नई दिल्ली: पीएम नरेन्द्र मोदी ने बृहस्पतिवार को वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से आयोजित एक कार्यक्रम में राष्ट्रीय सुपरकंप्यूटिंग मिशन (एनएसएम) के अंतर्गत स्वदेश में विकसित लगभग 130 करोड़ रुपये की लागत के तीन परम रुद्र सुपरकंप्यूटर राष्ट्र को समर्पित किए। उन्होंने मौसम और जलवायु अनुसंधान के लिए तैयार एक उच्च प्रदर्शन कंप्यूटिंग (एचपीसी) प्रणाली का भी उद्घाटन किया। मोदी ने कहा कि आज का भारत संभावनाओं के अनंत आकाश में नए अवसरों का निर्माण कर रहा है।
उन्होंने कहा कि उनकी सरकार ने यह सुनिश्चित करने के लिए कदम उठाए हैं कि प्रौद्योगिकी में अनुसंधान से आम आदमी को फायदा हो। उन्होंने कहा, ‘‘विज्ञान की सार्थकता केवल आविष्कार और विकास में नहीं, बल्कि सबसे अंतिम व्यक्ति की आशा, आकांक्षाओं को पूरा करने में है। आज अगर हम हाइटेक हो रहे हैं तो ये भी सुनिश्चित कर रहे हैं कि हमारी हाइटेक प्रौद्योगिकी गरीबों की ताकत बने।’’
'भारत सुपर कंप्यूटर की दिशा में बड़े देशों की बराबरी कर रहा है'
उन्होंने कहा, ‘‘एक समय सुपर कंप्यूटर में गिने-चुने देशों की महारत मानी जाती थी। हमने 2015 में नेशनल सुपर कंप्यूटिंग मिशन शुरू किया और आज भारत सुपर कंप्यूटर की दिशा में बड़े देशों की बराबरी कर रहा है। हम यहीं रुकने वाले नहीं हैं।’’
उन्होंने कहा, ‘‘क्वांटम कंप्यूटिंग जैसी प्रौद्योगिकी में भारत अभी से अग्रणी हो रहा है। इस क्षेत्र में भारत को आगे ले जाने में हमारे राष्ट्रीय क्वांटम मिशन की बड़ी भूमिका होगी। यह नई प्रौद्योगिकी आने वाले समय में हमारी दुनिया को पूरी तरह से बदल देने वाली है। इससे आईटी क्षेत्र, विनिर्माण, उद्योग, एमएसएमई और स्टार्टअप क्षेत्र में अभूतपूर्व बदलाव आएंगे और नए अवसर बनेंगे।’’
'प्रौद्योगिकी और अनुसंधान को प्राथमिकता दे रहा है केंद्र'
मोदी ने कहा कि उनकी सरकार विज्ञान, प्रौद्योगिकी और अनुसंधान को प्राथमिकता दे रही है। उन्होंने कहा, ‘‘मिशन गगनयान की तैयारियां शुरू हो चुकी हैं और 2035 तक हमारे पास अपना अंतरिक्ष स्टेशन होगा।’’ उन्होंने कहा कि परियोजना के पहले चरण को मंजूरी दी गई है।
मोदी ने कहा, ‘‘अनुसंधान से आत्मनिर्भरता हमारा मिशन है।’’ प्रधानमंत्री पहले पुणे से इन परियोजनाओं का उद्घाटन करने वाले थे लेकिन महाराष्ट्र में भारी बारिश की वजह से उनका दौरा रद्द हो गया। आइए जानते हैं परम रुद्र सुपरकंप्यूटर की मुख्य विशेषता और इसके उद्देश्यों के बारे में -
1. परम रुद्र सुपरकंप्यूटर सुपरकंप्यूटिंग प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में भारत को बनाएगा आत्मनिर्भर
प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) के अनुसार, सुपरकंप्यूटिंग प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में भारत को आत्मनिर्भर बनाने की प्रतिबद्धता के अनुरूप तीन परम रुद्र सुपरकंप्यूटर तैयार किए गए हैं। इन सुपरकंप्यूटरों को अग्रणी वैज्ञानिक अनुसंधान के लिए पुणे, दिल्ली और कोलकाता में लगाया गया है। पुणे में विशाल मीटर रेडियो टेलीस्कोप (जीएमआरटी), फास्ट रेडियो बर्स्ट (एफआरबी) और अन्य खगोलीय घटनाओं का पता लगाने के लिए सुपरकंप्यूटर का इस्तेमाल किया जाएगा।
2. IUAC पदार्थ विज्ञान और परमाणु भौतिकी जैसे क्षेत्रों में अनुसंधान को मिलेगा बढ़ावा
दिल्ली में इंटर यूनिवर्सिटी एक्सेलेरेटर सेंटर (आईयूएसी) पदार्थ विज्ञान और परमाणु भौतिकी जैसे क्षेत्रों में अनुसंधान को बढ़ावा देगा जबकि कोलकाता में एसएन बोस केंद्र भौतिकी, ब्रह्मांड विज्ञान और पृथ्वी विज्ञान जैसे क्षेत्रों में उन्नत अनुसंधान को बढ़ावा देगा।
3. 850 करोड़ रुपये के निवेश से तैयार किया गया है
प्रधानमंत्री ने मौसम और जलवायु अनुसंधान के लिए तैयार जिस एक उच्च प्रदर्शन कंप्यूटिंग (एचपीसी) प्रणाली का उद्घाटन किया उसे 850 करोड़ रुपये के निवेश से तैयार किया गया है। पीएमओ के अनुसार, यह परियोजना मौसम संबंधी अनुप्रयोगों के लिए भारत की कम्प्यूटेशनल क्षमताओं में एक महत्वपूर्ण कदम है।
4. एचपीसी प्रणाली में असाधारण कंप्यूटिंग शक्ति
पीएमओ ने कहा कि दो प्रमुख स्थलों- पुणे में भारतीय उष्णदेशीय मौसम विज्ञान संस्थान (आईआईटीएम) और नोएडा में राष्ट्रीय मध्यम अवधि मौसम पूर्वानुमान केंद्र (एनसीएमआरडब्ल्यूएफ) में मौजूद इस एचपीसी प्रणाली में असाधारण कंप्यूटिंग शक्ति है।
5. 'अर्का' और 'अरुणिका' नयी एचपीसी प्रणालियों के नाम
नयी एचपीसी प्रणालियों को 'अर्का' और 'अरुणिका' नाम दिया गया है, जो सूर्य से उनके संबंध को दर्शाता है। ये उच्च-रिजॉल्यूशन मॉडल उष्णकटिबंधीय चक्रवातों, भारी वर्षा, गरज के साथ बारिश, ओलावृष्टि, लू, सूखा और अन्य महत्वपूर्ण मौसम संबंधी घटनाओं की सटीक भविष्यवाणियों और ‘लीड टाइम’ को महत्वपूर्ण रूप से बढ़ाएंगे।
इनपुट भाषा एजेंसी के साथ