प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को वैश्विक कोविन कॉन्क्लेव को संबोधित किया। इस दौरान पीएम मोदी ने कहा कि कोई भी राष्ट्र अलग रहकर के कोविड की चुनौती का समाधान नहीं कर सकता है। हमें मानवता के लिए मिलकर काम करना होगा। साथ ही उन्होंने कहा कि कोरोना महामारी से सफलतापूर्वक लड़ने के लिए वैक्सीनेशन मानवता के लिए सबसे अच्छी उम्मीद है। इस दौरान उन्होंने महामारी में जान गंवाने वाले सभी देशों के लोगों के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त की।
पीएम मोदी ने इस दौरान महामारी की भयावहता को रेखांकित करते हुए कहा कि 100 साल में ऐसी कोई भी महामारी नहीं आई है। अनुभव से पता चलता है कि कोई भी राष्ट्र चाहे वह कितना भी शक्तिशाली हो, इस तरह की चुनौती का समाधान अकेले रहकर हल नहीं कर सकता है।
उन्होंने कहा कि भारतीय सभ्यता दुनिया को एक परिवार मानती है। इस महामारी ने कई लोगों को इस मौलिक सत्य का अहसास कराया है।
कोरोना के खिलाफ लड़ाई में उन्होंने टेक्नोलॉजी को अहम हथियार करार दिया। उन्होंने कहा कि हमारी लड़ाई में टेक्नोलॉजी अहम है। उन्होंने कहा कि सौभाग्य से सॉफ्टवेयर ऐसा क्षेत्र है, जहां पर संसाधनों की कमी नहीं है।
पीएम मोदी ने कहा कि कोविड के खिलाफ विजेता के तौर पर उभरने के लिये मानवता के पास टीकाकरण की सर्वश्रेष्ठ उम्मीद है। उन्होंने कहा कि महामारी की शुरुआत से ही भारत अपने अनुभव, विशेषज्ञता, संसाधनों को वैश्विक समुदाय के साथ साझा करने के लिये प्रतिबद्ध रहा है।