पीएम मोदी का लालू परिवार पर हमला, कहा- कुछ लोग गरीबों के नाम पर वोट मांगकर हजारों करोड़ों की संपत्ति बना ली
By एस पी सिन्हा | Published: May 14, 2019 08:41 PM2019-05-14T20:41:14+5:302019-05-14T20:41:14+5:30
चुनावी जनसभा को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि हमारे विरोधी जीत तो सकते नहीं, लेकिन गाली देकर मन की भड़ास निकाल रहे हैं.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज बिहार में दो चुनावी सभाओं को संबोधित किया. मोदी के निशाने पर हमेशा की तरह कांग्रेस और राजद रहा. उनकी पहली सभा बक्सर में हुई जहां उन्होंने केंद्र सरकार की उपलब्धियों को गिनाया, वहीं उनकी दूसरी सभा सासाराम में हुई जहां उन्होंने सैम पित्रोदा के बयान ’हुआ तो हुआ’ पर चुटकी लेते हुए विपक्ष को घेरा.
चुनावी सभा को संबोधित करते हुए उन्होंने बिना नाम लिए लालू यादव और उनके परिवार पर भी हमला बोला और कहा कि कि कुछ लोग गरीबों के नाम पर वोट मांगे, लेकिन सबसे पहले उन्हें ही भूल गए. इन्होंने हजारों करोडों की संपत्ति बना ली है. राजनीति में कब से इतनी सैलरी मिलने लगी कि अरबों-खरबों का मालिक हो जाएं. प्रधानमंत्री ने कहा कि जनता से पैसे लूटकर इन्होंने बंगले बनाए, लाखों की गाडियां खरीदी.
चुनावी जनसभा को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि हमारे विरोधी जीत तो सकते नहीं, लेकिन गाली देकर मन की भड़ास निकाल रहे हैं. मोदी ने अपनी जीत सुनिश्चित बताते हुए कहा कि विरोधी केंद्र में मजबूत और खिचडी सरकार बनाने में लगे थे, लेकिन चौकीदार ने इनके मंसूबे पर पानी फेर दिया है. 10 दिन के बाद 23 मई के नतीजे तय हैं. 'फिर एकबार मोदी सरकार'.
प्रधानमंत्री ने कहा कि ये उत्साह और समर्थन का परिणाम है कि 6 चरणों के बाद विरोधी दलों की हालत पस्त है और उनके नेताओं का गुस्सा सातवें आसमान पर है. इसलिए ही आज विपक्ष के लोगों में मोदी को गाली देने का कंपटिशन तेज़ हो गया है. मोदी ने कहा कि ये चुनाव केवल जीत और हार तय नहीं करेगा बल्कि ये भी तय करेगा कि आने वाले वर्षों में भारत कितनी तेजी से विकास करेगा.
ये चुनाव 21 वीं सदी के हमारे बच्चों का भविष्य तय करेगा. नरेन्द्र मोदी ने कहा कि लोगों ने दशकों तक गरीबों के नाम पर वोट बटोरे, बडे-बडे पद हासिल किए, लेकिन जब काम करने की बारी आई, तो सबसे पहले गरीबों को ही भूल गए. गरीबों के नाम पर राजनीति करने वाले लोग गरीबी से ही निकले थे, लेकिन इन लोगों ने आज हजारों करोडों की संपत्ति खडी कर ली है.
मोदी ने कहा कि आपका ये सेवक गुजरात में सबसे लंबे समय तक मुख्यमंत्री रहा, पांच साल से देश का प्रधानमंत्री है, लेकिन एक पल के लिए भी न मैं अपने लिए जीया हूं और न ही अपने रिश्तेदारों के लिए. मेरे लिए तो आप ही मेरा परिवार हैं. मोदी ने कहा कि देश के 130 करोड लोग ही मेरा परिवार है.
प्रधानमंत्री ने मंच से बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की भी प्रशंसा की और कहा कि नीतीश कुमार के नेतृत्व में बिहार में एनडीए की सरकार ने रिकॉर्ड काम किया है. मोदी ने स्वच्छता की बात करते हुए कहा कि गांव में रहने वाले माताओं- बहनों के लिए करोड़ों शौचालय बनाकर हमने उनकी पीडा कम की है. गांव में रहने वाली गरीब बहनों को हमने मुफ्त गैस कनेक्शन दिया है. गांव में रहने वाले हर गरीब के पास अपनी पक्की छत हो, इस पर भी हमारी सरकार काम कर रही है.
नरेंद्र मोदी ने कहा कि नेहरू के सामने लोहिया ने स्वच्छता को लेकर आवाज उठाई थी और कहा था कि पानी और शौचालय की कमी सबको है, लेकिन महिलाओं को ज्यादा है. मैंने उनकी ही प्रेरणा से आज शौचालय योजना का काम पूरा किया है. उन्होंने कहा कि कांग्रेस हो या राजद दोनों की सोच में ही खोट है. ये लोग 21वीं सदी के भारत को नहीं समझ सकते. ये बिहार को, देश को अंधेरे में ही रखना चाहते हैं. इनकी इस कोशिश के बीच, एनडीए का प्रयास, घर-घर को रोशन करने का है.
मोदी ने कहा कि आज भारत की सरकार ने अपनी एजेंसियों को, अपने सपूतों को खुली छूट दी. आज देश के भीतर और सीमा पार भी सफाई हो रही है. ये नया हिन्दुस्तान है, ये आतंकियों को घर में घुसकर मारता है. उन्होंने कहा कि सबका साथ, सबका विकास हमारा मंत्र है और सबको सुरक्षा, सबको सम्मान हमारा प्रण. इसी लक्ष्य पर चलते हुए एनडीए ने हर वर्ग, हर क्षेत्र के विकास के लिए काम किया है. किसी भी वर्ग के हितों से छेडछाड किए बिना, सामान्य वर्ग के गरीब परिवारों को 10 फीसदी का आरक्षण इसी सोच का परिणाम है.
इस दौरान उन्होंने लोगों से अपील की कि विजय तो निश्चित है, लेकिन बूंद-बूंद से ही घडा भरता है. 19 मई को घर से निकलना है और देश में एक मजबूत सरकार बनाने के लिए वोट देना है. इस विजय को भव्य बनाना हमारा सपना है. उन्होंने कहा कि यह चुनाव सिर्फ यह तय करने के लिए नहीं है कि कौन सा दल या गठबंधन जीतेगा, बल्कि यह चुनाव तय करेगा 21वीं सदी के अपने बच्चों का भविष्य कैसा हो. उन्होंने कहा कि ये महाविलाट वाले भारत की विकास का एजेंडा बताते नहीं हैं. ये सिर्फ अपना हित करना जानते हैं, भारत का नहीं. जब देश की बात आती है तो हम पहले भारतीय होते हैं, बाद में कुछ और हैं.