पटना साइंस कॉलेज में नींव स्तंभ स्थापित करने, नया पुस्तकालय परिसर बनाने की योजना

By भाषा | Published: November 20, 2021 03:10 PM2021-11-20T15:10:56+5:302021-11-20T15:10:56+5:30

Planning to set up foundation pillar, new library complex in Patna Science College | पटना साइंस कॉलेज में नींव स्तंभ स्थापित करने, नया पुस्तकालय परिसर बनाने की योजना

पटना साइंस कॉलेज में नींव स्तंभ स्थापित करने, नया पुस्तकालय परिसर बनाने की योजना

पटना, 20 नवंबर कभी अपनी अत्याधुनिक प्रयोगशालाओं और अकादमिक वातावरण के लिए प्रसिद्ध, 94 साल पुराने पटना साइंस कॉलेज को जल्द ही अपने परिसर में एक स्मारक स्तंभ मिल सकता है जो 1927 में ऐतिहासिक संस्थान की नींव रखे जाने को चिह्नित करेगा।

एक विशाल परिसर में प्रतिष्ठित धरोहर माने जाने वाले भवनों वाले इस कॉलेज का औपचारिक उद्घाटन 15 नवंबर, 1928 को भारत के तत्कालीन वायसराय लॉर्ड इरविन ने किया था।

संस्थान हर साल 15 नवंबर को अपना स्थापना दिवस मनाता रहा है। हालांकि, सोमवार को, अपनी 94वीं जयंती के अवसर पर, कोई कार्यक्रम आयोजित नहीं किया गया।

कॉलेज के प्रधानाचार्य, डॉ श्री राम पद्मदेव ने कहा कि स्थापना दिवस भले ही नहीं मनाया गया लेकिन "बड़ी परियोजनाओं" पर विचार किया जा रहा है।

उन्होंने पीटीआई-भाषा को बताया, “हमने एक नींव स्तंभ की कल्पना की है जो 1920 के दशक में संस्था की स्थापना को दर्शाएगा। हम पटना कला एवं शिल्प कॉलेज के प्राध्यापकों से परामर्श कर रहे हैं, और स्तंभ के चार अग्र भाग होंगे, जो विभिन्न विभागों को दर्शाने वाले तत्वों को चित्रित करेंगे। इस पर मुख्य प्रशासनिक भवन का भी चित्रण किया जाएगा।"

विशाल परिसर का दो मंजिला मुख्य प्रशासनिक खंड वास्तुशिल्प का प्रतीक है, जिसके मुख्य भाग में चार विशाल बांसुरी नुमा डोरिक (वास्तुकला की शैली) स्तंभ हैं, जो इसकी भव्यता को दर्शाते हैं। हेरिटेज ब्लॉक में भौतिकी, रसायन विज्ञान, गणित, वनस्पति विज्ञान, प्राणीशास्त्र, भूविज्ञान और सांख्यिकी विभागों के भवन भी शामिल हैं।

इसके अलावा, परिसर के पूर्वी भाग में स्थित मुख्य मैदान के सामने एक पुरानी विशाल इमारत में व्यायामशाला है।

स्वयं कॉलेज के विद्यार्थी रह चुके पद्मदेव ने कहा, “नींव स्तंभ को प्रशासनिक ब्लॉक के पिछले हिस्से और व्यायामशाला भवन के किनारे के बीच के खुले स्थान में स्थापित करने की योजना है। विचार यह है कि प्रतीकात्मक रूप से सभी विभागों को एक ही कॉलम में शामिल किया जाए। यह अपनी तरह का पहला स्तंभ होगा।”

हालांकि, उन्होंने अफसोस जताया कि पिछले कई दशकों में शिक्षा की गुणवत्ता "काफी कम" हुई है और संस्थान ने अपनी बहुत सारी शैक्षणिक आभा भी खो दी है जिसने इसे दुनिया भर में प्रसिद्ध बना दिया था।

परिसर का आकर्षण भी बीते कुछ वर्षों में खो गया है जहां रसायन विज्ञान विभाग के सामने वनस्पतियां उगा दी गई हैं जिसकी परिधि में एक समय में खूबसूरत लोहे की कड़ी लगी हुई थी, धरोहर भवनों पर ग्राफिटी उकेरी गई थी। इतना ही नहीं अत्यधिक असंवेदनशील वास्तुशिल्प हस्तक्षेप ने परिसर की मौलिक सुंदरता को खत्म सा कर दिया है।

इसके अलावा, बिहार सरकार की दो प्रमुख बुनियादी ढांचा परियोजनाओं के भी परिसर को प्रभावित करने की संभावना है, जिनमें एक निर्माणाधीन गंगा ड्राइव से अशोक राजपथ तक योजनाबद्ध लिंक रोड और कारगिल चौक से एनआईटी मोड़ तक डबल डेकर फ्लाईओवर की प्रस्तावित 422 करोड़ रुपये की परियोजना है।

धरोहर प्रेमियों, विशेषज्ञों और इंडियन नेशनल ट्रस्ट फॉर आर्ट एंड कल्चरल हेरिटेज (इनटाच) ने इस नई फ्लाईओवर परियोजना का विरोध किया है, और अशोक राजपथ पर क्षेत्र के विरासत के ढांचे को कोई नुकसान नहीं पहुंचाने की अपील की है, जो पटना कॉलेज, पटना मेडिकल कॉलेज और अस्पताल, साइंस कॉलेज और खुदा बख्श ओरिएंटल पब्लिक लाइब्रेरी सहित विभिन्न पुराने, ऐतिहासिक संस्थानों से भरा पड़ा है।

Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।

Web Title: Planning to set up foundation pillar, new library complex in Patna Science College

भारत से जुड़ीहिंदी खबरोंऔर देश दुनिया खबरोंके लिए यहाँ क्लिक करे.यूट्यूब चैनल यहाँ इब करें और देखें हमारा एक्सक्लूसिव वीडियो कंटेंट. सोशल से जुड़ने के लिए हमारा Facebook Pageलाइक करे