केरल में ईसाई, मुस्लिमों के अल्पसंख्यक दर्जे का पुन:मूल्यांकन करने के आग्रह वाली याचिका खारिज

By भाषा | Updated: July 29, 2021 23:41 IST2021-07-29T23:41:21+5:302021-07-29T23:41:21+5:30

Plea seeking re-evaluation of minority status of Christians, Muslims in Kerala dismissed | केरल में ईसाई, मुस्लिमों के अल्पसंख्यक दर्जे का पुन:मूल्यांकन करने के आग्रह वाली याचिका खारिज

केरल में ईसाई, मुस्लिमों के अल्पसंख्यक दर्जे का पुन:मूल्यांकन करने के आग्रह वाली याचिका खारिज

कोच्चि, 29 जुलाई केरल उच्च न्यायालय ने बृहस्पतिवार को कहा कि अल्पसंख्यक समुदायों के कुछ लोग अमीर हैं, केवल इसलिए ही यह नहीं समझा जा सकता है कि उनकी समृद्धि उस समुदाय से संबंधित होने के कारण है।

उच्च न्यायालय ने कहा कि इसे देखते हुए यह नहीं माना जा सकता है कि अल्पसंख्यक समुदायों के सभी सदस्य आर्थिक और सामाजिक रूप से उन्नत हैं।

मुख्य न्यायाधीश एस मणिकुमार और न्यायमूर्ति शाजी पी चाले की पीठ ने उक्त टिप्पणियां एक याचिका को खारिज करने के दौरान कीं जिसमें केंद्र को यह निर्देश देने का आग्रह किया गया था कि वह इस बात का फिर से मूल्यांकन करे कि केरल में मुस्लिम और ईसाई समुदाय को अल्पसंख्यक माना जाए या नहीं?

यह याचिका ‘सिटिज़न एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेसी, इक्वैलिटी, ट्रैंगक्विलिटी एंड सेक्यूलरिज़म’ (सीएडीईटीएस) ने दायर की थी जिसमें दलील दी गई है कि केरल में अल्पसंख्यकों की सूची का पुन:निर्धारण करना चाहिए और ऐसा करने के लिए राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग को निर्देश देने की गुजारिश की गई थी।

संगठन ने दावा किया था कि केरल में मुस्लिम और ईसाई समुदायों ने सामाजिक-आर्थिक और शिक्षा के क्षेत्र में जबरदस्त प्रगति की है और इसलिए, उनकी अल्पसंख्यक स्थिति को फिर से निर्धारित करने की जरूरत है और उनके साथ तरजीह वाला बर्ताव नहीं किया जाना चाहिए।

Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।

Web Title: Plea seeking re-evaluation of minority status of Christians, Muslims in Kerala dismissed

भारत से जुड़ीहिंदी खबरोंऔर देश दुनिया खबरोंके लिए यहाँ क्लिक करे.यूट्यूब चैनल यहाँ इब करें और देखें हमारा एक्सक्लूसिव वीडियो कंटेंट. सोशल से जुड़ने के लिए हमारा Facebook Pageलाइक करे