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पीएम मोदी कोविड को लेकर संसदीय सौंध में सांसदों को करेंगे संबोधित, विपक्षी सांसदों ने बताया गैर जरूरी और नियमों को दरकिनार करने वाला

By अभिषेक पारीक | Updated: July 18, 2021 21:01 IST

विपक्षी दलों ने कोविड पर संसदीय सौंध में सभी सांसदों के लिए प्रधानमंत्री के संयुक्त संबोधन की पेशकश को लेकर रविवार को आपत्ति जताई। साथ ही कहा कि सत्र जारी रहने के दौरान ऐसा करना 'गैर जरूरी' होगा और इसका मकसद नियमों को 'दरकिनार' करना है।

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ठळक मुद्देकोविड पर संसदीय सौंध में सभी सांसदों के लिए प्रधानमंत्री के संयुक्त संबोधन की पेशकश पर विपक्षी दलों ने आपत्ति जताई। विपक्षी सांसदों ने कहा कि संसद सत्र जारी रहने के दौरान ऐसा करना 'गैर जरूरी' और  नियमों को 'दरकिनार' करने वाला है। डेरेक ओ ब्रायन ने कहा कि सांसद सरकार या प्रधानमंत्री द्वारा किसी कान्फ्रेंस कक्ष में कोविड-19 पर दिखावटी प्रस्तुति नहीं चाहते। 

विपक्षी दलों ने कोविड पर संसदीय सौंध में सभी सांसदों के लिए प्रधानमंत्री के संयुक्त संबोधन की पेशकश को लेकर रविवार को आपत्ति जताई। साथ ही कहा कि संसद का सत्र जारी रहने के दौरान ऐसा करना 'गैर जरूरी' होगा और इस कदम का मकसद नियमों को 'दरकिनार' करना है। तृणमूल कांग्रेस और माकपा समेत अन्य दलों के नेताओं ने कहा कि जब कोविड महामारी और इससे संबंधित मुद्दों पर संसद में चर्चा की जा सकती है तो इसके लिए ’’बाहर’’ जाने की क्या जरूरत है? सौंध संसद भवन परिसर में स्थित एक अलग भवन है। 

संसद के मानसून सत्र की शुरुआत के एक दिन पहले रविवार को बुलाई गई सर्वदलीय बैठक में संसदीय कार्यमंत्री प्रह्लाद जोशी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 20 जुलाई को दोनों सदनों के सदस्यों को कोविड महामारी पर संबोधित करेंगे। सर्वदलीय बैठक में 33 पार्टियों ने हिस्सा लिया। 

बैठक के दौरान मौजूद रहे तृणमूल कांग्रेस के राज्यसभा सांसद डेरेक ओ ब्रायन ने कहा, 'ससंद से बाहर जाने की क्या जरूरत है? कोई भी संबोधन सदन के भीतर होना चाहिए। यह संसद के नियमों को दरकिनार करने का एक और तरीका है। संसद का मजाक बनाना बंद करें। मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और कितना आगे जाएंगे? जब हम सोचते हैं कि वे अब और नीचे नहीं जाएंगे, तब वे सदन के भीतर नहीं बल्कि सौंध में संबोधित करना चाहते हैं।'

उन्होंने कहा, 'सांसद इस सरकार या प्रधानमंत्री द्वारा किसी कान्फ्रेंस कक्ष में कोविड-19 पर कोई दिखावटी प्रस्तुति नहीं चाहते। संसद का सत्र जारी रहेगा। ऐसे में सदन के पटल पर आएं।' अन्य विपक्षी दलों के सूत्रों ने भी जोशी की इस पेशकश को खारिज करने की पुष्टि की। साथ ही कुछ नेताओं ने केंद्रीय हॉल में दोनों सदनों की संयुक्त बैठक का सुझाव दिया। 

माकपा महासचिव सीताराम येचुरी ने कहा कि पार्टी का हमेशा ही यह मत रहा है कि अगर संसद का सत्र जारी है तो सरकार को जो भी कहना हो, उसे सदन में कहा जा सकता है। ब्रायन ने दावा किया कि बैठक में मौजूद सभी विपक्षी नेताओं ने सदन के बाहर संबोधन की पेशकश को अस्वीकार कर दिया, जिनमें राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी, समाजवादी पार्टी के रामगोपाल यादव और बहुजन समाज पार्टी के सतीश मिश्रा शामिल रहे। 

कुछ विपक्षी दल के सांसदों ने नाम नहीं छापने की शर्त पर कहा कि कुछ दलों ने पहले ही संसद में कोविड की स्थिति के मुद्दे पर नोटिस देने की योजना बनाई है और कोई भी इस मुद्दे पर सदन से बाहर सरकार को सुनने को तैयार नहीं है। सूत्रों ने बताया कि राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के प्रमुख शरद पवार विपक्षी दल के एकमात्र ऐसे नेता रहे जिन्होंने प्रधानमंत्री के संसदीय सौंध में संबोधित करने की पेशकश को सिरे से खारिज नहीं किया। संसद का मानसून सत्र सोमवार को शुरू हो रहा है और यह 13 अगस्त तक चलेगा। 

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