पेट्रोल-डीजल के बढ़ते दामों से एक महीने के लिए मिल सकती है निजात, ये रहे सबूत!
By आदित्य द्विवेदी | Updated: September 9, 2018 07:32 IST2018-09-09T07:32:05+5:302018-09-09T07:32:05+5:30
नवंबर में केंद्र सरकार पेट्रोल-डीजल की रोजाना बढ़ती कीमतों पर कुछ दिन के लिए रोक लगा सकती है।

फाइल फोटो
नई दिल्ली, 9 सितंबरः पेट्रोल-डीजल की कीमतों ने देशभर में आग लगा रखी है। देश के कई हिस्सों में पेट्रोल 90 रुपये के करीब और डीजल 80 रुपये प्रति लीटर बिक रहा है। पेट्रोलियम कीमतों की आसमान छूती कीमतों के विरोध ने कांग्रेस और कुछ अन्य विपक्षी दलों ने 10 सितंबर को भारत बंद का आवाहन किया है। पेट्रोलियम पदार्थों की बढ़ती कीमतों का असर हमारी रोजमर्रा की वस्तुओं पर भी पड़ता है। इन सब के बावजूद पेट्रोल-डीजल की बढ़ती कीमतों में कोई बड़ी राहत मिलने की उम्मीद दिखाई नहीं दे रही है। रोजाना बढ़ती कीमतों से कुछ दिनों के लिए आपको छुटकारा जरूर मिल सकता है। आप भी सोच रहे होंगे भला राहत मिलने का क्या तरीका है? राहत पाने के लिए आपको कुछ नहीं करना है। सिर्फ नीचे दिए गए दो उदाहरण पढ़ लीजिए, पूरी कहानी समझ जाएंगे।
उदाहरण-1: इस साल मई में कर्नाटक विधानसभा चुनाव हुए थे। 12 को वोटिंग होनी थी लेकिन उससे बीस दिन पहले पेट्रोल और डीजल की रोजाना बढ़ती कीमतों पर ब्रेक लगा दिया गया था। उस दौरान 20 दिन कीमतों में कोई परिवर्तन नहीं किए गए।
उदाहरण-2: इस साल की शुरुआती तिमाही में देश के पांच राज्यों में चुनाव होने थे। इनमें पंजाब, गोवा, उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश और मणिपुर शामिल था। इन चुनावों के मद्देनजर 16 जनवरी से 1 अप्रैल के बीच पेट्रोल और डीजल के दामों में स्थिरता देखने को मिली थी।
इस पैटर्न पर गौर करें तो इस साल नवंबर में मध्य प्रदेश, राजस्थान, छत्तीसगढ़ और मिजोरम में विधानसभा चुनाव होने हैं। इसको मद्देनजर रखते हुए केंद्र सरकार करीब एक महीने के लिए पेट्रोल और डीजल के बढ़ते दाम में ब्रेक लगा सकती है। लेकिन यह राहत फौरी तौर पर ही होगी। क्योंकि कर्नाटक चुनाव के लिए 12 मई को वोटिंग होने के बाद लगभग 17 दिनों में ही पेट्रोल के दाम करीब 4 रुपये बढ़ा दिए गए थे।
पेट्रोल और डीजल की आसमान छूती कीमतों के बीच केंद्रीय पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा है कि सरकार उत्पाद शुल्क घटाने पर विचार नहीं कर रही है क्योंकि यह इस मुद्दे का प्रभावी हल नहीं है। उन्होंने तेल को फिर से गुड्स ऐंड सर्विसेज टैक्स (जीएसटी) में लाने की बात कही।