25 सितंबर से 27 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में शुरू होगा 'मोदी केयर', जानें इससे जुड़ी सारी अहम बातें

By भाषा | Updated: September 20, 2018 22:39 IST2018-09-20T22:39:35+5:302018-09-20T22:39:35+5:30

 नीति आयोग सदस्य वी के पॉल ने इस बात की जानकारी दी कि 27 राज्य और केंद्र शासित प्रदेश महत्वकांक्षी स्वास्थ्य योजना प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (पीएमजेएवाई) से जुड़ने को तैयार हैं।

PM Narendra Modi inauguration jan swasthya yojana niti aayog confirmed | 25 सितंबर से 27 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में शुरू होगा 'मोदी केयर', जानें इससे जुड़ी सारी अहम बातें

25 सितंबर से 27 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में शुरू होगा 'मोदी केयर', जानें इससे जुड़ी सारी अहम बातें

नई दिल्ली, 20 सितंबर:  नीति आयोग सदस्य वी के पॉल ने गुरूवार को कहा कि 27 राज्य और केंद्र शासित प्रदेश महत्वकांक्षी स्वास्थ्य योजना प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (पीएमजेएवाई) से जुड़ने को तैयार हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रविवार को इस योजना की शुरूआत करेंगे।

15,000 से अधिक अस्पताल योजना से जुड़ेंगे

पॉल ने पीटीआई भाषा के साथ बातचीत में कहा कि देश भर के सरकारी एवं निजी क्षेत्र के 15,000 से अधिक अस्पतालों ने योजना से जुड़ने की इच्छा जतायी है। इस योजना का उद्देश्य 10.74 करोड़ गरीब परिवार को स्वास्थ्य बीमा उपलब्ध कराना है।

3,500 करोड़ रुपये का बोझ

उन्होंने कहा, ‘‘प्रधानमंत्री 23 सितंबर को योजना की शुरूआत करेंगे लेकिन यह प्रभावी रूप से यह 25 सितंबर को पंडित दीनदयाल उपाध्याय की जयंती के मौके परिचालन में आएगी।’’ चालू वित्त वर्ष में सरकार के ऊपर इससे 3,500 करोड़ रुपये का बोझ आएगा।

पांच या छह राज्यों ने किया हस्ताक्षर

पॉल ने कहा, ‘‘प्रधानमंत्री द्वारा योजना की शुरूआत के साथ 26-27 राज्य और केंद्र शासित प्रदेश तत्काल पीएमजेएवाई की शुरूआत कर सकते हैं।’’  नीति आयोग सदस्य ने कहा कि पांच या छह राज्यों ने इस पर हस्ताक्षर किया है, अत: स्पष्ट है कि जबतक वे इसको लेकर सहमत नहीं होते हैं, वहां यह योजना लागू नहीं होगी। 

10.74 करोड़ गरीब परिवार तक पहुंचेगा लाभ

इस महत्वकांक्षी स्वास्थ्य बीमा योजना का मकसद 10.74 करोड़ गरीब परिवार को 5 लाख रुपये तक का स्वास्थ्य बीमा उपलब्ध कराना है। यह देश की कुल आबादी का 40 प्रतिशत है। इसे दुनिया का सबसे बड़ा सरकारी स्वास्थ्य कार्यक्रम कहा जा रहा है। इसका 60 प्रतिशत वित्त पोषण केंद्र सरकार करेगी और शेष राज्य करेंगे।

पॉल के अनुसार सरकार को अगले पांच साल में छोटे एवं मझोले शहरों में हजारों नये अस्पताल आने की उम्मीद है। उन्होंने कहा, ‘‘हमें पैनल में शामिल होने को लेकर 15,000 अस्पतालों के आवेदन मिले हैं...इसमें से आधा यानी 7,500 आवेदन निजी अस्पतालों से हैं।’’ वहीं कुछ राज्यों ने अस्पतालों को पैनल में शामिल करने की प्रक्रिया अभी शुरू की है।

2,000 करोड़ रुपये का निर्धारण

लागत से जुड़े एक सवाल के जवाब में नीति आयोग सदस्य ने कहा कि चालू वित्त वर्ष में योजना के लिये केंद्र सरकार करीब 3,500 करोड़ रुपये देगी। उन्होंने कहा कि 2018-19 के बजट में 2,000 करोड़ रुपये का निर्धारण किया गया था। 

पॉल ने कहा कि चालू वित्त वर्ष में छह महीने का समय है और अभी 27 राज्य इसे शुरू करेंगे। इसे पूर्ण रूप से शुरू होने में थोड़ा समय लगेगा। अत: हमने इसमें 1500 रुपये और मांगा है। इस प्रकार केंद्र सरकार के बजट में यह राशि अब 3,500 करोड़ रुपये हो गयी है।

यह पूछे जाने पर कि क्या सरकार को भरोसा है कि पीएमजेएवाई को ऐसी स्थिति का सामना नहीं करना पड़ेगा जैसा कि माल एवं सेवा कर के मामले में हुआ, पॉल ने कहा कि सरकार ने यह सुनिश्चित करने के लिये कदम उठाया है कि सूचना प्रौद्योगिकी प्रणाली में कोई समस्या उत्पन्न नहीं हो।

उन्होंने कहा कि साफ्टवेयर का तेलंगाना में परीक्षण किया गया है और इसमें सुधार लाया गया है। एक सवाल के जवाब में पॉल ने कहा, ‘‘पैनल में शामिल अस्पताल में इलाज के लिये संबंधित व्यक्ति को पहचान पत्र देना होगा। यह आधार कार्ड या वोटर कार्ड या राशन कार्ड हो सकता है।’’ 

Web Title: PM Narendra Modi inauguration jan swasthya yojana niti aayog confirmed

भारत से जुड़ीहिंदी खबरोंऔर देश दुनिया खबरोंके लिए यहाँ क्लिक करे.यूट्यूब चैनल यहाँ इब करें और देखें हमारा एक्सक्लूसिव वीडियो कंटेंट. सोशल से जुड़ने के लिए हमारा Facebook Pageलाइक करे