Param Rudra Super Computing Systems: 130 करोड़ की लागत, तीन परम रुद्र सुपरकंप्यूटर राष्ट्र को समर्पित, मौसम और जलवायु में करेगा काम?, जानिए और खासियत
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: September 26, 2024 18:32 IST2024-09-26T18:29:31+5:302024-09-26T18:32:45+5:30
Param Rudra Super Computing Systems: सुपरकंप्यूटिंग प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में भारत को आत्मनिर्भर बनाने की प्रतिबद्धता के अनुरूप तीन परम रुद्र सुपरकंप्यूटर तैयार किए गए हैं।

3 Param Rudra supercomputers
Param Rudra Super Computing Systems: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बृहस्पतिवार को राष्ट्रीय सुपरकंप्यूटिंग मिशन (एनएसएम) के अंतर्गत स्वदेश में विकसित लगभग 130 करोड़ रुपये की लागत के तीन परम रुद्र सुपरकंप्यूटर राष्ट्र को समर्पित किए। वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से आयोजित एक कार्यक्रम में उन्होंने मौसम और जलवायु अनुसंधान के लिए तैयार एक उच्च प्रदर्शन कंप्यूटिंग (एचपीसी) प्रणाली का भी उद्घाटन किया। प्रधानमंत्री पहले पुणे से इन परियोजनाओं का उद्घाटन करने वाले थे लेकिन महाराष्ट्र में भारी बारिश की वजह से उनका दौरा रद्द हो गया।
#WATCH | Delhi: Prime Minister Narendra Modi inaugurates 3 Param Rudra Super Computing Systems and a High-Performance Computing System for weather and climate, via video conferencing
— ANI (@ANI) September 26, 2024
(Source: DD News) pic.twitter.com/Pqq0uOhYm2
प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) के अनुसार, सुपरकंप्यूटिंग प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में भारत को आत्मनिर्भर बनाने की प्रतिबद्धता के अनुरूप तीन परम रुद्र सुपरकंप्यूटर तैयार किए गए हैं। इन सुपरकंप्यूटरों को अग्रणी वैज्ञानिक अनुसंधान के लिए पुणे, दिल्ली और कोलकाता में लगाया गया है।
#WATCH | Delhi: Prime Minister Narendra Modi says, "The three supercomputers that have been launched today will help in advanced research from Physics to Earth Science and Cosmology. These are the areas in which today's Science and Technology world is looking at the world of the… https://t.co/tHdZlNuOOzpic.twitter.com/bTbo9cSb1M
— ANI (@ANI) September 26, 2024
पुणे में विशाल मीटर रेडियो टेलीस्कोप (जीएमआरटी), फास्ट रेडियो बर्स्ट (एफआरबी) और अन्य खगोलीय घटनाओं का पता लगाने के लिए सुपरकंप्यूटर का इस्तेमाल किया जाएगा। दिल्ली में इंटर यूनिवर्सिटी एक्सेलेरेटर सेंटर (आईयूएसी) पदार्थ विज्ञान और परमाणु भौतिकी जैसे क्षेत्रों में अनुसंधान को बढ़ावा देगा।
#WATCH | Delhi: Prime Minister Narendra Modi says, "Today India has become a major power in the space sector. The success that other countries achieved by spending billions of dollars, our scientists have done the same with limited resources. With this passion, India has become… pic.twitter.com/BzXfiV4Tbd
— ANI (@ANI) September 26, 2024
जबकि कोलकाता में एसएन बोस केंद्र भौतिकी, ब्रह्मांड विज्ञान और पृथ्वी विज्ञान जैसे क्षेत्रों में उन्नत अनुसंधान को बढ़ावा देगा। प्रधानमंत्री ने मौसम और जलवायु अनुसंधान के लिए तैयार जिस एक उच्च प्रदर्शन कंप्यूटिंग (एचपीसी) प्रणाली का उद्घाटन किया उसे 850 करोड़ रुपये के निवेश से तैयार किया गया है।
पीएमओ के अनुसार, यह परियोजना मौसम संबंधी अनुप्रयोगों के लिए भारत की कम्प्यूटेशनल क्षमताओं में एक महत्वपूर्ण कदम है। पीएमओ ने कहा कि दो प्रमुख स्थलों पुणे में भारतीय उष्णदेशीय मौसम विज्ञान संस्थान (आईआईटीएम) और नोएडा में राष्ट्रीय मध्यम अवधि मौसम पूर्वानुमान केंद्र (एनसीएमआरडब्ल्यूएफ) में मौजूद इस एचपीसी प्रणाली में असाधारण कंप्यूटिंग शक्ति है।
नयी एचपीसी प्रणालियों को 'अर्का' और 'अरुणिका' नाम दिया गया है, जो सूर्य से उनके संबंध को दर्शाता है। ये उच्च-रिज़ॉल्यूशन मॉडल उष्णकटिबंधीय चक्रवातों, भारी वर्षा, गरज के साथ बारिश, ओलावृष्टि, लू, सूखा और अन्य महत्वपूर्ण मौसम संबंधी घटनाओं की सटीक भविष्यवाणियों और ‘लीड टाइम’ को महत्वपूर्ण रूप से बढ़ाएंगे।