अनुच्छेद 370 के प्रावधानों को हटाये जाने के समर्थन में कश्मीरी पंडितों ने सुप्रीम कोर्ट में दायर की याचिका

By भाषा | Updated: October 26, 2019 06:14 IST2019-10-26T06:14:35+5:302019-10-26T06:14:35+5:30

जम्मू कश्मीरः याचिका में कहा गया है कि अनुच्छेद 370 एक अस्थायी प्रावधान था जिसे जम्मू कश्मीर की विशेष परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए लागू किया गया था।

Plea in Supreme Court by Kashmiri Pandits supporting abrogation of Article 370 | अनुच्छेद 370 के प्रावधानों को हटाये जाने के समर्थन में कश्मीरी पंडितों ने सुप्रीम कोर्ट में दायर की याचिका

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Highlightsजम्मू कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 के ज्यादातर प्रावधानों को निरस्त किये जाने संबंधी सरकार के निर्णय के समर्थन में कश्मीरी पंडितों ने उच्चतम न्यायालय में एक याचिका दायर की है। दो कश्मीरी पंडितों और एक संगठन ने अनुच्छेद 370 के प्रावधानों को हटाये जाने संबंधी केन्द्र सरकार के निर्णय के समर्थन में उच्चतम न्यायालय का रुख किया है।

जम्मू कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 के ज्यादातर प्रावधानों को निरस्त किये जाने संबंधी सरकार के निर्णय के समर्थन में कश्मीरी पंडितों ने उच्चतम न्यायालय में एक याचिका दायर की है। दो कश्मीरी पंडितों और एक संगठन ने अनुच्छेद 370 के प्रावधानों को हटाये जाने संबंधी केन्द्र सरकार के निर्णय के समर्थन में उच्चतम न्यायालय का रुख किया है। यह याचिका तेज कुमार मोजा, करिश्मा तेज कुमार मोजा और ऑल इंडिया कश्मीरी समाज ने दायर की है।

याचिकाकर्ताओं ने चल रहे इस मामले में उन्हें पक्ष बनाये जाने का अनुरोध किया है। याचिका में कहा गया है कि अनुच्छेद 370 एक अस्थायी प्रावधान था जिसे जम्मू कश्मीर की विशेष परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए लागू किया गया था। ऑल इंडिया कश्मीरी समाज द्वारा याचिका में कहा गया है कि अनुच्छेद 370 एक अस्थायी प्रावधान था जिसे राज्य की शांति, सुरक्षा और कानून एवं व्यवस्था की स्थिति के उद्देश्य से लाया गया था।

याचिका में यह भी कहा गया है कि सीमा पार से कट्टरवाद और आतंकवाद की लगातार घटनाओं के बीच जम्मू कश्मीर को पाकिस्तान और चीन से घुसपैठ का खतरा है। शीर्ष अदालत जम्मू-कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा देने वाले संविधान के अनुच्छेद 370 के अधिकतर प्रावधान खत्म करने के केन्द्र के फैसले की संवैधानिक वैधता को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर 14 नवंबर से सुनवाई शुरू करेगा।

न्यायमूर्ति एन वी रमणा की अध्यक्षता वाली पांच सदस्यीय संविधान पीठ ने अनुच्छेद 370 के अधिकतर प्रावधान समाप्त करने के फैसले को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर केन्द्र और जम्मू-कश्मीर प्रशासन को अपना जवाब दाखिल करने के लिये कहा था।

नेशनल कांफ्रेन्स, सज्जाद लोन के नेतृत्व वाली जेएंडके पीपुल्स कांफ्रेन्स और माकपा नेता मोहम्मद यूसुफ तारिगामी ने केन्द्र सरकार के फैसले के खिलाफ याचिकायें दायर की हैं। नेशनल कांफ्रेन्स की ओर से सांसद मोहम्मद अकबर लोन और न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) हसनैन मसूदी ने याचिका दायर की है।

न्यायमूर्ति मसूदी ने ही 2015 में एक फैसले में कहा था कि अनच्छेद 370 संविधान का स्थाई हिस्सा है। इसके अलावा, पूर्व रक्षा अधिकारियों और नौकरशाहों के समूह ने भी याचिका दायर की है। इनमें प्रोफेसर राधा कुमार, पूर्व आईएएस अधिकारी हिन्दल हैदर तैयबजी, पूर्व एयर वाइस मार्शल कपिल काक, सेवानिवृत्त मेजर जनरल अशोक कुमार मेहता, पंजाब काडर के पूर्व आईएएस अधिकारी अमिताभ पांडे और केरल काडर के पूर्व आईएएस अधिकारी गोपाल पिल्लै शामिल हैं।

इनके अलावा, आईएएस की नौकरी छोड़ कर राजनीति में आये शाह फैसल और उनकी पार्टी की सहयोगी शेहला रशीद ने भी याचिका दायर की है। 

Web Title: Plea in Supreme Court by Kashmiri Pandits supporting abrogation of Article 370

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