राक्षसों के सामने कठोर हो गए थे हनुमान जी; भाजपा भी भ्रष्टाचार, परिवारवाद के खिलाफ संकल्पबद्ध है: पीएम मोदी
By अनिल शर्मा | Published: April 6, 2023 11:23 AM2023-04-06T11:23:44+5:302023-04-06T13:53:32+5:30
BJP's 44th Foundation Day: पीएम मोदी ने भाजपा के स्थापना दिवस पर पार्टी के कार्यकर्ताओं, वरिष्ठ नेताओं का आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा, भाजपा की स्थापना से लेकर आज तक जिन महान विभूतियों ने पार्टी को सींचा है। पार्टी को संवारा है, सशक्त और समृद्ध किया है,उन सभी महानुभावों को मैं शीश झुका कर प्रणाम करता हूं।
BJP's 44th Foundation Day: भाजपा के 44वें स्थापना दिवस के मौके पर भाजपा कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि जब हनुमान जी को राक्षसों का सामना करना पड़ा था तो वो उतने ही कठोर भी हो गए थे। इसी प्रकार से जब भ्रष्टाचार की बात आती है, जब परिवारवाद की बात आती है, कानून व्यवस्था की बात आती है तो भाजपा उतनी ही संकल्पबद्ध हो जाती है।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि आज हम देश के कोने-कोने में भगवान हनुमान की जयंती मना रहे हैं। जब लक्ष्मण जी पर संकट आया तब हनुमान जी पूरा पर्वत ही उठाकर ले आए। भाजपा भी इसी प्रेरणा से परिणाम लाने में लोगों की समस्याओं का समाधान करने का प्रयास करती रही है, करते रहना है, करते रहेंगे।
#WATCH | Today India is realizing its potential just like the power of lord Hanuman. BJP party gets inspiration from lord Hanuman to fight corruption, law & order: PM Narendra Modi on BJP's 44th Foundation Day pic.twitter.com/y0P3CopEAL
— ANI (@ANI) April 6, 2023
इस दौरान पीएम मोदी ने कहा कि भाजपा के लिए राष्ट्र सर्वोपरि रहा है। एक भारत-श्रेष्ठ भारत जिसकी आस्था का मूलमंत्र रहा है। उन्होंने कहा कि जब जनसंघ का जन्म हुआ था तो हमारे पास न ज्यादा सियासी अनुभव था, न साधन थे, न संसाधन थे लेकिन हमारे पास मातृभूमि के प्रति भक्ति और लोकतंत्र की शक्ति थी।
पीएम मोदी ने भाजपा के स्थापना दिवस पर पार्टी के कार्यकर्ताओं, वरिष्ठ नेताओं का आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा, भाजपा की स्थापना से लेकर आज तक जिन महान विभूतियों ने पार्टी को सींचा है। पार्टी को संवारा है, सशक्त और समृद्ध किया है। छोटे से छोटे कार्यकर्ता से लेकर के वरिष्ठ पद पर रह कर देश और पार्टी की सेवा करने वाले सभी महानुभावों को मैं शीश झुका कर प्रणाम करता हूं।