पीएम मोदी ने लाल किले से किया 'आयुष्मान भारत' लागू करने का ऐलान, पहले जान लीजिए ये है क्या
By जनार्दन पाण्डेय | Published: August 15, 2018 08:38 AM2018-08-15T08:38:33+5:302018-08-15T08:38:33+5:30
पीएम मोदी ने लाल किले से कहा पंडित दीन दयाल उपाध्याय की जयंती के अवसर पर यानी 25 सितंबर से आयुष्मान भारत लागू किया जाएगा।
नई दिल्ली, 15 अगस्तः लाल किले के प्राचीर से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को 72वें स्वतंत्रता दिवस समारोह के अवसर पर आयुष्मान भारत को लॉन्च करने और इसके लागू करने की रूपरेखा के बारे में ऐलान किया। पीएम मोदी ने बताया कि दीन दयाल उपाध्याय की जयंती के अवसर पर यानी 25 सितंबर आयुष्मान भारत के लागू होने की शुरुआत हो जाएगी।
इस योजना का पहली बार वित्त मंत्री अरुण जेटली ने बजट-2018 पेश करते वक्त जिक्र किया था। उन्होंने सदन में कहा था, आयुष्मान भारत मकसद भारत के 10 करोड़ परिवारों को स्वास्थ्य वीमा योजना से जोड़ना है। इसके तहत करीब भारत के 50 करोड़ लोगों को फायदा पहुंचाने का उद्देश्य है। इसका शुरुआती लक्ष्य 2022 तक 1.5 लाख स्वास्थ्य और वेलनेस केंद्र खोलना है। इसमें ब्लड प्रेसर, डायबिटीज, कैंसर और वृद्धावस्था जनित रोगों समेत कई बीमारियों का इलाज किया जाएगा। यह पूरी दुनिया का सबसे बड़ा हेल्थ इंश्योरेंस प्लान है।
इसके बाद मोदी सरकार ने इसे अमल में लाना शुरू किया
- बजट पेश करने के दौरान वित्त मंत्री ने उल्लेख किया
- पीएम मोदी की कैबिनेट ने 21 मार्च 2018 को आयुष्मान भारत योजना को मंजूरी दी
- 27 मार्च को इसके लिए मुख्य कार्यकारी अधिकारी (CEO) के रूप में इंदु भूषण की नियुक्ति की गई
- डॉ. भीमराव अंबेडकर की जयंती पर 14 अप्रैल 2018 को पीएम मोदी ने छत्तीसगढ़ में पहले हेल्थ और वेलनेस सेंटर का उद्घाटन किया
- 15 अगस्त को लाल किले के प्राचारी से पीएम मोदी इस कार्यक्रम पूरी तरह से शुरू करने की घोषणा की
- दीन दयाल उपाध्याय की जयंती के अवसर पर 25 सितंबर से इसके लिए एनरोलमेंट शुरू हो जांएगे
क्या होगा लागू करने का मॉडल
सरकारी वेबसाइट पर इसके लागू के करने के बारे में लिखा गया है- आयुष्मान भारत को पूरी तरह से लागू करने के लिए राष्ट्रीय स्वास्थ्य सुरक्षा मिशन एजेंसी (AB-NHPMA) का गठन होगा। इसके साथ ही इसके लिए कई स्तर पर काम होंगे। इसके लिए एक समर्पित ईकाई भी गठित की जाएगी, जिसे राज्य स्वास्थ्य एजेंसी (एसएचए) कहा जाएगा। इसके बाद मौजूदा ट्रस्ट, सोसाइटी, एनजीओ, एसएनए को इसके लिए काम करने को कहा जाएगा। वे लोगों की पहचान करेंगे, जिनको इस सुविधा का लाभा दिलाना है। इसके बाद राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से सीधे इंश्योरेंस सीधे इंश्योरेंस कंपनियों से संपर्क साधकर इंटरग्रेट मॉडल के तहत काम करेंगे।
इसे असान भाषा में ऐसे समझिए
देश के सभी राज्यों में इस स्कीम को हाइब्रिड मॉडल सिद्धांतों पर लागू किया जा सकता है। इसमें 1 लाख रुपए तक के इलाज का खर्च बीमा कंपनियां खुद ही उठाएंगी। लेकिन जैसे ही यह खर्च 1 लाख से ज्यादा होने लगेगा बिल के भुगतान के लिए ट्रस्ट व अन्य संस्थाएं आगे आएंगी, जो सरकार से जुड़ी होंगी। इस इंश्योरेंस मॉडल को पारंपरिक इंश्योरेंस तरीके के बजाए ट्रस्ट मॉडल पर लागू करने की तैयारी है। हाइब्रिड मॉडल पर अधिकतर राज्य सहमत हो सकते हैं। इसमें बीमा कंपनियों पर कम खर्च आएगा। इससे प्रीमियम भी कम भरना पड़ेगा।
कहां से होगी शुरुआत
पीएम ने छत्तीसगढ़ से शुरू किया था। इसमें ज्यादातर बीजेपी शासित व उनके साथ वाली सरकारे राजी हैं। बताया जा रहा है कि करीब 22 राज्यों ने इसके सहमति दे दी है। एक और राज्य की सहमति संभावित है। यानी आगामी सितंबर महीने से भारत के 23 राज्यों में यह योजना लागू की जाने लगेगी।