोर्ट सार्वजनिक करे।’’

गौरतलब है कि आम आदमी पार्टी (आप) के राज्यसभा सदस्य संजय सिंह ने रविवार को श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगाते हुए उसकी जांच सीबीआई और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) से कराने की मांग की थी।

सिंह ने लखनऊ में दावा किया था कि ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने संस्था के सदस्य अनिल मिश्रा की मदद से दो करोड़ रुपए कीमत की जमीन 18 करोड़ रुपए में खरीदी।उन्होंने कहा था कि यह सीधे-सीधे धन शोधन का मामला है और सरकार इसकी सीबीआई और प्रवर्तन निदेशालय से जांच कराये।

वहीं, समाजवादी पार्टी की पूर्ववर्ती सरकार में मंत्री रहे एवं अयोध्या के पूर्व विधायक पवन पांडे ने भी अयोध्या में राय पर भ्रष्टाचार के ऐसे ही आरोप लगाए और मामले की जांच सीबीआई से कराने की मांग की।चंपत राय ने इस पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि वह इस तरह के आरोपों से नहीं डरते तथा वह इन आरोपों का अध्ययन करेंगे।

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