पिनराई विजयन : पांच साल के कुशल प्रशासन के बूते तोड़ा चार दशक का रिकॉर्ड

By भाषा | Updated: May 23, 2021 13:24 IST2021-05-23T13:24:56+5:302021-05-23T13:24:56+5:30

Pinarayi Vijayan: Four-decade record broken due to efficient administration of five years | पिनराई विजयन : पांच साल के कुशल प्रशासन के बूते तोड़ा चार दशक का रिकॉर्ड

पिनराई विजयन : पांच साल के कुशल प्रशासन के बूते तोड़ा चार दशक का रिकॉर्ड

नयी दिल्ली, 23 मई पिछले चार दशक से हर पांच वर्ष बाद अपनी आस्थाएं बदलकर कभी वाम लोकतांत्रिक मोर्चे (एलडीएफ) तो कभी संयुक्त लोकतांत्रिक मोर्चे (यूडीएफ) को सत्ता सौंपती रही केरल की जनता को स्वास्थ्य, मूलभूत ढांचे और आर्थिक एवं सामाजिक सुरक्षा जैसी योजनाओं के दम पर अपने मोह में बांधकर लगातार दूसरी बार मुख्यमंत्री की कुर्सी संभालने वाले पिनराई विजयन को एक कुशल प्रशासक, चतुर रणनीतिकार, भरोसेमंद संरक्षक, ईमानदार प्रबंधक और निर्णायक नेता के तौर पर देखा जाता है।

पिनराई को केरल की जनता एक सच्चे मददगार के तौर पर देखती है क्योंकि उन्होंने अपने कार्यकाल के दौरान विभिन्न प्राकृतिक आपदाओं का बड़ी दृढ़ता और समझदारी से सामना किया। 2018 में राज्य में आई भयंकर बाढ़ हो या मछुआरों को तबाह कर देने वाला समुद्री तूफान, पिनराई हर आपदा के सामने डटकर खड़े रहे। 2019 में निपाह वायरस का प्रकोप हो या कोविड 19 की महामारी, उन्होंने मुख्यमंत्री के तौर पर हालात पर अपना नियंत्रण कभी ढीला नहीं होने दिया। उनके काम करने का तरीका उन्हें आम जनता में लोकप्रिय बनाने का बड़ा कारण है। वह सुबह सवेरे अपने कार्यालय पहुंच जाते हैं और देर रात तक काम करते हैं।

मुख्यमंत्री के तौर पर अपने ज्यादातर फैसले पार्टी के हित को ध्यान में रखकर करने वाले पिनराई के साथ कुछ दिलचस्प बातें भी जुड़ी हैं। उनके कुछ दोस्त उनके सशक्त नेतृत्व को देखते हुए उन्हें ‘कप्तान’ बुलाते हैं, हालांकि पार्टी में इस बात की सख्त मनाही है और वहां कार्यकर्ता से लेकर शीर्ष नेतृत्व तक सब ‘कामरेड’ होते हैं। पिनराई को ‘धोती वाला मोदी’ और ‘केरल का स्तालिन’ भी कहा जाता है। उन्हें यह नाम देने की भी वजह हैं। दरअसल, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तरह वह भी एक साधारण परिवार से ताल्लुक रखते हैं और कदम दर कदम आगे बढ़ते हुए राज्य के मुख्यमंत्री पद तक पहुंचे हैं। उनके बारे में यह भी कहा जाता है कि वह अपने फैसलों में किसी का दखल बर्दाश्त नहीं करते। अब स्तालिन से उनकी तुलना की बात करें तो राजनीति के खेल के माहिर पिनराई ने सफलता की सीढ़ियां चढ़ते हुए अपने विरोधियों, जिनमें केरल के पूर्व मुख्यमंत्री वी एस अच्युतानंदन जैसे दिग्गज शामिल हैं, का बड़ी कुशलता से सफाया किया और कड़े विरोध के बावजूद अपने फैसलों पर टिके रहे।

भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) के पोलित ब्यूरो के सदस्य 77 वर्षीय पिनराई के सफर पर एक नजर डालें तो कन्नूर के एक गरीब परिवार में जन्मे पिनराई ने पेरलास्सेरी हाईस्कूल से शुरुआती पढ़ाई करने के बाद ब्रेनन कॉलेज से आगे की पढ़ाई की और इस दौरान छात्र संघों के माध्यम से उन्होंने राजनीति के गुर सीखे। 1964 में वह औपचारिक रूप से भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी :मार्क्सवादी: में शामिल हो गए और यहां से सक्रिय राजनीति में उनके सफर की शुरुआत हुई। जिला समिति और जिला सचिवालय से आगे बढ़ते हुए वह 1998 में पार्टी की केरल इकाई के प्रभारी बनाए गए और 2015 तक इस पद पर रहे। इस दौरान वह राज्य में कई विभागों के मंत्री बनाए गए और पार्टी के शीर्ष नेतृत्व के करीबी बने रहे। फिर आया वर्ष 2016 का विधानसभा चुनाव, जो उन्हें मुख्यमंत्री की कुर्सी तक ले गया।

केरल विधानसभा का 2016 का चुनाव आते आते पार्टी में पिनराई का जलवा बहुत बढ़ चुका था और वह 2006 से 2011 के बीच राज्य के मुख्यमंत्री रहे वी एस अच्युतानंदन से एक बड़ी सियासी जंग जीत चुके थे। दरअसल वर्ष 2007 में राज्य की सियासत के इन दो दिग्गजों के बीच भीषण झगड़ा हुआ, जिसके बाद पार्टी आलाकमान ने दोनों को पोलित ब्यूरो से निकाल दिया। बाद में पिनराई को तो उनका दर्जा वापस दे दिया गया, लेकिन अच्युतानंदन को आमंत्रित सदस्य की हैसियत से संतोष करना पड़ा। 2016 के चुनाव में किसी नेता को मुख्यमंत्री के तौर पर पेश नहीं किया गया और दोनों दिग्गजों के लिए मुकाबले के लिए मैदान खुला छोड़ दिया गया। एलडीएफ ने 140 में से 91 सीट जीतकर कांग्रेस के नेतृत्व वाले यूडीएफ से सत्ता छीन ली और अच्युतानंदन से 20 बरस छोटे पिनराई का कद उनसे कहीं ऊंचा साबित हुआ।

मुख्यमंत्री की कुर्सी मिलने के बाद पिनराई राज्य की जनता के दिल में जगह बनाने के अभियान में जुट गए और कई पुरानी परियोजनाओं पर काम शुरू करवाने के अलावा पेंशन और राशन के वितरण पर खास जोर दिया। उन्होंने कई तरह की कल्याणकारी योजनाओं को अमल में लाकर केरल की जनता को अपने मोह में बांध लिया और उसी का नतीजा है कि वह एक नया इतिहास लिखने में कामयाब रहे। उन्होंने अगले पांच साल के लिए भी तैयारी अभी से शुरू कर दी है और वह गरीबी उन्मूलन, स्मार्ट किचन प्रोजेक्ट और घरेलू काम करने वाली महिलाओं के संरक्षण के साथ ही 20 लाख युवकों को नौकरी देने की तैयारी के साथ केरल की जनता का विश्वास बनाए रखने का इरादा रखते हैं।

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Web Title: Pinarayi Vijayan: Four-decade record broken due to efficient administration of five years

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