श्रीनगरः जामा मस्जिद में अब नहीं ले सकते है फोटो, पुरुष और महिलाओं के साथ बैठने पर भी लगाई गई है रोक, जानें पूरा मामला
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: December 16, 2022 05:20 PM2022-12-16T17:20:37+5:302022-12-16T17:42:39+5:30
आपको बता दें कि अधिसूचना में यह भी कहा गया है कि ‘‘किसी को मस्जिद के अंदर भोजन या कोई अन्य खाद्य पदार्थ खाने की अनुमति नहीं है। ऐसे आंगुतकों को द्वार पर ही रोक दिया जाए।’’

फोटो सोर्स: ANI फाइल फोटो
श्रीनगर: श्रीनगर की ऐतिहासिक जामा मस्जिद के प्रबंधन ने मस्जिद के अंदर फोटो लेने पर रोक लगा दी है। साथ ही पुरूष एवं महिलाओं के 'लॉन' में साथ बैठने को प्रतिबंधित किया गया है।
यही नहीं मस्जिद परिसर के चारों ओर लगाई गई अधिसूचना में अंजुमन औकफ सेंट्रल जामा मस्जिद ने कहा कि अंदर 'फोटोग्राफी' उपकरण ले जाने की भी मनाही है। ऐसे में मस्जिद के प्रबंधन द्वारा सुरक्षाकर्मियों को इस निर्देश को तुरन्त लागू करने की बात कही है।
अधिसूचना में क्या कहा गया है
अधिसूचना के जरिए यह कहा गया है कि ‘‘छायाकारों या कैमराकर्मियों पर मस्जिद के अंदर किसी प्रकार के फोटो लेने पर रोक है। किसी प्रकार का फोटो लेने के उपयोग में आने वाले उपकरणों को अंदर ले जाने की बिल्कुल इजाजत नहीं है और ऐसे उपकरणों को गेट पर रोक दिया जाए।’’
उसने अधिसूचना में कहा, ‘‘किसी को मस्जिद के अंदर भोजन या कोई अन्य खाद्य पदार्थ खाने की अनुमति नहीं है। ऐसे आंगुतकों को द्वार पर ही रोक दिया जाए।’’ आपको बता दें कि चौदहवीं सदी की इस मस्जिद के प्रबंधन ने अपने सुरक्षाकर्मियों को उसके निर्देशों को तत्काल लागू करने का निर्देश दिया है।
ऐसे में अगर कोई महिला मस्जिद जाना चाहती है वह मस्जिद में जा सकती हैं यदि उनके लिए पुरूषों से अलग जगह निर्धारित हो तभी वह ऐसा कर सकती है।
दिल्ली जामा मस्जिद पर भी लगाए गए थे बैन जिसे बाद में हटा दिया गया
इससे पहले दिल्ली के जामा मस्जिद ने महिलाओं के प्रवेश पर भी रोक लगाया था जिसे बाद में वापस ले लिया गया था। इस मामले में उठे विवाद के बाद हस्तक्षेप करते हुए दिल्ली के उप राज्यपाल वी के सक्सेना ने शाही इमाम से बात की थी। जामा मस्जिद प्रशासन ने नोटिस लगाया था, ‘‘जामा मस्जिद में लड़की या लड़कियों का अकेले दाखिला मना है।’’
मामले में जामा मस्जिद के शाही इमाम सैयद अहमद बुखारी ने को बताया कि ‘‘उप राज्यपाल ने मुझसे बात की। हमने नोटिस बोर्ड हटा दिये हैं। लेकिन मस्जिद देखने के लिए आने वाले लोगों को उसकी शुचिता बनाकर रखनी होगी।’’
शाही इमाम सैयद अहमद बुखारी ने क्या कहा था
इस पर बोलते हुए शाही इमाम सैयद अहमद बुखारी ने कहा, ‘‘महिलाओं के प्रवेश पर कभी कोई प्रतिबंध नहीं था। वे आ सकती हैं और नमाज अदा कर सकती हैं और यहां तक कि घूम भी सकती हैं लेकिन किसी धार्मिक स्थल की शुचिता बनाकर रखनी होगी।’’
जामा मस्जिद के प्रशासन ने इसके मुख्य द्वारों पर नोटिस लगाया था जिसमें कहा गया था कि मस्जिद में लड़कियों के अकेले या समूह में प्रवेश पर रोक है। इस फैसले पर विवाद शुरू होने के बाद शाही इमाम ने आज दिन में कहा था कि यह आदेश नमाज पढ़ने वालों के लिए नहीं है। मस्जिद प्रशासन के सूत्रों ने कहा कि तीन मुख्य प्रवेश द्वारों के बाहर कुछ दिन पहले नोटिस लगाये गये थे, जिन पर तारीख नहीं है।