‘‘अपराधी-नेता साठगांठ’’ की लोकपाल की निगरानी में जांच कराये जाने को लेकर न्यायालय में याचिका दायर
By भाषा | Published: November 22, 2020 07:54 PM2020-11-22T19:54:58+5:302020-11-22T19:54:58+5:30
नयी दिल्ली, 22 नवम्बर उच्चतम न्यायालय में एक याचिका दायर की गई है जिसमें ‘‘अपराधी-नेता साठगांठ’’ की लोकपाल की निगरानी में जांच कराये जाने का अनुरोध किया गया है।
इस याचिका पर आगामी दिनों में सुनवाई होने की संभावना है। इसमें एनआईए, सीबीआई, ईडी, आईबी, एसएफआईओ, रॉ, सीबीडीटी और एनसीबी द्वारा की जाने वाले जांच की निगरानी करने का लोकपाल को निर्देश दिये जाने का आग्रह किया गया है।
याचिकाकर्ता ने न्यायालय से सीआरपीसी के तहत वैधानिक शक्तियों का इस्तेमाल करने के लिए लोकपाल को सशक्त बनाने का भी आग्रह किया है। साथ ही न्यायालय से यह भी घोषित करने को कहा गया है कि लोकपाल नेताओं-नौकरशाहों-अपराधियों के खिलाफ आईपीसी और अन्य कानूनों के तहत अपराधों के लिये एकत्र सबूतों के आधार पर मुकदमा चलाने में सक्षम होगा।
इसमें कहा गया है, ‘‘अदालत ऐसे सभी मामलों में तेजी लाने के लिए विशेष न्यायालयों के गठन का निर्देश दे सकती है।’’
पूर्व केन्द्रीय गृह सचिव एन एन वोहरा ने राजनीति के अपराधीकरण और अपराधियों, राजनेताओं और नौकरशाहों के बीच साठगांठ की समस्या का अध्ययन करने के लिए गठित समिति की अध्यक्षता की थी। समिति ने अपनी रिपोर्ट अक्टूबर 1993 में सौंप दी थी।
रिपोर्ट में आपराधिक नेटवर्क पर आधिकारिक एजेंसियों की टिप्पणियों को शामिल किया गया था। याचिका में कहा गया है, ‘‘हालांकि, वोहरा समिति की रिपोर्ट के निष्कर्षों पर कोई कार्रवाई पिछले 27 वर्षों में शुरू नहीं की गई है।’’
याचिकाकर्ता ने उन सभी नेताओं के पद्म पुरस्कार वापस लेने का गृह सचिव को निर्देश देने का आग्रह किया है, जिनके नाम वोहरा समिति की रिपोर्ट में हैं।
यह याचिका अधिवक्ता अश्विनी कुमार उपाध्याय ने दायर की है। याचिका में न्यायालय से यह भी आग्रह किया गया है कि एनआईए, सीबीआई, ईडी, आईबी, एसएफआईओ, रॉ, सीबीडीटी और एनसीबी जैसी जांच एजेंसियों द्वारा की जा रही जांच की निगरानी के लिए एक न्यायिक आयोग का गठन किया जाये।
Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।