जब मां ने पूछा PUBG गेम पर सवाल, पीएम मोदी ने दिया ऐसा जवाब, नहीं रुक पाई लोगों की हंसी
By पल्लवी कुमारी | Published: January 29, 2019 01:25 PM2019-01-29T13:25:16+5:302019-01-29T13:25:16+5:30
परीक्षा पर चर्चा 2.0 में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा- लक्ष्य ऐसा होना चाहिए जो पहुंच में तो हो, पर पकड़ में न हो। जब हमारा लक्ष्य पकड़ में आएगा तो उसी से हमें नए लक्ष्य की प्रेरणा मिलेगी।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने देश में आने वाले परीक्षाओं पर चर्चा कर रहे हैं और पैरंट्स के कई सवालों को जवाब भी दे रहे हैं। यहां पर बच्च्चों के माता-पिता ने कई सवाल पूछे। एक मां ने पीएम मोदी से पूछा ऑनलाइन गेम PUBG को लेकर बच्चे पढ़ाई को नजरअंदाज कर रहे हैं।
पीएम मोदी ने इस सवाल पर जो जवाब दिया, उसके बाद पूरे स्टेडियम में जमकर ठहाके लगाए गए। पीएम मोदी ने इसपर कहा, 'ये PUBG वाले हैं क्या भाई'। जैसे ही पीएम मोदी ने ये कहा पूरे स्टेडियम में लोग हंसने लगे। पीएम मोदी ने फिर इसपर कहा, 'अगर हम चाहें कि हमारे बच्चे तकनीक से दूर चले जाएं तो फिर यह एक प्रकार से जिंदगी को पीछे धकेलने जैसा होगा। बच्चों को तकनीक के संबंध में प्रोत्साहित करना चाहिए।'
#WATCH:PM replies when a mother asks what must she do as her son, a Class-IX student is distracted by online games “Ye PUBG wala hai kya? Ye samasya bhi hai, samadhaan bhi hai, hum chahe hamare bachhe tech se door chale jayen, fr toh vo ek prakar se piche jana shuru ho jaenge" pic.twitter.com/uDjqVd4RZa
— ANI (@ANI) January 29, 2019
हालांकि पीएम मोदी ने यह भी कहा, कम उम्र में बच्चों को हमें तकनीकों से दूर रखना चाहिए। इसके साथ ही हमें इस बात पर भी ध्यान देना चाहिए कि तकनीक का बच्चे इस्तेमाल कैसे करे। हमें बच्चों के साथ बैठना होगा और ये सोचना होगा कि उससे काम कैसे लिया जाए। इस समारोह का नाम परीक्षा पर चर्चा 2.0 रखा गया है।
पीएम मोदी ने कहा, 'अगर मां-बाप बच्चों से पूछे कि ये ऐप्स क्या है? कैसे काम करता है? तो बच्चे को लगेगा कि उसके मां-बाप उसकी मदद करेंगे।'
बता दें कि PUBG ऑनलाइन गेम बहुत ज्यादा लोकप्रिय हो रहा है। स्कूल हो या कॉलेज हर जगह के बच्चे इसको खेलना बहुत पसंद कर रहे हैं। ये एक ऑनलाइन मल्टी-प्लेयर गेम है। बता दें कि गुजरात और जम्मू-कश्मीर में इस गेम पर बैन लगा दिया गया है। PUBG को दिसंबर 2017 में लॉन्च किया गया था, और तब से भारत और दुनिया भर में बड़े पैमाने पर ये लोकप्रिय हो गया है।
पीएम मोदी की परीक्षा पर चर्चा 2.0 की अहम बातें
- पीएम मोदी ने कहा- कसौटी बुरी नहीं होती, हम उसके साथ किस प्रकार के साथ निपटते हैं, उस पर निर्भर करता है। मेरा तो सिद्धांत है कि कसौटी कसती है, कसौटी कोसने के लिए नहीं होती है ।
- प्रधानमंत्री मोदी ने कहा- लक्ष्य ऐसा होना चाहिए जो पहुंच में तो हो, पर पकड़ में न हो। जब हमारा लक्ष्य पकड़ में आएगा तो उसी से हमें नए लक्ष्य की प्रेरणा मिलेगी।
-पीएम मोदी ने कहा- निराशा में डूबा समाज, परिवार या व्यक्ति किसी का भला नहीं कर सकता है, आशा और अपेक्षा उर्ध्व गति के लिए अनिवार्य होती है।
Live: PM @narendramodi's interaction with students, parents and teachers has begun. #ParikshaPeCharcha2 https://t.co/hr67fx9Vay
— BJP (@BJP4India) January 29, 2019
पीएम मोदी ने कहा- हमें आकांक्षाओं को उजागर करना चाहिए, देश तभी चलता है। अपेक्षाओं के बोझ में दबना नहीं चाहिए। हमें अपेक्षाओं को पूरा करने के लिए अपने आपको सिद्ध करना चाहिए।
पीएम मोदी ने कहा, अभिभावकों और शिक्षकों को बच्चों के डिप्रेशन को हल्के में नहीं लेना चाहिए।
पीएम मोदी ने कहा- डिप्रेशन या स्ट्रेस से बचने के लिए काउंसिलिंग से भी संकोच नहीं करना चाहिए, बच्चों के साथ सही तरह से बात करने वाले एक्सपर्ट से संपर्क करना चाहिए।