कोरोना: पीएम मोदी ने राजनाथ सिंह के नेतृत्व में गठित किया मंत्रियों का समूह, पहली बैठक में पलायन रोकने के लिए सख्त निर्देश
By हरीश गुप्ता | Published: March 30, 2020 07:32 AM2020-03-30T07:32:31+5:302020-03-30T07:32:31+5:30
भारत में कोरोना वायरस पॉजिटिवों की संख्या रविवार को 1000 का आंकड़ा भी पार कर गई। देश भर में 130 नए मामले सामने आए हैं।
नई दिल्ली: रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने बीते दिन (29 मार्च) देशभर में फैली महामारी से तत्परता के साथ निपटने के उद्देशय से मंत्रियों के समूह (जीओएम) के साथ उच्च स्तरीय बैठक की. यह मंत्रियों का समूह उन दो कार्य दलों के अतिरिक्त है जो पहले से गठित हैं. 12 फरवरी से स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन और 22 मार्च से वित्त मंत्री निर्मला सीता रमण के नेतृत्व में यह कार्य दल कार्य कर रहे हैं. बीते दिन (29 मार्च) प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से कहा कि वह मंत्रियों से मुलाकात कर कोराना वायरस के रूप में सामने आई महामारी के खिलाफ देशभर में सभी मोर्चों पर हो रहे कार्यों की समीक्षा करें.
जीओएम गठित करने का कदम तब उठाया गया जब बड़ी तादाद में प्रवासी मजदूरों के पलायन को रोकने में राज्य सरकारें नाकाम साबित हुई हैं. राजनाथ सिंह के निवास में हुई बीते दिन हुई बैठक में कोरोना संक्र मण को नियंत्रित करने के प्रयासों और तैयारियों की समीक्षा की गई. साथ ही आवश्यक वस्तुओं की सप्लाई पर फीडबैक भी साझा किया गया. वहीं केंद्र सरकार ने लॉकडाउन के दौरान प्रवासी मजदूरों के बढ़ते पलायन पर सख्ती बरतने का फैसला किया है.
जानें बैठक में किन-किन मुद्दों पर हुई चर्चा और कौन-कौन मंत्री थे शामिल
राजनाथ सिंह ने बैठक में देश की वस्तुस्थिति का जायजा लिया और इस समस्या से निपटने के लिए भविष्य में उठाए जाने वाले आवश्यक कदम की चर्चा की. इस बैठक में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, खाद्य मंत्री रामविलास पासवान, पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान, सूचना और प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर, जल शक्ति मंत्री गजेंद्र शेखावत सहित 12 मंत्री उपस्थि थे. रेल मंत्री पीयूष गोयल ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए बैठक में अपनी उपस्थिति दर्ज कराई. देश में आई इस आपदा से निपटने के लिए समय से कदम उठाने के साथ-साथ सभी मंत्रालयों के बीच अच्छे तालमेल के मद्देनजर प्रधानमंत्री मोदी ने इस शक्तिशाली समूह का गठन किया है.
प्रधानमंत्री इस बात को लेकर चिंतित हैं कि राज्य सरकारें मजदूरों के पलायन को रोकने में विफल रही हैं . मंत्रियों के समूह के सभी मंत्री निजी तौर पर भी प्रधानमंत्री को अपने-अपने मंत्रालयों की कार्यगति की सूचना देंगे. फसलों के लिए श्रम बल को लेकर फिक्र्र केंद्र को इस बात की फिक्र है कि आने वाले 15 दिनों में रबी की फसलें खेतों में तैयार हो जाएंगी और बड़ी संख्या में श्रम बल की आवश्यकता होगी. बंद पड़े कारखानों को भी श्रम बल की जरूरत पड़ेगी उत्पादन ठप होने से मध्य अप्रैल में बड़ा संकट खड़ा होने का अंदेशा है. इसको मद्देनजर रेलवे और भूतल परिवहन मंत्रालय को अहम भूमिका अदा करनी होगी. केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी इस बैठक में नहीं सम्मिलित हो पाए.