मथुरा में मंदिर निर्माण के लिए वापस लिया जा सकता है उपासना स्थल अधिनियम : भाजपा सांसद
By भाषा | Published: December 6, 2021 03:34 PM2021-12-06T15:34:46+5:302021-12-06T15:34:46+5:30
बलिया (उत्तर प्रदेश), छह दिसंबर भाजपा सांसद रवींद्र कुशवाहा ने मथुरा की श्री कृष्ण जन्म भूमि को लेकर अहम बयान देते हुए कहा है कि केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार किसानों के विरोध को देखते हुए तीनों नये कृषि कानून को वापस ले सकती है तो फिर मथुरा में श्री कृष्ण जन्मभूमि पर भव्य मंदिर के निर्माण के लिए उपासना स्थल (विशेष उपबंध) अधिनियम, 1991 को भी वापस लिया जा सकता है।
भाजपा के सलेमपुर से सांसद रवींद्र कुशवाहा ने सोमवार को जिले के सीयर क्षेत्र पंचायत में विकास कार्यों के शिलान्यास से जुड़े एक कार्यक्रम से इतर संवाददाताओं से बातचीत करते हुए कहा कि भाजपा का शुरू से ही काशी, मथुरा और अयोध्या को लेकर स्पष्ट मत रहा है। यह तीनों हमारे लिए आस्था का विषय हैं।
उन्होंने कहा "अयोध्या का फैसला हो गया। काशी विश्वनाथ मंदिर में कार्य तेजी से जारी है तथा अब मथुरा की बारी है।"
कुशवाहा से सवाल किया गया कि जब देश में उपासना स्थल (विशेष उपबंध) अधिनियम, 1991 लागू है तो फिर मथुरा में मंदिर निर्माण मामले का समाधान कैसे होगा, इस सवाल के जवाब में उन्होंने कहा,‘‘ जब मोदी सरकार किसानों के विरोध को देखते हुए तीनों नये कृषि कानून को वापस ले सकती है तो फिर मथुरा में जन्मभूमि पर भव्य मंदिर के निर्माण के लिए उपासना स्थल (विशेष उपबंध) अधिनियम, 1991 को भी वापस लिया जा सकता है।’’
उन्होंने इसके साथ ही कहा, "चार-पांच सौ साल पहले हमारे भगवान के घर के आगे ही इनको अपना धार्मिक स्थल बनाना था क्या। दूसरे स्थान पर मस्जिद निर्माण के लिए जगह नहीं मिल रही थी। हमें अब मथुरा को मुक्त कराना है।"
मुस्लिम समाज की तरफ इशारा करते हुए कुशवाहा ने कहा, ‘‘ इन स्थानों पर उनके कौन से पैगम्बर पैदा हुए थे जिसकी वजह से मस्जिद इसी स्थान पर रहेगी। वे किसी अन्य स्थान पर मस्जिद बना सकते हैं। यह जरूरी नहीं है कि श्री कृष्ण भगवान के सामने मस्जिद रहे। पुरानी गलती को सुधारा जाना चाहिए।’’
यह पूछे जाने पर कि उत्तर प्रदेश में विधानसभा के चुनाव के ऐन वक्त ही यह मसला क्यों गरमाया जा रहा है, कुशवाहा ने कहा, "चुनाव के समय जाति की बात हो सकती है और जातिगत आधार पर गठबंधन हो सकता है, तो भगवान श्री कृष्ण की भी बात हो सकती है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘अयोध्या की तर्ज पर ही मथुरा में भी शुरुआत हो गई है। किसी दिन श्री कृष्ण जन्मभूमि का भी उद्धार होगा।
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