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'मन की बात' में पीएम मोदी ने कहा - पूरे विश्व में भारत को देखने का नजरिया बदला

By स्वाति सिंह | Updated: March 25, 2018 12:39 IST

बीते महीने उन्होंने मन की बात से देश में वैज्ञानिकों के योगदान पर बात की थी। वहीं बोर्ड परीक्षाओं के चलते उन्होंने बच्चों को गाइडेंस भी दिया था। यह मन की बात कार्यक्रम का 42वां संस्करण होगा। इसका प्रसारण सुबह 11 बजे आकाशवाणी के सम्‍पूर्ण नेटवर्क पर किया जाएगा।

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नई दिल्ली, 25 मार्च: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रविवार सुबह 11 बजे से 'मन की बात' रेडियो कार्यक्रम के माध्यम से देश की जनता को संबोधित किया। प्रधानमंत्री ने मन की बात का आरम्भ आज रामनवमी के पावन पर्व पर देशवासियों को शुभकामनाएँ देते हुए कहा कि इस अवसर पर उन्होंने पूज्य बापू के जीवन में 'राम नाम' की शक्ति के महत्व को याद किया। उन्होंने कहा 'मैंने सोचा है कि इस बार हेल्थ को लेकर विस्तार से बात करूं। 'फिट इंडिया' की बात करूं। पीएम ने कहा क मन की बातें मौसम के साथ बदलती हैं।

मन की बात: पीएम मोदी के भाषण की कुछ अहम बातें-

- पीएम मोदी ने कहा 'जब उत्तरप्रदेश की एक महिला अनेकों संघर्ष के बावजूद 125 शौचालयों का निर्माण करती है और महिलाओं को उनके हक़ के लिए प्रेरित करती है - तब मातृ-शक्ति के दर्शन होते हैं। ऐसे अनेक प्रेरणा-पुंज मेरे देश का परिचय करवाते हैं।

- उन्होंने कहा 'आज देश भर में, युवाओं में, महिलाओं में, पिछड़ों में, ग़रीबो में, मध्यम-वर्ग में, हर वर्ग में यह विश्वास जगा है कि हाँ ! हम आगे बढ़ सकते हैं, हमारा देश आगे बढ़ सकता है। "आज पूरे विश्व में भारत की ओर देखने का नज़रिया बदला है .आज जब, भारत का नाम बड़े सम्मान के साथ लिया जाता है तो इसके पीछे माँ-भारती के इन बेटे-बेटियों का पुरुषार्थ छुपा हुआ है।"

- आने वाले कुछ महीने किसानों  के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण हैं। दूरदर्शन के DD Kisan Channel पर जो किसानों के साथ की जाने वाली चर्चाओं को देख कर मुझे लगता है कि हर किसान को दूरदर्शन के DD Kisan Channel से जुड़ना चाहिए। 

-महात्मा गाँधी से लेकर शास्त्री जी, लोहिया जी, चौधरी चरण सिंह जी, चौधरी देवीलाल जी - सभी ने कृषि और किसान को देश की अर्थव्यवस्था और आम जन-जीवन का एक अहम् अंग माना है। 

- लाल बहादुर शास्त्री जी पेड़, पौधे और वनस्पति के संरक्षण और बेहतर कृषि-ढांचे की आवश्यकता पर अक्सर ज़ोर दिया करते थे। 

- महात्मा गाँधी ने कहा था-‘To forget how to dig the earth and to tend the soil, is to forget ourselves.’ यानी, धरती को खोदना और मिट्टी का ख्याल रखना अगर हम भूल जाते हैं, तो ये स्वयं को भूलने जैसा है। मिट्टी, खेत-खलिहान और किसान से उनका लगाव इस पंक्ति में झलकता है। 

- महात्मा गाँधी से लेकर शास्त्री जी, लोहिया जी, चौधरी चरण सिंह जी, चौधरी देवीलाल जी - सभी ने कृषि और किसान को देश की अर्थव्यवस्था और आम जन-जीवन का एक अहम अंग माना है। 

- 1979 में अपने भाषण में चौधरी चरण सिंह जी ने किसानों से नई technology का उपयोग करने, नए innovation करने की आवश्यकता पर बल दिया। पिछले दिनों दिल्ली में आयोजित कृषि-उन्नति-मेले में  किसान भाई-बहनों और वैज्ञानिकों के साथ मेरी बातचीत हुई। 

- डॉ० राम मनोहर लोहिया ने किसानों के लिए बेहतर आय, बेहतर सिंचाई-सुविधाओं को सुनिश्चित करने के लिए और खाद्य एवं दूध के उत्पादन को बढ़ाने के लिए बड़े पैमाने पर जन-जागृति की बात कही थी। 

- लाल बहादुर शास्त्री जी पेड़, पौधे और वनस्पति के संरक्षण और बेहतर कृषि-ढांचे की आवश्यकता पर अक्सर ज़ोर दिया करते थे। 

-आज किसानों की मेहनत को technology का साथ मिल रहा है, जिससे कृषि-उत्पादक को काफी बल मिला है. मुझे मिले पत्रों में मैं देख रहा था कि बहुत सारे किसानों ने MSP के बारे में लिखा हुआ था और वो चाहते थे कि मैं इस पर उनके साथ विस्तार से बात करूँ। 

- कम क्षेत्रफल वाले मेघालय ने बड़ा काम करके दिखाया है. मेघालय के हमारे किसानों ने वर्ष 2015-16 के दौरान, पिछले पाँच साल की तुलना में record पैदावार की है। उन्होंने दिखाया है कि जब लक्ष्य निर्धारित हो, हौसला बुलंद हो और मन में संकल्प हो तो उसे सिद्ध कर सकते हैं। 

- आज किसानों की मेहनत को technology का साथ मिल रहा है, जिससे कृषि-उत्पादक को काफी बल मिला है. मुझे मिले पत्रों में मैं देख रहा था कि बहुत सारे किसानों ने MSP के बारे में लिखा हुआ था और वो चाहते थे कि मैं इस पर उनके साथ विस्तार से बात करूँ। 

- कम क्षेत्रफल वाले मेघालय ने बड़ा काम करके दिखाया है. मेघालय के हमारे किसानों ने वर्ष 2015-16 के दौरान, पिछले पाँच साल की तुलना में record पैदावार की है। उन्होंने दिखाया है कि जब लक्ष्य निर्धारित हो, हौसला बुलंद हो और मन में संकल्प हो तो उसे सिद्ध कर सकते हैं। 

- प्रधानमंत्री का आग्रह है की देश उन्हें बताये, कैसे हम ये उत्सव मनाएं. स्वच्छ भारत तो हमारा संकल्प है, इसके अलावा सवा-सौ करोड़ देशवासी कंधे-से-कंधा मिलाकर कैसे गाँधी जी को उत्तम-से-उत्तम श्रद्धांजलि दे सकते हैं, यह भी बताएं। 

- इस वर्ष महात्मा गाँधी की 150वीं जयंती-वर्ष के महोत्सव की शुरुआत होगी. यह एक ऐतिहासिक अवसर है। 

- ‘गाँधी 150’ का logo, slogan या मंत्र या घोष-वाक्य आदि के बारे में भी अपने सुझाव दें।  हम सबको मिलकर बापू को एक यादगार श्रद्धांजलि देनी है और बापू को स्मरण करके उनसे प्रेरणा लेकर के हमारे देश को नई ऊँचाइयों पर पहुँचाना है। 

- किसानों को अपनी उपज बेचने के लिए बहुत दूर नहीं जाना पड़े - इसके लिए देश के 22 हज़ार ग्रामीण हाटों को ज़रुरी infrastructure के साथ upgrade करते हुए APMC और e-NAM platform के साथ integrate किया जाएगा .खेत से देश के किसी भी market के साथ connect ऐसी व्यवस्था बनाई जा रही है। 

- इसके अलावा, किसानों को फसल की उचित क़ीमत मिले इसके लिए देश में Agriculture Marketing Reform पर भी बहुत व्यापक स्तर पर काम हो रहा है । गाँव की स्थानीय मंडियां, Wholesale Market और फिर Global Market से जुड़े - इसका प्रयास हो रहा है। 

- “मैं मानता हूँ कि SwachhBharat और SwasthaBharat दोनों एक-दूसरे के पूरक हैं। स्वास्थ्य के क्षेत्र में आज देश conventional approach से आगे बढ़ चुका है”। 

- जीवन स्वस्थ हो इसके लिए पहली आवश्यकता है - स्वच्छता। 

- Preventive health-care सबसे सस्ता और आसान है। लोग, preventive health-care के लिए जितना जागरूक होंगें उतना व्यक्ति, परिवार और समाज को लाभ होगा। 

 -हम सबने एक देश के रूप में बीड़ा उठाया और इसका परिणाम यह आया कि पिछले 4 सालों में sanitation coverage दोगुना होकर करीब-करीब 80% हो चुका है। 

बीते महीने उन्होंने मन की बात से देश में वैज्ञानिकों के योगदान पर बात की थी। वहीं बोर्ड परीक्षाओं के चलते उन्होंने बच्चों को गाइडेंस भी दिया था। यह मन की बात कार्यक्रम का 42वां संस्करण होगा। इसका प्रसारण सुबह 11 बजे आकाशवाणी के सम्‍पूर्ण नेटवर्क पर किया जाएगा।इस कार्यक्रम का मूल प्रसारण नई दिल्ली स्थित आकाशवाणी से होगा और यह सभी आकाशवाणी केंद्रों, आकाशवाणी के सभी एफएम चैनलों एफएम गोल्‍ड और एफएम रेनबो, स्‍थानीय रेडियो स्‍टेशनों, विविध भारती स्‍टेशनों और पांच सामुदायिक रेडियो स्‍टेशनों पर प्रसारित किया गया है.इस महत्‍वपूर्ण प्रसारण का विशिष्‍ट पहलू यह है कि यह दूरदर्शन और अन्‍य निजी टीवी और समाचार चैनलों द्वारा एक ही समय में प्रसारित किया जाता है। सभी डीटीएच ऑपरेटर भी इसको चलाते हैं। वैश्‍विक श्रोताओं के लिए इसका सीधा प्रसारण भी किया जाता है जो मोबाइल एप, ऑल इंडिया रेडियो लाइव पर उपलब्ध होता है।

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