खूब पर्दा है कि चिलमन से लगे बैठे हैं, साफ छुपते भी नहीं सामने आते भी नहीं, PM मोदी ने विपक्ष पर तंज कसते हुए पढ़ी ये शायरी
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: February 6, 2020 13:55 IST2020-02-06T13:52:24+5:302020-02-06T13:55:22+5:30
संसद के बजट सत्र का आज छठा दिन है। इससे पहले पीएम मोदी ने अपने भाषण की शुरुआत सर्वेश्वर दयाल सक्सेना की कविता से शुरू करते हुए विपक्ष पर इशारों ही इशारों में हमला बोला।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी
लोकसभा में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी राष्ट्रपति के अभिभाषण पर जवाब देते हुए विपक्ष पर खूब तंज कसा। उन्होंने विपक्ष पर शायरी पढ़ तंज कसा। उन्होंने कहा खूब पर्दा है कि चिलमन से लगे बैठे हैं, साफ छुपते भी नहीं सामने आते भी नहीं...। इससे पहले पीएम मोदी ने अपने भाषण की शुरुआत सर्वेश्वर दयाल सक्सेना की कविता से शुरू करते हुए विपक्ष पर इशारों ही इशारों में हमला बोला। बता दें, संसद के बजट सत्र का आज छठा दिन है।
पीएम मोदी ने कहा कि एक शायर ने कहा था- खूब पर्दा है कि चिलमन से लगे बैठे हैं, साहब छुपते भी नहीं, सामने आते भी नहीं।पब्लिक सब जानती है। उन्होंने कहा कि पिछले दिनों जो वक्तव्य दिए गए, उनका जिक्र सदन में करना उपयुक्त नहीं है।सदन के बड़े-बड़े लोग भी वहां जाते हैं, ये ठीक नहीं हैं।
वहीं पीएम ने भाषण के शुरुआत में सर्वेश्वर दयाल सक्सेना की कविता की कुछ लाइने पढ़ते हुए कहा, 'लीक पर वे चलें जिनके चरण दुर्बल और हारे हैं, हमें तो जो हमारी यात्रा से बने ऐसे अनिर्मित पन्थ प्यारे हैं'।
पीएम मोदी ने राहुल गांधी को दिया ये जवाब
पीएम नरेंद्र मोदी ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी के बयान पर पलटवार करते हुए कहा, ''मैंने सुना है कि कांग्रेस नेता ने कहा कि 6 महीने में मोदी को डंडे पड़ेंगे। मैं इन छह महीनों में और ज्यादा सूर्य नमस्कार करूंगा, उसकी संख्या बढ़ाऊंगा। ताकि मेरी पीठ को भी हर डंडा झेलने की आदत हो जाए।
मैनें ऐसे भी पिछले कुछ सालों में इतनी गाली सुनी है कि मैं गाली प्रफू बन गया हूं...अब छह महीने का वक्त मिला है तो गाली प्रफू पीठ को भी डंडा प्रफू बन लूंगा।'' संसद के बजट सत्र का आज छठा दिन है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी राष्ट्रपति के अभिभाषण पर लोकसभा में जवाब देते हुए राहुल गांधी पर पलटवार किया है।
इसके बाद उन्होंने कहा कि लोगों ने सिर्फ एक सरकार बदली है, केवल ऐसा नहीं है, बल्कि सरोकार भी बदलने की अपेक्षा की है। इस देश की एक नई सोच के साथ काम करने की इच्छा और अपेक्षा के कारण हमें यहां आकर काम करने का अवसर मिला है।
उन्होंने कहा कि हम भी आप लोगों के रास्ते पर चलते, तो शायद 70 साल के बाद भी इस देश से अनुच्छेद 370 नहीं हटता, आपके ही तौर तरीके से चलते, तो मुस्लिम महिलाओं को तीन तलाक की तलवार आज भी डराती। आपकी ही सोच के साथ चलते तो राम जन्मभूमि आज भी विवादों में रहती।
उन्होंने कहा कि आपकी ही सोच अगर होती, तो करतापुर साहिब कोरिडोर कभी नहीं बन पाता। आपके ही के तरीके होते, आपका ही रास्ता होता, तो भारत-बांग्लादेश विवाद कभी नहीं सुलझता।
उन्होंने कहा कि अगर कांग्रेस के रास्ते हम चलते ,तो 50 साल बाद भी शत्रु संपत्ति कानून का इंतजार देश को करते रहना पड़ता। 35 साल बाद भी नेक्स्ट जनरेशन लड़ाकू विमान का इंतजार देश को करते रहना पड़ता। 28 साल बाद भी बेनामी संपत्ति कानून लागू नहीं हो पाता।
कोई इस बात से इंकार नहीं कर सकता कि देश चुनौतियों से लोहा लेने के लिए हर पल कोशिश करता रहा है। कभी कभी चुनौतियों की तरफ न देखने की आदतें भी देश ने देखी है, चुनौतियों को चुनने का सामर्थ्य नहीं, ऐसे लोगों को भी देखा है।