PM नरेंद्र मोदी का Namo App यूजर्स से लेता है कैमरा, माइक्रोफोन, कॉन्टैक्ट समेत 22 जानकारियाँ: रिपोर्ट

By लोकमत समाचार हिंदी ब्यूरो | Published: March 26, 2018 08:27 AM2018-03-26T08:27:16+5:302018-03-26T09:11:41+5:30

मीडिया रिपोर्ट में दावा किया गया है कि पीएम नरेंद्र मोदी के आधिकारिक ऐप NaMo App द्वारा यूजर्स से ली गयी कुछ जानकारियाँ एक अमेरिकी कंपनी को दी जाती हैं।

PM Narendra Modi Official namo app can access to 22 input points from users | PM नरेंद्र मोदी का Namo App यूजर्स से लेता है कैमरा, माइक्रोफोन, कॉन्टैक्ट समेत 22 जानकारियाँ: रिपोर्ट

PM नरेंद्र मोदी का Namo App यूजर्स से लेता है कैमरा, माइक्रोफोन, कॉन्टैक्ट समेत 22 जानकारियाँ: रिपोर्ट

ब्रिटिश कंपनी कैम्ब्रिज एनालिटिका द्वारा फेसबुक डाटा चुराकर आम मतदाताओं को चुनाव के दौरान प्रभावित से शुरू हुई "डिजिटल डाटा के इस्तेमाल" की आँच ब्रिटेन और अमेरिका से होते हुए भारत तक पहुँच चुकी है। अब इसकी लपेट में भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का आधिकारिक मोबाइल ऐप NaMo App (नमो ऐप) आ गया है। मीडिया रिपोर्ट में दावा किया गया है कि नमो ऐप यूजर्स से ली गयी कुछ जानकारियों को यूजर्स को पहले से बताए बिना एक अमेरिकी कंपनी के साथ साझा करता है। इंडियन एक्सप्रेस ने अपनी रिपोर्ट में दावा किया है कि नमो ऐप इसे डाउनलोड करने वालों के मोबाइल फोन से 22 सूचनाएँ लेने की अनुमति ले लेता है। अगर रिपोर्ट सही है तो नमो ऐप डाउनलोड करने वालों के लोकेशन, फोटो, फोन नंबर, माइक्रोफोन और कैमरा इत्यादि निजी जानकारियाँ यूजर्स से ले सकता है। जब आप कोई भी मोबाइल ऐप डाउनलोड करते हैं तो वो आपसे टर्म एंड कंडिशन एक्सेप्ट करने के लिए पूछता है। उसे स्वीकार करने के बाद ही आप ऐप इंस्टाल कर सकते हैं। इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट में दावा किया गया है कि नरेंद्र मोदी ऐप अमेजॉन इंडिया, प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ), इंडियन एक्सप्रेस और समाजवादी पार्टी के मोबाइल ऐप सभी से ज्यादा जानकारी यूजर्स से माँगता है।   

नरेंद्र मोदी ऐप से यूजर्स को भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) सरकार की उपलब्धियों और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के रेडियो कार्यक्रम "मन की बात" के ऑडियो मिलते हैं। इंडियन एक्सप्रेस ने विभिन्न मोबाइल ऐप की तुलना करके दावा किया है कि भारत के प्रधानमंत्री कार्यालय के ऐप में यूजर्स से केवल 14 निजी जानाकारियों का एक्सेस माँगा जाता है जबकि नरेंद्र मोदी मोबाइल ऐप में कुल 22 जानकारियाँ माँगी जाती हैं। अमेजॉन इंडिया का मोबाइल ऐप यूजर्स से 17 जानकारियाँ माँगता है। पेटीएम यूजर्स से 26 डाटा प्वाइंट की इजाजत लेता है। दिल्ली पुलिस करीब 25 डाटा प्वाइंट की जानकारियाँ माँगती है लेकिन उसके द्वारा दी जाने वाली सुविधाएं बाकियों से बहुत ज्यादा है।

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शनिवार (24 मार्च) को @fs0c131y ट्विटर हैंडल से एक यूज़र ने ट्वीट करके दावा किया कि भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को मोबाइल ऐप के माध्यम से जो जानकारियाँ इसे डाउनलोड करने वालों से ली जाती हैं वो एक अमेरिकी कंपनी को दिया जाता है। इस ट्वीट में दावा किया गया है नमो ऐप डाउनलोड करने वालों को किसी थर्ड पार्टी (किसी तीसरे पक्ष) को डाटा दिए जाने के बारे में नहीं बताया जाता है। इस व्यक्ति ने अपने ट्विटर बॉयो में खुद को "फ्रांसीसी सिक्योरिटी एक्सपर्ट" बताया है। इंडियन एक्सप्रेस ने दावा किया है कि वो इस ट्वीट करने वाले से संपर्क करने में सफल रहा है। ट्विट करने वाले ने इंडियन एक्सप्रेस को अपना परिचय रॉबर्ट बैपटिस्टे के रूप में दिया। उसने इंडियन एक्सप्रेस को बताया कि नमो ऐप का डाटा क्लेवर टैप नामक अमेरिकी कंपनी को दिया जाता है। 

रॉबर्ट ने इंडियन एक्सप्रेस को बताया कि नमो ऐप यूजर्स से लिए गये सारे डाटा क्लेवर टैप को नहीं देता। यानी नमो ऐप यूजर्स से जिन 22 तरह के डाटा लेता है उनमें से कुछ ही वो क्लेवर टैप को देता है। रिपोर्ट के अनुसार नमो ऐप पंजीकरण(रजिस्ट्रेशन) के समय लिए गयी सूचना ऑपरेटिंग सिस्टम, टेलीकॉम कैरियर, ईमेल, लिंग, नाम और ऐप रजिस्ट्रेशन के लिए इस्तेमाल की गयी तस्वीर ही क्लेवर टैप के साथ शेयर करता है। नमो ऐप फोटोग्राफ, लोकेशन, माइक्रोफोन, कैमरा, फोन नंबर इत्यादि कि जानकारी यूजर्स से लेता है लेकिन उसे थर्ड पार्टी को नहीं देता।

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इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार रॉबर्ट का ट्वीट आने के बाद नरेंद्र मोदी डॉट इन वेबसाइट में NaMo App के बारे में दी गयी जानकारी में बदलाव करके ये जोड़ा गया कि इस ऐप की कुछ जानकारियाँ थर्ड पार्टी को दी जा सकती हैं ताकि यूजर्स को "बेहतर और  सटीक" जानकारी मिल सके। इससे पहले तक नमो ऐप के विवरण में कहा गया था कि यूजर्स द्वारा दी गयी सारी जानकारी गोपनीय रहेगी और उसके यूजर को सूचना देने के अलावा कोई अन्य इस्तेमाल नहीं किया जाएगा।

नमो ऐप का डाटा थर्ड पार्टी को देने पर बीजेपी आईटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय ने इंडियन एक्सप्रेस से कहा कि ये डाटा "थर्ट पार्टी सर्विस" को गूगल एनालिटिक जैसे एक एनालिटिक के लिए दिया जाता है। अमिल मालवीय ने कहा कि नमो ऐप यूजर्स से सारे एक्सेस एक साथ नहीं माँगता और जब जिस चीज की एक्सेस चाहिए होती है उसके लिए यूजर्स से विशेष अनुमति ली जाती है।अमित मालवीय ने इंडियन एक्सप्रेस से कहा कि नमो ऐप के यूजर्स का डाटा "थर्ड पार्टी न अपने पास स्टोर करती है और न उसका इस्तेमाल करती है।...इस डाटा का इस्तेमाल यूजर्स को सटीक और सही कंटेट देने और उसके निजी अनुभवों के आधार पर उसके लिए विशेष कंटेट उपलब्ध कराने के लिए किया जाता है।" इंडियन एक्सप्रेस ने जब अमित मालवीय से पूछा कि ये डाटा यूजर्स से पूछे बगैर थर्ड पार्टी को दिया जाता रहा है? इस पर अमित मालवीय ने कोई सीधा जवाब नहीं दिया।

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इंडियन एक्सप्रेस ने दूसरे राजनीतिक दलों के भी मोबाइल ऐप का विश्लेषण किया है। कांग्रेस के आधिकारिक ऐप "With INC" में यूजर्स से 10 तरह की जानकारियाँ यूजर्स से माँगी जाती हैं। समाजवादी पार्टी के SP App द्वारा तीन तरह की जानकारियाँ माँगी जाती हैं। इस ऐप को खुद को सपा का प्रवक्ता बताने वाले अनिल यादव ने पब्लिश किया है।  कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गाँधी ने रविवार (25 मार्च) को ट्वीट करके प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर नमो ऐप का डाटा "अमेरिकी दोस्तों" को देने का आरोप लगाया था। राहुल के आरोप के जवाब में प्रधानमंत्री कार्यालय ने कहा कि राहुल गांधी और कांग्रेस की तकनीकी जानकारी कम है और मुद्दों से ध्यान भटकाने के लिए ऐसे आरोप लगा रहे हैं।

आधार कार्ड डाटा को लेकर जारी विवाद के बीच ये मामला तब सामने आया जब ब्रिटेन और अमेरिका के कुछ प्रमुख मीडिया संस्थानों ने अपनी खोजी रिपोर्ट में भंडाफोड़ किया कि कैम्ब्रिज एनालिटिका नामक कंपनी ने पाँच करोड़ अमेरिकी फेसबुक यूजर्स का डाटा चुराकर उसका इस्तेमाल डोनाल्ड ट्रंप के चुनाव प्रचार के दौरान किया। फेसबुक के ऑनलाइन गेम्स और दूसरे फीचर्स के माध्यम से लिए गये इस डाटा का कहीं और इस्तेमाल हो सकता है ये बात यूजर्स को नहीं बतायी गयी थी। चैनल 4 और गार्डियन अखबार ने दावा किया कि इस डाटा का इस्तेमाल यूजर्स की वोटिंग को प्रभावित करने के लिए किया गया। इस डाटा का इस्तेमाल करके ट्रंप के कैंपेनरों ने हर यूजर के हिसाब से प्रचार सामग्री तैयार की उसकी सोच को प्रभावित किया। फेसबुक के संस्थापक मार्क ज़करबर्ग ने अपने ऑफिशियल पेज पर डाटा के गलत इस्तेमाल के लिए माफी माँगी और कहा कि वो हर यूजर्स को बताएँगे कि उसका कौन सा डाटा लिया गया और उसका क्या इस्तेमाल किया गया।

कैम्ब्रिज एनालिटिका की सेवा लेने वालों में बीजेपी, कांग्रेस और जदयू का भी नाम आया। बीजेपी नेता और देश के कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने मीडिया में आकर आरोप लगाया कि कांग्रेस पार्टी ने कैम्ब्रिज एनालिटिका की सेवा ली थी और उसे जवाब देना चाहिए। वहीं कांग्रेस ने बीजेपी पर कैम्ब्रिज एनालिटिका की सेवा लेने का आरोप लगाया है। कैम्ब्रिज एनालिटिका की भारतीय सहयोगी कंपनी के फाउंडर जदयू नेता केसी त्यागी के बेटे अम्बरीष त्यागी हैं। 

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