अरावली वनभूमि पर सड़क के अवैध निर्माण एवं अनधिकृत खनन आरोप संबंधी याचिका एनजीटी से खारिज
By भाषा | Updated: June 14, 2021 16:16 IST2021-06-14T16:16:34+5:302021-06-14T16:16:34+5:30

अरावली वनभूमि पर सड़क के अवैध निर्माण एवं अनधिकृत खनन आरोप संबंधी याचिका एनजीटी से खारिज
थ् नयी दिल्ली, 14 जून राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) ने उस अर्जी को खारिज कर दिया है जिसमें हरियाणा में गुरूग्राम जिले के मानेसर में अवैध सड़क का निर्माण करके एवं अवैध खनन करके वन (संरक्षण) अधिनियम, 1980 का उल्लंघन करने का आरोप लगाया गया था।
अधिकरण के अध्यक्ष न्यायमूर्ति आदर्श कुमार गोयल और न्यायमूर्ति एस के सिंह की पीठ ने इस अर्जी को दरकिनार कर दिया जिसमें 16 मार्च, 2021 के उसके आदेश पर पुनर्विचार का अनुरोध किया गया था। इस आदेश में अतिक्रमणकर्ताओं के विरूद्ध कार्रवाई का निर्देश दिया गया था।
अधिकरण ने कहा कि पुनर्विचार का अनुरोध करने वाले आवेदक ने जो कहा है कि पांच फरवरी, 2021 की अपनी रिपोर्ट में वन विभाग ने यह गलत लिखा था कि वह अतिक्रमणकर्ता है, वह बात मूल आवेदन के निस्तारण के वक्त अधिकरण के समक्ष विचाराधीन विषय थी ही नहीं।
अधिकरण ने कहा, ‘‘ मूल आवेदन में जो विचारणीय मामला था , वह अवैध खनन एवं वनभूमि का अतिक्रमण था। पीसीसीएफ (एचओएफएफ) पंचकूला की रिपोर्ट के आधार पर विधिक प्राधिकार को कानून सम्मत कार्रवाई करने का निर्देश दिया गया। ’’
पीठ ने कहा, ‘‘ उपरोक्त तथ्यों के आलोक में समीक्षा आवेदन पर विचार करने का कोई आधार नहीं बनता है। समीक्षा याचिका में कोई दम नहीं है और वह खारिज करने के लायक है। किसी भी पक्ष के सही स्वत्वअधिकार एवं हित के निर्धारण के लिए पीड़ित व्यक्ति को उचित मंच पर जाने की सलाह दी जाती है।’’
अधिकरण एक किसान एवं पूर्व सरपंच राम अवतार यादव की याचिका की सुनवाई कर रहा था।
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