जम्मू-कश्मीर परिसीमन आयोग के प्रस्ताव के संबंध में प्रधानमंत्री मोदी को हस्तक्षेप करना चाहिए: बुखारी

By भाषा | Updated: December 23, 2021 18:15 IST2021-12-23T18:15:58+5:302021-12-23T18:15:58+5:30

PM Modi should intervene with regard to the proposal of J&K Delimitation Commission: Bukhari | जम्मू-कश्मीर परिसीमन आयोग के प्रस्ताव के संबंध में प्रधानमंत्री मोदी को हस्तक्षेप करना चाहिए: बुखारी

जम्मू-कश्मीर परिसीमन आयोग के प्रस्ताव के संबंध में प्रधानमंत्री मोदी को हस्तक्षेप करना चाहिए: बुखारी

श्रीनगर, 23 दिसंबर ‘अपनी पार्टी’ के प्रमुख अल्ताफ बुखारी ने परिसीमन आयोग के मसौदा प्रस्तावों के संबंध में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के हस्तक्षेप की बृहस्पतिवार को मांग की और इसके खिलाफ मौन विरोध मार्च निकालने की घोषणा की।

बुखारी ने यहां संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि क्योंकि जम्मू-कश्मीर पर सीधे केंद्र का शासन है, इसलिए नेताओं को अपने लोगों के अधिकारों की रक्षा के लिए हस्तक्षेप करना चाहिए। उन्होंने कहा, ‘‘आयोग ने हमें एक ऐसी जगह पर खड़ा कर दिया है जहां जम्मू-कश्मीर के लोग नहीं जानते कि उनका भविष्य क्या है। हमारे बच्चे हमसे पूछते हैं कि इस देश में हमारे लिए क्या बचा है और क्या ऐसा हमेशा रहेगा?’’

उन्होंने कहा, ‘‘क्या यह न्याय है? आयोग ने जम्मू को कश्मीर के खिलाफ खड़ा करने का शर्मनाक प्रयास किया है, लेकिन वे उसमें सफल नहीं होंगे। यह जम्मू और कश्मीर के बीच लड़ाई का मुद्दा नहीं है, यह न्याय का मुद्दा है।’’

बुखारी ने कहा कि अगर आयोग किसी पार्टी के लिए काम कर रहा है तो वह पार्टी देश के हितों के लिए काम नहीं कर रही है।

सप्ताह की शुरुआत में परिसीमन आयोग ने जम्मू के लिए छह और कश्मीर के लिए एक अतिरिक्त सीट का प्रस्ताव दिया था।

वर्तमान में जम्मू में विधानसभा की 37 और कश्मीर में 46 सीटें हैं।

पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) और नेशनल कांफ्रेंस (नेकां) सहित जम्मू-कश्मीर के राजनीतिक दलों ने इस प्रस्ताव पर कड़ी आपत्ति जताई है।

बुखारी ने कहा, ‘‘जब ऐसी चीजें की जाती हैं तो एक अखंड भारत, एक धर्मनिरपेक्ष भारत का विचार पराजित हो जाता है। ‘अपनी पार्टी’ जम्मू-कश्मीर के लोगों की ओर से इसे खारिज करती है और प्रधानमंत्री और भारत सरकार से … मामले में हस्तक्षेप करने का अनुरोध करती है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘हम जानते हैं कि हमें बताया जाएगा कि यह एक अर्ध-न्यायिक आयोग है, लेकिन अगर ऐसा होता है, तो क्या यह न्याय होगा। लेकिन हमें लगता है कि यह भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के निर्देश पर काम कर रहा है।’’ उन्होंने कहा कि पार्टी ने मसौदा प्रस्ताव के विरोध में 29 दिसंबर को काली पट्टी बांधकर मौन मार्च निकालने का फैसला किया है।

बुखारी ने कहा कि यह दलगत राजनीति का समय नहीं है बल्कि जम्मू-कश्मीर के लोगों के अधिकारों की मांग को लेकर एकजुट होने का समय है। उन्होंने कहा, ‘‘यह हमारी शांति और हमारे सांप्रदायिक सद्भाव के बारे में है। यह हिंदुओं या मुसलमानों के मुद्दे के संबंध में नहीं है।

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Web Title: PM Modi should intervene with regard to the proposal of J&K Delimitation Commission: Bukhari

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