तीन तलाक पर पीयूष गोयल बोले- मुस्लिम महिलाओं के लिए बड़ा दिन, बिल पास कराएगी सरकार
By भाषा | Published: December 27, 2018 01:19 PM2018-12-27T13:19:13+5:302018-12-27T13:19:13+5:30
गोयल ने संसद भवन परिसर में संवाददाताओं से कहा, ‘‘मुस्लिम महिलाओं के लिए यह बड़ा दिन है। वे पिछले 1,000 साल से अन्याय का सामना कर रही हैं ।’’
संसदीय कार्य मंत्री विजय गोयल ने बृहस्पतिवार को कहा कि मुस्लिम महिलाओं के लिए आज का दिन बेहद खास है क्योंकि आज ही लोकसभा में मुस्लिम महिलाओं संबंधी तीन तलाक विधेयक पर चर्चा होने जा रही है। केंद्र सरकार इस मुद्दे पर आम सहमति बनाने के लिए संघर्ष कर रही है।
प्रस्तावित कानून को लेकर विभिन्न दलों के नेताओं ने अपनी प्रतिक्रिया जाहिर की । यह प्रस्तावित कानून ‘एक बार में तीन तलाक’ को अवैध घोषित करेगा और साथ ही तीन तलाक का इस्तेमाल करने वाले शौहरों के लिए तीन साल कैद की सजा का प्रावधान भी करेगा।
गोयल ने संसद भवन परिसर में संवाददाताओं से कहा, ‘‘मुस्लिम महिलाओं के लिए यह बड़ा दिन है। वे पिछले 1,000 साल से अन्याय का सामना कर रही हैं ।’’
उन्होंने कहा, ‘‘ मोदी सरकार तीन तलाक के खिलाफ विधेयक पारित करने जा रही है। यह 2017 में भी हो सकता था लेकिन कुछ राज्यों की कांग्रेस सरकार इस फैसले का विरोध कर रही थीं । कैबिनेट ने अध्यादेश पारित किया था और अब सरकार मुस्लिम महिलाओं को तीन तलाक से मुक्ति दिलाने जा रही है।’’
कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने सरकार से अपील की कि वह धार्मिक मामलों में दखलअंदाजी करने से बचे ।
उन्होंने कहा, ‘‘ हम विधेयक पर चर्चा करेंगे । सरकार को मजहबी मामलों में दखल नहीं देना चाहिए। ’’ उन्होंने इस संबंध में संविधान के अनुच्छेद 25 का हवाला दिया जो ‘‘पेशेगत आजादी और धर्म के प्रसार की स्वतंत्रता की बात करता है।’’ उन्होंने कहा कि सरकार हर धार्मिक मामले में दखल दे रही है।
खड़गे ने कहा,‘‘ इसलिए हम इसे लेकर लड़ाई लड़ रहे हैं । हम सभी राजनीतिक दलों से इस बारे में बात करेंगे कि क्या इसे लेकर कोई समस्या है। हम देखेंगे कि क्या इसे संसदीय समिति को भेजने से कोई समाधान निकल सकता है।’’
भाकपा नेता डी राजा ने संवाददाताओं से कहा कि विधेयक को आगे चर्चा के लिए प्रवर समिति को भेजा जाना चाहिए।
शिवसेना के सांसद अरविंद सावंत ने कहा कि पति को सीधे जेल भेजने का प्रावधान नहीं होना चाहिए। उन्होंने कहा, ‘‘इसका समाधान निकाले जाने की जरूरत है।’’
कांग्रेस के इस पर चर्चा को राजी होने के बाद लोकसभा ने पिछले सप्ताह इस विधेयक को 27 दिसंबर को लाने का फैसला किया था। नया विधेयक लोकसभा में 17 दिसंबर को लाया गया था । इससे पहले इस मुद्दे पर सितंबर में अध्यादेश जारी किया गया था।